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रोडवेज बस अड्डे के पीछे थापर नगर नाला चोक

भैंसाली बस अड्डे के पीछे बड़े नाले का अस्तित्व खतरे में है। एक ओर रोडवेज बस अड्डे का मलबा नाले में फेंक दिया गया है तो दूसरी ओर आठ साल से नाले में जमा सिल्ट में ऊंची झाड़ियां व घास उग आई है। हैरानी की बात यह है कि यह सब कुछ जानते हुए भी नगर निगम इस नाले का कोई समाधान नहीं कर सका है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 06:00 AM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 06:28 AM (IST)
रोडवेज बस अड्डे के पीछे थापर नगर नाला चोक
रोडवेज बस अड्डे के पीछे थापर नगर नाला चोक

मेरठ, जेएनएन : भैंसाली बस अड्डे के पीछे बड़े नाले का अस्तित्व खतरे में है। एक ओर रोडवेज बस अड्डे का मलबा नाले में फेंक दिया गया है तो दूसरी ओर आठ साल से नाले में जमा सिल्ट में ऊंची झाड़ियां व घास उग आई है। हैरानी की बात यह है कि यह सब कुछ जानते हुए भी नगर निगम इस नाले का कोई समाधान नहीं कर सका है।

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बात थापर नगर नाले की है। रोडवेज बस अड्डे से पुलिस चौकी तक नाले की सफाई आठ साल पहले मजदूर लगाकर की गई थी। इसके बाद से नगर निगम ने नाले के इस हिस्से से मुंह मोड़ रखा है। आठ साल में कई नगर आयुक्त और नगर स्वास्थ्य अधिकारी बदल गए, लेकिन नाले के इस हिस्से की तस्वीर नहीं बदली। हालात ये हुए कि सात फीट चौड़ा और इतना ही गहरा नाला पूरी तरह से सिल्ट, कूड़े से जाम हो गया है। सफाई न होने से किनारे पर बबूल के पेड़ और नाले में जमा सूख चुकी सिल्ट पर बड़ी-बड़ी हरी घास उग आई है। नगर निगम की उपेक्षा के चलते रोडवेज बस अड्डे की टूटी दीवार का मलबा भी नाले में फेंक दिया गया है। जिससे पुलिया के दूसरे हिस्से में नाला पूरी तरह से चोक हो गया है। इस हिस्से से पूरे थापर नगर मोहल्ले, रोडवेज बस अड्डे और आसपास के क्षेत्र की जलनिकासी होती रही है। लेकिन इस बार जलनिकासी संभव नहीं है।

दो माह से चल रहा सफाई का 'खेल'

शहर में नाला सफाई का खेल एक अप्रैल से चल रहा है। सफाई के नाम पर ईधन पर लाखों रुपये खर्च कर दिए गए हैं। लेकिन थापर नगर नाले की शत-प्रतिशत सफाई नहीं हो सकी है। भारी बारिश हुई तो मोहल्लों में गंदा पानी भरना तय है। थापर नगर नाला, पुलिस चौकी, बच्चा पार्क से होते हुए आबू नाला-एक में जाकर गिरता है। वार्ड 59,52,44,58,60,64 आदि की जल निकासी का जरिया है।

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पिछले साल जलभराव का था यह कारण

- 27 जुलाई 2018 की भारी बारिश और थापर नगर मोहल्ले में घुटनों तक पानी भर गया था। दरअसल, नाले की सफाई नहीं हुई थी। नाला चोक था। जलभराव के बाद यह रिपोर्ट सफाई निरीक्षक ने तत्कालीन नगर आयुक्त को सौंपी थी। इसके बाद भी नगर निगम प्रशासन की आंखें नहीं खुलीं। इस बार भी सफाई से मुंह मोड़ लिया।

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इनकी है जिम्मेदारी

थापर नगर नाले का यह हिस्सा दिल्ली रोड वाहन डिपो में आता है। डिपो प्रभारी गजेंद्र सिंह हैं। सफाई कराने की जिम्मेदारी इन्हीं की है।

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वर्जन:::

- भैंसाली बस अड्डे के पीछे थापर नगर नाले का निरीक्षण किया है। मलबा फेंका गया है। नाले की सफाई मैनुअल ही हो सकती है। जल्द ही समाधान किया जाएगा।

- अमित कुमार सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी।


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