थापरनगर में हटे कूड़े के ढेर, साफ हुई गलियां
शहर की पॉश कालोनियों में से एक वार्ड 64 की थापरनगर कालोनी में भी सफाई व्यवस्था बेहाल है। यहां नियमित सफाई नहीं होती और कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। गुरुवार को दैनिक जागरण के विशेष सफाई अभियान में यहां की गलियां सफाई से चमक गई। कूड़े के ढेर गायब हो गये। अपर नगर आयुक्त और नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने लोगों की समस्याएं भी सुनी जिससे लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
मेरठ। शहर की पॉश कालोनियों में से एक वार्ड 64 की थापरनगर कालोनी में भी सफाई व्यवस्था बेहाल है। यहां नियमित सफाई नहीं होती और कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। गुरुवार को दैनिक जागरण के विशेष सफाई अभियान में यहां की गलियां सफाई से चमक गई। कूड़े के ढेर गायब हो गये। अपर नगर आयुक्त और नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने लोगों की समस्याएं भी सुनी जिससे लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
नगर निगम के वार्ड 64 में शामिल कालोनी थापरनगर में शहर के तमाम वीआइपी लोग रहते हैं। यह पॉश इलाका है जिसे हाउस टैक्स के रूप में नगर निगम को दी जाने वाली भारी भरकम राशि पर नाज है। लेकिन निगम की ओर से उन्हें जनसुविधाओं की उपलब्धता नहीं हो पा रही है।
सफाई नियमित नहीं होती। न कूड़ा उठता है। निगम की पेयजल लाइन में पानी भी कम प्रेशर से आता है। वह दूषित है। क्षेत्र की समस्याओं को देखते हुए गुरुवार को दैनिक जागरण ने यहां अपना विशेष सफाई अभियान स्वच्छ मेरठ, स्वस्थ मेरठ चलाया। अभियान के दौरान निगम के सफाई कर्मचारियों की टीम ने सफाई निरीक्षक प्रमोद सैनी और सफाई नायक कमल मनोठिया के नेतृत्व में थापर नगर की आधा दर्जन गलियों में
सफाई कार्य किया। झाड़ू लगने से सड़कें साफ हो गई। कूड़े के ढेर गायब हो गये। नालियां साफ होने से गंदे पानी की निकासी शुरू हो गई। जिससे लोग खासे खुश हुए। गोल चक्कर के पास सफाई कर्मियों के कई रंग बिरंगी आकर्षक रंगोलियां भी सजाई। अपर नगर आयुक्त अलीहसन कर्नी और नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. कुंवरसैन ने पूरे क्षेत्र में घूमकर सफाई व्यवस्था का निरीक्षण किया। इस दौरान स्थानीय लोगों ने अपनी समस्याएं बताई जिनके समाधान का उन्होंने आश्वासन दिया। थापरनगर की प्रमुख समस्याएं
- सफाई कर्मचारी नहीं आते। जो आते हैं 30 रुपया महीना लेते हैं।
- नालियां कूड़े से अटी, सड़कों पर कूड़े के ढेर लगे हैं।
- कुछ गलियों में नालियां और सड़कें टूटी हैं। वहां घास भी उग आई है।
- रोडवेज बस स्टेंड के पीछे से गुजरकर थापरनगर में आने वाला नाला साफ नहीं हुआ है। वह कच्चा है, जिससे दुर्गध और जलभराव की समस्या है।
- सीवर लाइन पुरानी है। जो कि चोक हो जाती हैं।
- स्ट्रीट लाइटें बड़ी संख्या में खराब हैं।
- गंदगी से मच्छर और बीमारियां फैल रही हैं।
- हैंडपंप खराब पड़े हैं।
- डोर टू डोर वाली गाड़ी पूरे क्षेत्र में नहीं जाती है। - जनता ने प्रथम सरकारी किश्त का पैसा लेकर शौचालय नहीं बनाये हैं।
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जनता बोली, नाले से नरक बनी कालोनी में जिंदगी
- कालोनी में सफाई कर्मचारी नियमित नहीं आते हैं। गंदगी फैली रहती है। कुल लोग घर घर पहुंचकर कूड़े ले जाते हैं लेकिन 30 रुपया महीना वसूलते भी हैं।
सुशील कुमार - रोडवेज बस स्टेंड और कालोनी के पीछे से निकलकर नाला कालोनी में आता है। इस नाले में छावनी क्षेत्र का अधिकांश पानी आता है।
नाला कच्चा है। जिसकी सफाई नहीं होती। इसकी दुर्गध ने कालोनी में जीना मुहाल कर रखा है।
सुमित खंडूजा - कालोनी में स्ट्रीट लाइटें बंद हैं। बार बार शिकायतों के बाद भी उन्हें ठीक करने कोई नहीं आता। एजेंसी के अधिकारी सुनते नहीं हैं। हैंडपंप अधिकांश खराब हैं।
पूनम - कालोनी की कई गलियां और नाली क्षतिग्रस्त हैं। उनमें गंदा पानी लबालब है। गलियों के किनारे घास भी उग आई है। शुभ्रा गोयल - कालोनी में नालियां भरी हैं। जबकि एक समय था जब यहां नालियों की तली साफ दिखाई देती थी। अब इनकी सफाई हुए वर्षो बीत गये हैं।
नीलम अरोरा ------
इन्होंने कहा..
थापरनगर में सफाई की समस्या थी। कूड़ा न उठने की शिकायतें थीं। सीवर लाइन चोक है। कालोनी में नियमित सफाई और कूड़ा उठाने के सख्त निर्देश दिये गये हैं। अन्य समस्याएं भी हल की जाएंगी।
अलीहसन कर्नी, अपर नगर आयुक्त
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लोगों की शिकायतें सुनी हैं। सफाई की समस्याएं काफी हैं। सफाई निरीक्षक और सुपरवाईजर को सख्त निर्देश दिये गये हैं। जनता की समस्याओं का प्राथमिकता पर समाधान होगा।
डा. कुंवरसैन, नगर स्वास्थ्य अधिकारी
--- वार्ड में क्षेत्र तो काफी बड़ा है लेकिन सफाई कर्मियों की संख्या काफी कम है। इसी वार्ड में सोतीगंज बाजार, स्कूटर मार्केट आदि हैं। यहां जलभराव की समस्या है। मुख्य नाला कच्चा है। जिसके निर्माण का प्रस्ताव दिया गया है।
सुनीता प्रजापति, पार्षद