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नहीं सुधरा सफाई व डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन

देश में सबसे गंदा सातवां स्थान पाने वाले मेरठ नगर निगम के लिए स्वछ सर्वेक्षण 2021 की राह भी आसान नहीं है। निगम के पास तैयारी के लिए मात्र दो माह हैं और लक्ष्य पहाड़ जैसा है। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार नहीं हो पाया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 08:43 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 08:43 AM (IST)
नहीं सुधरा सफाई व डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन
नहीं सुधरा सफाई व डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन

मेरठ, जेएनएन। देश में सबसे गंदा सातवां स्थान पाने वाले मेरठ नगर निगम के लिए स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 की राह भी आसान नहीं है। निगम के पास तैयारी के लिए मात्र दो माह हैं और लक्ष्य पहाड़ जैसा है। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार नहीं हो पाया है।

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नगर निगम ने अगले दो माह के लिए विशेष योजना बनाई है। सार्वजनिक स्थलों पर गंदगी फैलाने वालों, पालीथिन और अतिक्रमण विरोधी विशेष अभियान चलेंगे। इस बार सर्वेक्षण 6000 अंकों का है। इसमें 30 फीसद अंक सिटीजन फीडबैक के हैं। जनवरी में पहली और दूसरी तिमाही का परिणाम आएगा। इसके बाद सर्वेक्षण टीमें कभी भी आ सकती हैं। तैयारी की दृष्टि से निगम के पास केवल नवंबर और दिसंबर का ही समय है।

दो माह में इन बिदुओं पर फोकस

-सभी दुकानों पर डस्टबिन अनिवार्य किया जाएगा।

-डस्टबिन में ही कूड़ा डालने को बाध्य किया जाएगा।

-सड़क पर कूड़ा फेंकने पर जुर्माना वसूला जाएगा।

-नालों में कचरा व गोबर बहाने वालों पर कार्रवाई होगी।

-लोहिया नगर डंपिग ग्राउंड में दिसंबर तक कूड़ा निस्तारण।

-कूड़े से निकले आरडीएफ से बिजली बनाने का काम।

-बल्क कूड़ा जनरेटरों के यहां कूड़ा निस्तारण की प्रक्रिया।

-सफाई और डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन सुधारने का प्रयास। ..लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं

-शहर में गीला-सूखा कचरा कलेक्शन अलग-अलग नहीं हुआ।

-खतरनाक कचरे का कलेक्शन भी अलग से शुरू नहीं।

-शहर में प्रतिदिन उत्सर्जित कूड़े के निस्तारण की व्यवस्था नहीं।

-शत-प्रतिशत घरों से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन नहीं हो रहा है।

-शत-प्रतिशत घरों से यूजर चार्ज वसूली भी नहीं हो पा रही है।

-गार्बेज फ्री सिटी के लिए अस्थाई खत्ते समाप्त नहीं हो सके।

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गलत जानकारी देने पर कटेंगे अंक

स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 के बदले पैटर्न में गलत जानकारी देने पर अंकों की कटौती होगी। सार्वजनिक व सामुदायिक शौचायलों व सेप्टिक टैंकों की जियो टैगिग की जा रही है। सेटेलाइट के जरिए स्वच्छ सर्वेक्षण टीम इनकी जानकारी जुटा लेगी।

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दूसरे राज्यों से आ सकती है सर्वेक्षण टीमें

इस बार दूसरे राज्यों से सर्वेक्षण टीमें आ सकती हैं। गत वर्ष सर्वेक्षण के लिए आईं टीमों में किठौर और थापरनगर के स्थानीय निवासी शामिल थे। मेरठ समेत कई नगर निगमों ने इस पर आपत्ति जताई है। नगर निगमों ने दूसरे राज्यों की टीम भेजकर सर्वेक्षण की मांग की है।

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इनका कहना है

-स्वच्छ सर्वेक्षण के निर्धारित मानकों को पूरा करने पर काम चल रहा है। अगले दो माह में सकारात्मक परिणाम नजर आएंगे।

डा.अरविद चौरसिया, नगर आयुक्त।


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