आबूनाला-दो की सफाई तो हुई लेकिन गहराई में जमा है सिल्ट
मंगलवार को नालानामा अभियान के तहत आबूनाला दो और डिफेंस कालोनी की जलनिकासी के इंतजामों का जायजा लिया गया है।
मेरठ,जेएनएन। पिछले साल बारिश में भीषण जलभराव की चपेट में आए डिफेंस कालोनी समेत कई मोहल्लों की जलनिकासी इस बार प्रभावित न हो, इसके लिए नगर निगम ने कुछ समाधान तो शुरू किए हैं। लेकिन बड़े नाले की तलीझाड़ सफाई और उससे जुड़े छोटे-छोटे नालों की सफाई की अभी भी दरकार है।
मंगलवार को 'नालानामा' अभियान के तहत आबूनाला दो और डिफेंस कालोनी की जलनिकासी के इंतजामों का जायजा लिया गया है। मवाना रोड पुल, कूड़ाघर के समीप, डिफेंस कालोनी के पास पहले की तुलना में सिल्ट और कूड़ा काफी कम हुआ है। नाले का जलस्तर भी सफाई के बाद नीचे हो गया है। जिससे पुल-पुलिया के पास कूड़ा जमने की समस्या कम हुई है। मवाना रोड से काली नदी की तरफ भी सफाई हो चुकी है। इस क्षेत्र में दोबारा मशीन लगाकर सफाई कराई जा रही है। ताकि कसेरूखेड़ा की ओर से बहकर आ रहा कूड़ा हटाया जा सके। लेकिन नाले से जुड़े छोटे-छोटे नाले अभी भी चोक हैं। वहीं, डिफेंस कालोनी में जलनिकासी के लिए एक पक्का चेंबर का निर्माण किया जा रहा है। नगर निगम द्वारा बनाए जा रहे चेंबर में पाइप लगाकर एक पंपिंग सेट रखा जाएगा। जो जलभराव जैसी स्थिति उत्पन्न होने पर डिफेंस कालोनी के पानी को बाहर फेंक देगा। इस दौरान चेक वॉल से बड़े नाले से उल्टा कालोनी में लौटकर आने वाले पानी को रोका जाएगा। नगर निगम का दावा है कि इस व्यवस्था से कालोनी में जलभराव की स्थिति से बचा जा सकेगा। मालूम हो कि वर्ष 2018 की 27 जुलाई को भीषण बारिश के चलते आबू नाला-दो का पानी ओवरफ्लो हो गया था। जिससे इससे जुड़ी कालोनियों के छोटे नालों की जलनिकासी ठप हो गई थी। स्थिति यह हो गई थी कि डिफेंस कालोनी जलमग्न हो गई थी।
इन मोहल्लों की होती है जलनिकासी
आबू नाला-दो खटकाना पुल से मवाना रोड पुल तक, गंगानगर कूड़ाघर से होते हुए किला रोड तक व गेसूपुर से गोकुलपुर के समीप काली नदी में जाकर गिरता है। करीब 3000 मीटर लंबा नाला कंकरखेड़ा, रुड़की रोड कृष्णा नगर और आसपास की तमाम कालोनियों, खटकानापुल, कसेरूखेड़ा, आजाद नगर, डिफेंस कालोनी, न्यू मीनाक्षीपुरम, मीनाक्षीपुरम, राधा गार्डन, गंगानगर, अब्दुल्लापुर, समेत अन्य मोहल्लों की जलनिकासी का प्रमुख जरिया है।
जलभराव के प्रमुख कारण
-बड़े नाले किनारे कसेरूखेड़ा की तरफ घरेलू उद्योगों का सारा मलबा नाले में डाला जाता है। नाले का पानी ओवरफ्लो हो गया था।
- बड़े नाले का पानी ओवरफ्लो होने से डिफेंस कालोनी की जलनिकासी ठप हो गई थी। जिससे भीषण जलभराव हो गया था।
- बड़े नाले की सफाई पिछले साल ठीक से नहीं की गई थी। कसेरूखेड़ा की तरफ की डेयरियों का गोबर भी इसी में आता था।
ये समाधान हुए
-आबूनाला-दो का पानी ओवर फ्लो होने डिफेंस कालोनी की जलनिकासी ठप होने पर इस बार पंपिंग सेट के जरिए कालोनी के पानी को जलभराव की स्थिति से पहले ही बाहर फेंका जा सकेगा। इसके लिए नगर निगम कालोनी के नाले के पास एक पक्का चेंबर बना रहा है। जिसमें पंपिंग सेट रखा जाएगा।
- आबूनाला-दो की सफाई एक बार हो चुकी है। बड़ी मात्रा में सिल्ट निकाली गई है। नगर निगम ने दोबारा फिर मशीन सफाई के लिए लगा दी है।
ये समस्या बरकरार
- बड़े नाले में घरेलू उद्योगों को मलवा रोकने का कार्य नहीं किया गया है। वहीं छोटे-छोटे नालों की सफाई भी अभी तक नहीं की गई है। जिससे समस्या खड़ी हो सकती है।
इनकी है जिम्मेदारी
आबू नाला-दो की सफाई की जिम्मेदारी सूरजकुंड डिपो वाहन प्रभारी व जोनल सेनेटरी अधिकारी अरुण खरखौदिया की है। सफाई निरीक्षण अजय शील के क्षेत्र में यह नाला आता है।
परेशानी लोगों की जुबानी ..
-जलभराव की स्थिति में डिफेंस कालोनी से पानी बाहर निकालने के लिए नगर निगम की ओर से एक पंपिंग सेट की व्यवस्था की जा रही है। चेंबर बन गया है। इससे जरूर राहत मिलेगी। नाले की सफाई भी हुई है। लेकिन इसे बारिश तक बरकरार रखा जाना चाहिए।
- रि. मेजर, महेंद्र सिंह, चेयरमैन, द सैनिक सहकारी आवास समिति लिमिटेड।
- पिछले साल बारिश में डिफेंस कालोनी के हालात भयावह थे। इस बार उसकी पुनरावृत्ति न होनी चाहिए। नगर निगम को नाले की सफाई पर अभी और जोर देने की जरूरत है। जो लोग नाले में मलवा डाल रहे हैं उन पर रोक लगाने की जरूरत है। साथ ही सफाई के साथ सिल्ट भी उठाई जानी चाहिए।
- शशि सिरोही, वाइस चेयरमैन, द सैनिक सहकारी आवास समिति लिमिटेड।
-बारिश में जलनिकासी को सुनिश्चित होनी चाहिए। ध्यान देने वाली बात ये है कि बड़े नाले से बहुत से छोटे-छोटे नाले भी जुड़ते हैं। जो चोक पड़े है। उनमें कूड़ा भरा हुआ है। बारिश में ये नाले जलभराव का कारण बन सकते हैं। इनकी सफाई भी होनी चाहिए।
- राजकुमार अग्रवाल, निवासी डिफेंस कालोनी। इन्होंने कहा-
आबूनाला-दो की विशेष सफाई कराई जा रही है। पिछले साल जैसी स्थिति न बने, इसके लिए जलनिकासी के प्रबंध पर ध्यान दिया जा रहा है। सफाई में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने का निर्देश दिया गया है। इससे जुड़े छोटे नालों की सफाई भी सुनिश्चित कराई जाएगी।
- अमित कुमार सिंह, कार्यवाहक नगर आयुक्त