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मेरठ : शिक्षकों की समस्याओं और भ्रष्टाचार को लेकर शिक्षक करेंगे बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय का घेराव

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलामहामंत्री डॉ. छोटू राम ने बताया कि वेतन विसंगति के इस दंश को जनपद मेरठ में हजारों शिक्षक झेल रहें हैं। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ मेरठ इन शिक्षको की आवाज को लगभग दो वर्ष से उठा रहा है।

By Taruna TayalEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 04:42 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 04:42 PM (IST)
मेरठ में समस्‍याओं को लेकर ब‍ेस‍िक श‍िक्षा कार्यालय का घेराव।

मेरठ, जेएनएन। विक्टोरिया पार्क रोड स्थित सनातन धर्म मंदिर पर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ द्वारा आहूत बैठक में सोमवार को बड़ी संख्या में शिक्षकों ने हिस्सा लिया। सभी शिक्षकों की वर्षों पुरानी वेतन विसंगति की समस्या थी। शिक्षकों ने एक सुर में 21 जनवरी को सामुहिक अवकाश लेकर बेसिक शिक्षा कार्यालय के घेराव करने का निर्णय किया है।

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राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलामहामंत्री डॉ. छोटू राम ने बताया कि वेतन विसंगति के इस दंश को जनपद मेरठ में हजारों शिक्षक झेल रहें हैं। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ मेरठ इन शिक्षको की आवाज़ को लगभग दो वर्ष से उठा रहा है। कई बार बेसिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन भी दिया गया। बेसिक शिक्षा अधिकारी और वित्त लेखा अधिकारी मनीष कुमार के साथ संघ की बैठक भी कई बार हो चुकी, लेकिन हर बार वेतन विसंगति दूर करने का अधिकारियों ने आश्वासन ही दिया।

बेसिक शिक्षा कार्यालय में भ्रष्टाचार की हद तो तब हो गई जब कुछ शिक्षकों की वेतन विसंगति चुपचाप तरीके से दूर कर दी गई। अधिकारियों के इस निराशाजनक व्यवहार से दुःखी होकर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के तत्वाधान में शिक्षकों ने 21 जनवरी की सुबह से बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के घेराव का निर्णय लिया है। जिलाध्यक्ष विकेश ठाकुर ने बैठक में विचार रखते हुए कहा कि शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर करने को उच्च न्यायालय प्रयागराज का आदेश आये भी सालों हो गए किन्तु अधिकारियों ने उस आदेश की खानापूर्ति की है। शिक्षकों को अभी भी न तो पूर्ण वेतन ही दिया जा रहा है और न ही उनको चयन वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है। जिससे शिक्षकों में कई वर्षों से आक्रोश व्याप्त है।

आखिर पूरी तरह से त्रस्त होकर शिक्षको ने राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के आह्वान पर बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अनशन/धरना प्रदर्शन का निर्णय लिया है। ब्लॉक माछरा अध्यक्ष मंजुलता ने स्पष्ट कहा कि शिक्षकों को धरना देने के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी ने मजबूर कर दिया है।धरने/प्रदर्शन के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी और वित्त एवं लेखाधिकारी मनीष कुमार पूर्ण रूप से उत्तरदायी है।

डॉ राम ने बैठक में अपने विचार रखते हुए कहा कि शिक्षकों से हर तरह के कार्य कराए जाते हैं। हमारे शिक्षकों ने कोरोना काल में भी निःस्वार्थ भाव से अपनी सेवा दी है। छोटे से छोटे और बड़े से बड़े चुनावों में शिक्षक अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करता है। बाल गणना, पशु गणना, जनगणना, बूथ लेविल ऑफिसर डयूटी, पदाभिहित डयूटी, हर कार्य शिक्षकों से ही पूरे होते हैं। उसके बाद भी शिक्षकों का शोषण अधिकारी करते हैं। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ यह बर्दास्त नहीं कर सकता। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ राष्ट्रहित में भी समर्पित है तो शिक्षक हित में भी पूर्णतः समर्पित है। जिलाकोषाध्यक्ष विनय चहल ने बताया कि इस धरने में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ द्वारा कोविड-19 के निर्देशों का पालन किया जायेगा।

ब्लॉक खरखोदा की संयोजक पूनम वर्मा ने अपने विचार रखते हुए कहा कि अब समय आ गया है सभी शिक्षकों को अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध एकजुट होकर अपनी शक्ति दिखाने का। विकेश ठाकुर ने कहा कि बेसिक शिक्षा अधिकारी और वित्त लेखाधिकारी ने अगर इस धरना प्रदर्शन के बाद भी शिक्षकों की वेतन विसंगति की समस्याओं का समाधान नहीं किया तो राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ बेसिक शिक्षा कार्यालय पर आनिश्चित कालीन आंदोलन करेगा। बैठक में सभी शिक्षको ने वेतन विसंगति की समस्या पर बेसिक शिक्षा अधिकारी और वित्त एवं लेखाधिकारी के गैरजिम्मेदाराना रवैये को लेकर अपना आक्रोश व्यक्त किया।

बैठक में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष ठाकुर विकेश, जिलाकोषाध्यक्ष विनय चहल, जिलामहामंत्री डॉ छोटू राम, जिला मंत्री रेखा रानी,ब्लॉक अध्यक्ष माछरा मंजुलता एवं माछरा की कार्यकारिणी ब्लॉक अध्यक्ष हस्तिनापुर राजकुमार जाटव एवं समस्त कार्यकारणी, ब्लॉक सरधना संयोजक नागेंद्र सिंह, ब्लॉक खरखोदा संयोजक पूनम वर्मा, अलका, कलिका, भावना, संगीता रानी, मुशीर अहमद,दिनेश गौतम, कमलस्वरूप, अरविंद कुमार सहित भारी संख्या में शिक्षक उपस्थित हुए। 


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