खड़ंजा उखाड़कर उन्हीं ईटों से बना ली घेर की दीवार
परीक्षितगढ़ के गांव असीलपुर में ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान पर आरोप लगाया है कि गांव में इंटरलॉकिंग टाइल्स की सड़कें बनवाई गई हैं लेकिन वहां पहले से लगे खड़ंजे की ईंटें उखाड़कर प्रधान ने उनसे अपने घेर की दीवार बना ली है।
मेरठ, जेएनएन। परीक्षितगढ़ के गांव असीलपुर में ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान पर आरोप लगाया है कि गांव में इंटरलॉकिंग टाइल्स की सड़कें बनवाई गई हैं, लेकिन वहां पहले से लगे खड़ंजे की ईंटें उखाड़कर प्रधान ने उनसे अपने घेर की दीवार बना ली है। मनरेगा लोकपाल अंशु त्यागी ने पुलिस बल और एक्सपर्ट टीम के साथ गांव पहुंचकर शिकायत की जांच के लिए इंटरलॉकिंग टाइल्स की सड़क को उखड़वाकर जांच की तो वहां खड़ंजा नहीं मिला।
गांव के 14 लोगों ने लिखित शिकायत कर आरोप लगाया कि उनके घर के सामने और आसपास इंटरलॉकिंग टाइल्स की सड़क बनाई गई है। ये टाइल्स वहां लगे पुराने खड़ंजे के ऊपर ही लगाई जानी थीं। आरोप है कि प्रधान ने खड़ंजे को उखाड़कर उसकी ईंटों से अपने घेर की दीवार बना ली। मेरठ मंडल की मनरेगा लोकपाल अंशु त्यागी ने बताया कि उन्होंने एक्सपर्ट टीम और पुलिस बल के साथ गांव में पहुंचकर जांच की। सभी स्थानों पर सड़क की टाइल्स हटाकर खोदाई की गई तो सड़क के नीचे खड़ंजा नहीं मिला। प्रधान के घेर की दीवार की भी जांच की गई तो उसमें पुरानी ईंटें लगी मिलीं। उनका भी नमूना लेकर जांच के लिए भेजा गया है। सभी पक्षों के बयान लेकर जांच रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
नोटिस का नहीं दिया जवाब
मनरेगा लोकपाल ने बताया कि शिकायत मिलने पर उन्होंने बीडीओ, प्रधान और ग्राम पंचायत सचिव को नोटिस जारी करके आरोपों पर स्पष्टीकरण मांगा था, लेकिन तीनों में किसी ने भी निर्धारित एक सप्ताह की समयावधि में जवाब नहीं दिया।
साथ नहीं गए डीडीओ
मनरेगा लोकपाल का कहना है कि जांच में उनके साथ जिला विकास अधिकारी दिग्विजय नाथ तिवारी को भी जाना था, लेकिन ऐन वक्त पर उन्होंने जाने से इन्कार कर दिया।