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बिजनौर से डॉल्फिन सर्वेक्षण करते हुए नरौरा पहुंचा दल, कानपुर तक सर्वेक्षण करेगी यह टीम

बिजनौर से विंध्याचल तक गंगा नदी में डॉल्फिन आकलन सर्वेक्षण करते हुए नरौरा पहुंचा दल। जहां डिबाई वन रेंज अधिकार के डी शर्मा ने अपने स्टाफ सहित सर्वेक्षण टीम का स्वागत किया। कानपुर तक सर्वेक्षण करेगी यह टीम। कानपुर से आगे दूसरी टीम करेगी सर्वेक्षण।

By Taruna TayalEdited By: Published: Thu, 09 Dec 2021 07:46 PM (IST)Updated: Thu, 09 Dec 2021 07:46 PM (IST)
बिजनौर से डॉल्फिन सर्वेक्षण करते हुए नरौरा पहुंचा दल, कानपुर तक सर्वेक्षण करेगी यह टीम
डॉल्फिन सर्वेक्षण करते हुए नरौरा पहुंचा दल।

बुलंदशहर, जेएनएन। वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, राज्य वन विभाग और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया की संयुक्त टीम द्वारा बिजनौर से विंध्याचल तक गंगा नदी में डॉल्फिन आकलन सर्वेक्षण कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया है। बुधवार की देर सांय सर्वेक्षण दल बिजनौर से चल कर नरौरा के बांसी घाट पहुंचा। जहां डिबाई वन रेंज अधिकार के डी शर्मा ने अपने स्टाफ सहित सर्वेक्षण टीम का स्वागत किया।

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बुधवार की सांय नरौरा के बांसी घाट पहुंचे सर्वेक्षण टीम के सीनियर सदस्य डब्ल्यूआईआई के डॉ विनीत सिंह ने बताया कि सर्वेक्षण के कार्यक्रम के तहत गंगा नदी में डॉल्फ़िन एवं अन्य जलीय जीवों की गणना सहित नदी में वाटर फ्लो, जल की गुणवत्ता और पारिस्थिकी तंत्र संबधी डेटा जुटाए जाएंगे।

जिससे गणना डॉल्फ़िन एवं अन्य जलीय जीवों का संरक्षण बेहतर किया जा सके। नदियों पर निर्भर समुदायों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए डॉल्फ़िन समृद्ध क्षेत्रों और संबद्ध सांस्कृतिक तत्वों का मानचित्र तैयार कर एक मॉडल तैयार किया जाएगा। जिससे डॉल्फिन एवं जलीय जीवों का संरक्षण हो सके तथा नदियों पर निर्भर समुदायों को भी लाभ मिल सके। डॉल्फ़िन रेंज वाइड रिवर डॉल्फ़िन अनुमान कार्यक्रम के तहत बिजनौर से वाराणसी तक डॉल्फिन की संख्या का सर्वेक्षण विशेषज्ञों द्वारा किया जाएगा। इस सर्वेक्षण कार्यक्रम में दो टीमें लगी हुई हैं। जिनमे पहली टीम द्वारा बिजनौर बैराज से सर्वेक्षण प्रारम्भ किया गया है।

यह टीम कानपुर तक सर्वेक्षण करेगी। जबकि दूसरी टीम कानपुर से वाराणसी तक सर्वेक्षण कर रही है। सर्वेक्षण कार्यक्रम की समाप्ति के पश्चात सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की जाएगी। जिसमे नदी में डॉल्फिन व अन्य जलीय जीवों की गणना सहित नदी में वाटर फ्लो, जल की गुणवत्ता आदि की जानकारी होगी। जिसके आधार पर डॉल्फिन व नदी के जलीय जीवों के संरक्षण की योजना तैयार की जाएगी।

इस सर्वेक्षण कार्यक्रम के लिए 25 सदस्यों की टीम कार्यरत है। टीम का नेतृत्व वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के नोडल अधिकारी प्रो. कमर कुरैशी, डॉ. विष्णुप्रिया कोलीपकम के साथ 12 शोधार्थियों, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ और यूपी वन विभाग के सदस्य शामिल हैं।


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