कांवड यात्रा : गंगनहर पटरी के निर्माण का फिर फंसा पेच, शासन ने मांगा जवाब Meerut News
लोनिवि के संयुक्त सचिव ने प्रमुख अभियंता से गंगनहर पटरी के निर्माण की रिपोर्ट मांगी है। जो केवल कांवड़ यात्रा के दौरान देखने को मिलता है।
मेरठ, जेएनएन। हर कांवड़ यात्र के पहले गंगनहर पटरी के निर्माण का झुनझुना बजता है, जो कांवड़ यात्र के समाप्त होते ही अगले बरस तक के लिए ठंडे बस्ते में चला जाता है। एक बार फिर ऐसा हुआ है। चौधरी चरण सिंह कांवड़ गंगनहर पटरी मार्ग की प्री-कंस्ट्रक्शन एक्टीविटी के लिए भेजी गई 109.28 करोड़ की लागत पर एक बार फिर पेंच फंस गया है। लोक निर्माण विभाग द्वारा भेजी गई डीपीआर में संयुक्त सचिव ने तीन बिंदुओं पर आपत्ति दर्ज करते हुए टिप्पणी कर दी है। उन्होंने प्रमुख अभियंता को शासनादेश उपलब्ध करने के आदेश दिए हैं। संयुक्त सचिव ने प्रमुख अभियंता लखनऊ व मेरठ से शासनादेश के साथ रिपोर्ट मांगी है।
प्री-कंस्ट्रक्शन के लिए मांगे थे 109.28 करोड़
लोक निर्माण विभाग ने दायीं पटरी के निर्माण के लिए 694.78 करोड़ की डीपीआर भेजी थी। इस डीपीआर में मेरठ, मुजफ्फरनगर व गाजियाबाद जनपद समेत तीनों जनपदों के सभी निर्माण कार्य शामिल हैं। निर्माण कार्य शुरू करने से पहले लोनिवि ने भूमि अधिग्रहण, यूटिलिटी शिफ्टिंग व सिंचाई विभाग के कार्यो हेतु प्री-कंस्ट्रक्शन एक्टीविटी के तहत 109.28 करोड़ की स्वीकृति मांगी थी।
पीडब्ल्यूडी के निर्माण खंड अधिशासी अभियंता सीपी सिंह ने कहा कि गंगनहर पटरी की डीपीआर में प्री-कंस्ट्रक्शन एक्टीविटी पर कुछ बिंदुओं के बारे में जानकारी मांगी गई है। सिंचाई विभाग व भूमि अधिग्रहण से जानकारी कर जवाब शासन को भेजा जाएगा।
शासन लापरवाह
पिछले साल के कांवड़ यात्रा के दौरान भी ये मामला प्रकाश में आया था पर आपस में ही रिपोर्ट तलब करके अधिकारी खामोश रह गए । जब कांवड़ यात्रा समाप्त हो गई तो इस ओर किसी अधिकारी का ध्यान तक नहीं गया। ऐसे ही इस बार भी यह मामला गरमाया हुआ है।