दुष्कर्म पीड़ित बालिकाओं को न्याय दिलाने को मसीहा बनकर आएंगे सपोर्ट पर्सन, इस तरह करेंगे मदद
दुष्कर्म पीड़ित बालिकाओं की मदद करेंगे सपोर्ट पर्सन। न्याय दिलाने की प्रक्रिया में एफआइआर से लेकर अदालत तक करेंगे सहयोग। बागपत में 10 सपोर्ट पर्सन नियुक्त होंगे नहीं मिलेगा कोई मानदेय अथवा वेतन। वे समाजसेवी के रूप में काम करेंगे।
बागपत, [जहीर हसन]। महिला एवं बाल कल्याण विभाग बालिकाओं के संरक्षण को लेकर बेहद गंभीर है। अब दुष्कर्म पीड़ित बालिकाओं की मदद के लिए सपोर्ट पर्सन नियुक्त होंगे। इनका काम दुष्कर्म पीड़ित बालिकाओं की थाने से लेकर अदालत तक केस लड़ने में मदद करना और दोषियों को सजा दिलाकर पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाना होगा।
प्रदेश सरकार बाल अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने में कसर नहीं छोड़ रही है। बाल संरक्षण अधिकारी दीपांजलि ने बताया कि दुष्कर्म की शिकार बालिकाओं की मदद के लिए बागपत में 10 सपोर्ट पर्सन नियुक्त होंगे। सपोर्ट पर्सन के रूप में समाज सेवक, महिला एवं बाल कल्याण विभाग का सोशल वर्कर, विधि सह परिवीक्षा अधिकारी, बाल संरक्षण अधिकारी और महिला कल्याण अधिकारी नियुक्त हो सकते हैं।
सपोर्ट पर्सन को कोई मानदेय अथवा वेतन नहीं मिलेगा। वे समाजसेवी के रूप में काम करेंगे। उन्हें जैसे ही किसी बालिका के साथ दुष्कर्म घटना की जानकारी मिलेंगी, वे तुरंत पीड़ित बालिका के परिवार वालों से संपर्क कर थाने में एफआइआर कराने, पीड़िता का हौसला बढ़ाने तथा अदालत में मजबूत पैरवी कर अपराधी को सजा दिलाने में सहयोग करेंगे। दुष्कर्म पीड़ित बालिका को सुरक्षा मुहैया कराने आदि कामों में भी मदद करेंगे। दुष्कर्म पीड़ित बालिका या उसके स्वजन की सहमति के बाद ही संबंधित केस के लिए सपोर्ट पर्सन की नियुक्त की जाएगी।
जिला प्रोबेशन अधिकारी हुब लाल ने बताया कि सपोर्ट पर्सन उन्हीं पीड़ित बालिकाओं के लिए नियुक्त होंगे जिनके केस में पोक्सो एक्ट लगा हो। पंचायत चुनाव बाद इनकी नियुक्ति कराई जाएगी।
45 बेटियों को मिलेगी मदद
बाल संरक्षण अधिकारी दीपांजलि ने बताया कि पिछले कुल सालों के दुष्कर्म पीड़ित बालिकाओं के 45 मामले चल रहे हैं। सपोर्ट पर्सन नियुक्त होने के बाद इन बेटियों को मदद मिलेगी।
पीड़िताओं को दी जाएगी 10 लाख रुपये तक मदद
उप्र रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष से दुष्कर्म पीड़ित बालिका को तीन लाख से 10 लाख रुपये तक की मदद दी जाती है।