सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी को आत्मसात करने का पाठ पढ़ाया
सेंट जोंस सीनियर सेकेंडर स्कूल में भ्रष्टाचार मिटाओ नया भारत बनाओ विषय पर वक्तव्य प्रतियोगिता आयोजित हुई। बच्चों ने सांस्कृति कार्यक्रम प्रस्तुत किए। गैस अथारिटी आफ इंडिया लिमिटेड द्वारा सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2018 के अवसर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन मंडलआयुक्त अनीता सी मेश्राम ने किया। उन्होंने भ्रष्टाचार को सरल शब्दों में परिभाषित करते हुए छात्र छात्राओं को ईमानदारी अपनाने की सीख दी। पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता मेरठ जोन की रक्षा संपदा अधिकारी भावना सिंह ने की।
मेरठ। सेंट जोंस सीनियर सेकेंडर स्कूल में भ्रष्टाचार मिटाओ नया भारत बनाओ विषय पर वक्तव्य प्रतियोगिता आयोजित हुई। बच्चों ने सांस्कृति कार्यक्रम प्रस्तुत किए। गैस अथारिटी आफ इंडिया लिमिटेड द्वारा सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2018 के अवसर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन मंडलआयुक्त अनीता सी मेश्राम ने किया। उन्होंने भ्रष्टाचार को सरल शब्दों में परिभाषित करते हुए छात्र छात्राओं को ईमानदारी अपनाने की सीख दी। पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता मेरठ जोन की रक्षा संपदा अधिकारी भावना सिंह ने की। उन्होंने स्कूल पाठय क्रम में और सार्वजनिक जीवन में नैतिक शिक्षा का महत्व बताया। अंग्रेजी में प्रथम तीन स्थान पर सेंट जोंस के नितिन सिंह राणा, केएल इंटरनेशनल के स्वास्तिक द्विवेदी और सेंट जोंस की सिद्धि बंसल रहे। जबकि ¨हदी विधा में पीजीएम इंटरनेशनल की शिवाली मिश्रा, बालेराम ब्रजभूषण के राम शर्मा और फ्रांसिस स्कूल के मयंक पंवार क्रमश: पहले दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। प्रधानाचार्य चंद्रलेखा जैन गेल के उपमहाप्रबंधक और प्रभारी विनोद अरोड़ा, उपमहाप्रबंधक सतर्कता आरएस सैनी ने छात्रों को पुरस्कृत किया। प्रथम आने वाले छात्र को पांच हजार, दूसरे स्थान पर आने वाले छात्र को तीन हजार और तीसरे स्थान पर रहे छात्र को दो हजार रुपये का पुरस्कार और प्रमाणपत्र दिया गया। मुख्य प्रबंधक अंकुर, लोकेश तिवारी, विकास कनोजिया आदि मौजूद रहे।
सूचना न देने पर नगर आयुक्त पर 25 हजार का जुर्माना : आरटीआइ के तहत सूचना न देने पर नगर आयुक्त पर राज्य सूचना आयोग ने 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया है।
तारापुरी निवासी यासीन पहलवान ने छह मई 2016 को आरटीआइ के तहत नगर निगम से सूचना मागी थी, लेकिन उन्हें सूचना नहीं उपलब्ध कराई गई। 16 सितंबर को नगर निगम में ही प्रथम अपीलीय अधिकारी नगर आयुक्त से सूचना की मांग की, लेकिन तब भी सूचना नहीं मिली। इस पर उन्होंने राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया। राज्य सूचना आयुक्त राजकेश्वर सिंह ने 250 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। सूचना आयोग के रजिस्ट्रार की ओर से डीएम को पत्र भेजा गया है कि इस आदेश के तहत जुर्माने की वसूली कराकर तीन माह के अंदर आयोग को सूचित करें।