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मेरठ में कोठों को लेकर प्रदेश के अफसरों की घेराबंदी

मेरठ का कबाड़ी बाजार रेड लाइट एरिया प्रदेश के अफसरों की फजीहत कराता नजर आ रहा है। वादी पक्ष की ओर से दाखिल जनहित याचिका में सप्लीमेंट्री (पूरक शपथ पत्र) दाखिल किया जाएगा जिसमें डीजीपी समेत प्रदेश के तमाम शीर्ष अधिकारियों को पार्टी बनाया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Apr 2019 05:00 AM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2019 05:00 AM (IST)
मेरठ में कोठों को लेकर प्रदेश के अफसरों की घेराबंदी
मेरठ में कोठों को लेकर प्रदेश के अफसरों की घेराबंदी

मेरठ । मेरठ का कबाड़ी बाजार रेड लाइट एरिया प्रदेश के अफसरों की फजीहत कराता नजर आ रहा है। वादी पक्ष की ओर से दाखिल जनहित याचिका में सप्लीमेंट्री (पूरक शपथ पत्र) दाखिल किया जाएगा, जिसमें डीजीपी समेत प्रदेश के तमाम शीर्ष अधिकारियों को पार्टी बनाया जाएगा। उधर, झूठा हलफनामा प्रस्तुत कर फंसे अधिकारी किसी न किसी तरह मामले पर लीपापोती करने में लगे हैं।

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हाईकोर्ट के अधिवक्ता सुनील चौधरी ने बताया कि उनकी सोसाइटी ज्योति वेलफेयर की ओर से पूरक शपथ पत्र सोमवार (आज) हाईकोर्ट में दाखिल किया जाएगा। उसमें कई अहम सुबूत भी शामिल होंगे। ज्योति वेलफेयर सोसाइटी ने मेरठ के बाद आगरा, मऊ, बस्ती, अलीगढ़ व बनारस में भी रेकी कराई है। इन स्थानों पर भी रेड लाइट एरिया चल रहा है। उन्हें बंद कराने के लिए पूरक शपथ पत्र में मांग की जाएगी।

इन्हें बनाया पार्टी

पूरक शपथ पत्र में डीजीपी ओपी सिंह समेत संयुक्त निदेशक राज्य क्षय नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारी, संयुक्त निदेशक मुख्यालय आहरण वितरण अधिकारी व उप्र राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के निदेशक को पार्टी बनाया जाएगा।

ये मांगा जवाब

एडवोकेट सुनील चौधरी ने बताया कि अधिकारियों से जवाब मांगा जाएगा कि उन्होंने कहां-कहां कोठे बंद कराए। रेस्क्यू कर कितनी लड़कियां-महिलाएं बंधनमुक्त कराई। कितनी सेक्स वर्करों को कितने कंडोम बांटे। संस्था द्वारा कराए गए सर्वे रिपोर्ट भी पूरक शपथ पत्र के साथ प्रस्तुत की जाएगी।

अधिकारी कल दाखिल करेंगे जवाब

मेरठ रेड लाइट एरिया पर 30 अप्रैल को राज्य सरकार की ओर से हलफनामा दाखिल किया जाएगा। एडवोकेट ने बताया कि हाईकोर्ट में दाखिल करने से पहले शपथ पत्र उन्हें रिसीव कराया गया था, जिसमें पुलिस-प्रशासन की ओर से माफी मांगी गई है। बताया गया कि कोठे लंबे समय से चल रहे हैं। हाईकोर्ट के आदेश है कि 30 अप्रैल को कार्रवाई कर प्रस्तुत हों। दाखिल किए गए हलफनामे पर सीओ संजीव देशवाल की ओर से माफीनामा पर हस्ताक्षर किए गए हैं। अब देखना है कि पुलिस-प्रशासन किस अधिकारी पर कार्रवाई का ठीकरा फोड़ता है।


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