टैक्सी मालिक ने कराई थी कारोबारी से लूट, मोबाइल से खुला राज
छह दिन पहले जानी थाना क्षेत्र में कपड़ा कारोबारी से हुई लूट की वारदात का राजफाश करते हुए पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। जिस टैक्सी में कपड़ा कारोबारी सवार था, उसी के मालिक ने चालक के साथ मिलकर लूट की योजना बनाई थी। एसपी देहात राजेश कुमार, एएसपी सतपाल आंतिल व सीओ सरधना संतोष सिंह ने गुरुवार को पुलिस लाइन सभागार में प्रेसवार्ता कर राजफाश की जानकारी दी।
मेरठ । छह दिन पहले जानी थाना क्षेत्र में कपड़ा कारोबारी से हुई लूट की वारदात का राजफाश करते हुए पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। जिस टैक्सी में कपड़ा कारोबारी सवार था, उसी के मालिक ने चालक के साथ मिलकर लूट की योजना बनाई थी। एसपी देहात राजेश कुमार, एएसपी सतपाल आंतिल व सीओ सरधना संतोष सिंह ने गुरुवार को पुलिस लाइन सभागार में प्रेसवार्ता कर राजफाश की जानकारी दी।
लिसाड़ी गेट के इस्लामाबाद निवासी सरफराज कपड़ा कारोबारी हैं। गत शनिवार को वह पार्टनर जियाउद्दीन निवासी अंसार कालोनी के साथ इनोवा में साढ़े तीन लाख रुपये का कपड़ा लेकर रोहतक से मेरठ आ रहे थे। जाकिर कॉलोनी निवासी ताहिर गाड़ी चला रहा था। रात करीब 12 बजे जानी गंगनहर पुल के पास क्वालिस सवार चार बदमाशों ने इनोवा रुकवाकर कार, कपड़ा और कैश लूट लिया था।
गाड़ी में छूट गया था कारोबारी कामोबाइल
एसपी देहात ने बताया कि कारोबारी का मोबाइल गाड़ी में ही छूट गया था। उसी के जरिए कार बरामद की गई। जांच में पता चला कि इनोवा मालिक अकरम पुत्र खान मोहम्मद निवासी समर गार्डन ने ही लूट की वारदात को अंजाम दिया। उसने अपने साथ साजिद उर्फ धर्मेद्र पुत्र याकूब निवासी हुमायूं नगर, चालक ताहिर पुत्र यूसुफ निवासी जाकिर कॉलोनी व टीटल निवासी कांशीराम कालोनी को शामिल किया। क्वालिस द्वारा ओवरटेक करते ही ताहिर ने इनोवा रोक ली, जिसके बाद घटना को अंजाम दिया गया।
1.33 लाख रुपये न देने पर कर डाली लूट
अकरम ने बताया कि वह करीब सात साल से कारोबारी सरफराज को टैक्सी मुहैया कराता है। सरफराज पर उसके एक लाख 33 हजार रुपये थे। तकादा करने पर भी वह रकम नहीं दे रहा था। इसीलिए उसने सरफराज को लूटने की योजना बनाई। एसपी देहात ने बताया कि अकरम व साजिद को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से इनोवा, क्वालिस, करीब ढाई लाख का कपड़ा, दो तमंचे व दो कारतूस बरामद कर लिए हैं। फरार आरोपितों की तलाश जारी है।
फजीहत होने पर बढ़ाई थी लूट की धारा
पीड़ित द्वारा लूट की घटना बताने पर जानी पुलिस ने लूट दर्ज करने से साफ इन्कार कर दिया था। पुलिस ने मनमाफिक तहरीर लिखवाकर चोरी का मुकदमा दर्ज किया। मीडिया में कारगुजारी सामने आने पर पुलिस को फजीहत झेलनी पड़ी, जिसके बाद पुलिस ने मुकदमा लूट में तरमीम किया।