बच्चे का पेट फूला है..एंजाइम तो नहीं सूख रहा
बच्चे का पेट लटक रहा है। हाथ पैर में सूजन व थकान के साथ दर्द रहता है।
मेरठ : बच्चे का पेट लटक रहा है। हाथ पैर में सूजन व थकान के साथ दर्द रहता है। पेशाब में गंध के साथ ही आंखों की रोशनी घट रही है तो अभिभावकों को तत्काल सावधान होने की जरुरत है। आशंका है कि बच्चे में एंजाइम बनना बंद हो गया हो। यह गंभीर बीमारी है। अपंगता के साथ मौत के मुहाने तक ले जाती है। बीमारी का वक्त पर पता चलने से एंजाइम रिप्लेसमेंट थेरेपी से अपंगता रोकी जा सकती है।
मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग में शनिवार को गोशर नामक दुर्लभ बीमारी पर आयोजित सेमिनार में यह निष्कर्ष निकला। 'इनबार्न एरर आफ मेटाबोलिज्म' विषय पर अनुभव साझा करते हुए चिकित्सकों ने कहा कि माता-पिता के जीन्स में विकार से यह बीमारी बच्चों में पहुंचती है। बच्चों में लक्षण उभरने पर 80 फीसद चिकित्सक उसे सामान्य बीमारी समझ लेते हैं। बीमारी गंभीर हो जाती है। जेनेटिक विकार से एंजाइम नहीं बनता है। पेट फूलना, दौरा पड़ना, थकान, हड्डी का जल्द टूटना, शुगर कम होना, रक्त एवं प्लेटलेट्स में कमी, लंबाई न बढ़ना जैसे तमाम लक्षण शामिल हैं। 50 हजार में से एक बच्चे में यह बीमारी मिलती है। कार्यक्रम में डा. विनय अग्रवाल, डा. विजय जायसवाल, डा. हरवंश चोपड़ा, डा. आरपी शर्मा, डा. अभिषेक सिंह, डा. अनुपमा वर्मा, डा. नवरत्न गुप्ता, डा. प्रियंका गुप्ता आदि ने विचार रखे। इन लक्षणों पर भी रखें नजर
-दिल फैलना, सांस में दिक्कत, चलने फिरने में परेशानी, हाथ-पैर में तेज जलन, गर्मी एवं सर्दी बर्दाश्त न कर पाना, पसीना कम आना, शरीर पर लाल व बैंगनी रंग के चकत्ते। लीवर व तिल्ली बढ़ना, कंकाल, दिमाग से कमजोर होना व कब्ज रहने जैसे लक्षण भी गोशर बीमारी के संकेत हैं। इनका कहना--
यह दुर्लभ बीमारी अनुवांशिक मेटाबोलिज्म विकार की वजह से होती है। शरीर के तमाम एंजाइम सूख जाते हैं। मेडिकल कालेज में जल्द ही गोशर की जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। एंजाइम रिप्लेसमेंट थेरेपी एवं अन्य इलाज से अपंगता रोकी जा सकती है।
डा. विजय जायसवाल, विभागाध्यक्ष, बाल रोग विभाग