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हरी और ताजी सब्जी खाएंगे आंगनबाड़ी केंद्रों के नौनिहाल, सहारनपुर में पोषण वाटिकाएं तैयार, जैविक खाद का हो रहा इस्‍तेमाल

हरी सब्जी कम खाने से बच्चों के शरीर में वीटा कैरोटीन फोलेट कैल्शियम राइवो फ्लोविन तथा आयरन जैसे पोषक तत्वों की कमी के कारण बीमारियां पनपने लगती हैं। इन्हें ध्यान में रखते हुए ही सहारनपुर में पोषण वाटिकाओं का निर्माण किया जा रहा है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 01:55 PM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 01:55 PM (IST)
सहारनपुर में पोषण वाटिकाएं तैयार हो रहीं है

सहारनपुर, जागरण संवाददाता। कुपोषण मिटाने के लिए जनपद में पोषण वाटिकाओं का निर्माण किया जा रहा है। इन वाटिकाओं में उगले वाली हरी सब्जी आंगनबाड़ी केंद्रों व प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को खाने को मिलेगी। इसके लिए जनपद के 3410 आंगनबाड़ी केंद्रों में से 1167 पर पोषण वाटिका तैयार की गई है। वाटिकाओं में रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशक इस्तेमाल न कर जैविक खाद का प्रयोग किया गया है।

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जिला कार्यक्रम अधिकारी आशा त्रिपाठी का कहना है कि हरी सब्जी कम खाने से बच्चों के शरीर में वीटा कैरोटीन, फोलेट, कैल्शियम, राइवो फ्लोविन तथा आयरन जैसे पोषक तत्वों की कमी के कारण बीमारियां पनपने लगती हैं। इन्हें ध्यान में रखते हुए ही पोषण वाटिकाओं का निर्माण किया जा रहा है। पोषण वाटिकाओं में रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशक का इस्तेमाल न कर जैविक खाद का प्रयोग किया जा रहा है।

वाटिकाओं में ये लगाए फल व सब्जी

वाटिकाओं में पालक, लौकी, तौरई, कद्दू, बैंगन, गोभी, खीरा, गाजर, टमाटर, शलजम, भिंडी, मूली, मटर, सहजन, पपीता आदि के पौधे लगाए गए हैं। साथ ही कुपोषित बच्चों के घरों में भी 20 हजार पौधे दिये गए हैं, ताकि वह उन्हें अपनी सुविधानुसार लगाकर उनका सेवन कर सकें। पोषण वाटिकाओं के लिए बीज की उपलब्धता उद्यान विभाग व कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा उपलब्ध कराई गई है। पोषण वाटिकाओं की देखभाल का जिम्मा बाल विकास पुष्टाहार विभाग कर रहा है।

-1167 आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्थापित पोषण वाटिकाएं

- कुपोषित बच्चों के 20 हजार घरों में दिये गए पौधे।

इन्हें मिलेगा पोषण वाटिकाओं का लाभ

किशोरी बालिका 11-14 साल 90000

-5 साल तक के बच्चे 1.95 लाख

-गर्भवती व धात्री महिलाएं 72,000

-पंजीकृत शून्य से 5 वर्ष के बच्चे 2.26 लाख

धान की फसल को वर्षा से हुआ नुकसान

सहारनपुर। लगातार दो दिन से हो रही बारिश ने किसानों को मायूस कर दिया है। धान की फसल पक कर तैयार है। कुछ फसल कटने के बाद खेत में ही पड़ी है। फसल खराब होने की संभावना है। बारिश से मौसम मे ठंडक भी महसूस की जा रही है। सोमवार को साप्ताहिक पैठ होने के बावजूद ग्राहक नदारद मिले। गांव बलालखेडी, ढायकी, रंढेडी, चकवाली, अलीपुरा, बाहीखेड़ी, रामसहायवाला आदि में दो दिन से धान की कटाई बाधित है तो वहीं कुछ किसान गिरी हुई फसल को जुटाई के सहारे खड़ी करने का प्रयास कर रहे हैं।

महंगी क्षेत्र में दो दिन से हो रही बारिश से खास तौर पर जो फसल किसानों ने काट रखी हैं, वह पानी में भीग रही है। नीचे के खेतों तो डूब गई हैं, जिससे धान खराब होने की आशंका से किसान ङ्क्षचतित हैं। किसानों ने बताया कि बासमती धान जमीन पर बिछ गई, जिससे उसके गुणवत्ता में कमी आ जाएगी वहीं पर उत्पादन भी कम होगा। इसके चलते बाजार में भाव कम मिलेगा। वहीं पर तेज हवाओं से गन्ने की फसल भी गिर गई है, जिससे किसान बारिश के बावजूद उसको बांधने पर लग गए हैं।


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