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Ayodhya: टेंट में नहीं, स्वर्ण मंदिर में रहेंगे रामलला: स्वामी अविमुक्तेश्वरा नंद सरस्‍वती महाराज Meerut News

मेरठ सम्राट पैलेस स्थित राज राजेश्वरी मंदिर में काशी से पहुंचे स्वामी अविमुक्तेश्वरा नंद सरस्‍वती महाराज ने कहा क‍ि रामलला अब टेंट के तिरपाल में नहीं स्वर्ण मंदिर में रहेंगे।

By Taruna TayalEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 01:40 PM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 01:40 PM (IST)
Ayodhya: टेंट में नहीं, स्वर्ण मंदिर में रहेंगे रामलला: स्वामी अविमुक्तेश्वरा नंद सरस्‍वती महाराज Meerut News

मेरठ, जेएनएन। अयोध्‍या पर निर्णय आने के बाद रामलला टेंट के तिरपाल में नहीं स्वर्ण मंदिर में रहेंगे। मंदिर निर्माण में जितना समय लगेगा, तब तक उनके लिए स्वर्ण मंदिर की व्यवस्था की जाएगी। अभी तक टेंट में रहना मजबूरी थी, लेकिन अब नहीं रहेगी। यह बातें रविवार को सम्राट पैलेस स्थित राज राजेश्वरी मंदिर में काशी से पहुंचे स्वामी अविमुक्तेश्वरा नंद सरस्‍वती महाराज ने कही। वह अयोध्या प्रकरण में रामालय न्याय ट्रस्ट के सचिव हैं। स्वामी ने दो टूक कहा कि मंदिर बनने में दो या तीन साल जो भी समय लगेगा, तब तक रामलला के लिए स्वर्ण मंदिर में बैठाने की व्यवस्था की जा रही है।

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नया ट्रस्ट नहीं, पुराने को मिलेगा दायित्व

सुप्रीम कोर्ट के आदेश में सरकार को ट्रस्ट बनाकर मंदिर निर्माण बनाने के सवाल पर स्वामी ने कहा कि यह गलत बात फैलाई जा रही है कि सरकार को ट्रस्ट बनाने के लिए आदेश दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने पुराने जि मेदार ट्रस्ट को ही दायित्व देने की बात कही है। इसमें नया ट्रस्ट बनाने की बात कतई नहीं है।

ओवैसी केवल राजनैतिक मुसलमान

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर अलगाव की बात कर रहे हैदराबाद के सांसद असदुदीन ओवैसी के सवाल पर स्वामी ने सांसद को केवल राजनीतिक मुसलमान की संज्ञा दी। स्वामी ने स्पष्ट किया कि ओवैसी केवल राजनीति करने वाले मुसलमान हैं, इससे अधिक कुछ नहीं। इसीलिए वह इस तरह के बयान देते हैं। ऐसे बयान केवल राजनेता ही दे सकता है। ये लोग हर विषय में राजनीति का मतलब तलाश करते हैं।

भटकाव की ओर युवा वर्ग

स्वामी अविमुक्तेश्वरा नंद महाराज ने कहा कि समाज में युवा वर्ग भटकाव की राह पर है। देश की प्रगति के लिए उन्हें सही मार्ग पर लाना जरूरी है।

कितना समय लगेगा, यह कहना मुश्किल

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद मंदिर बनने में लगने वाले समय के सवाल पर स्वामी ने कहा कि यह कोई बता नहीं सकता। उन्होंने उदाहरण के तौर पर कहा कि जिस तरह से मकान बनाने से पहले आर्किटेक्ट और निर्माण सामग्री की पूरी जानकारी एकत्र की जाती है। ठीक उसी तरह पूरा खाका तैयार करने में समय लगेगा। अब ऐसी स्थिति में निर्माण का समय बताना ठीक नहीं है। यदि कोई मंदिर निर्माण का समय बता रहा है, तो वह समझ से परे है। 


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