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मेरठ में बोले गन्‍ना मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण सिंह-किसानों का दर्द समझते हैं सीएम योगी आदित्यनाथ

Sugarcane Minister प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण सिंह मंत्रीपद संभालने के बाद शनिवार को पहली बार मेरठ आए। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के सुभाष चंद बोस प्रेक्षागृह में उन्‍होंने कहा कि चीनी मिलों में सुधार की जरूरत है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Sat, 21 May 2022 04:00 PM (IST)Updated: Sat, 21 May 2022 04:00 PM (IST)
सूबे के गन्‍ना मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण सिंह शनिवार को मेरठ में थे।

मेरठ, जागरण संवाददाता। गन्ना विभाग के मंत्री और प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण सिंह योगी सरकार में मंत्री बनने के बाद पहली बार शनिवार को मेरठ पहुंचे। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के सुभाष चंद बोस प्रेक्षागृह में उन्होंने किसान सम्मेलन को संबोधित किया। किसानों से भरे हुए प्रेक्षागृह में मुख्य अतिथि गन्ना मंत्री ने संबोधित करते हुए चीनी मिल, गन्ना भुगतान व जाट आरक्षण संघर्ष का जिक्र किया। गन्ना मंत्री ने भारत माता की जय और चौधरी चरण सिंह अमर रहे... से अपने संबोधन की शुरुआत की।

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यह भी बोले

उन्होंने कहा कि ऐसे विभाग के मंत्री के रूप में आने का मौका मिला है जो एक-एक परिवार से जुड़ा है। 1999 में जब जाट आरक्षण की लडाई लड रहे थे, तब जो आपका योगदान मिला, वह सराहनीय रहा। मेहनत और आशीर्वाद आपका था, श्रेय मुझे मिल गया। ये सब आपकी बदौलत है। मुझे मेरठ से प्यार बहुत मिला। छह बार कैबिनेट में छाता की वजह से ही चुना जाता, वहां से विधायक जरूर बन जाता हूं, लेकिन मंत्री आपकी बदौलत बनता हूं। किसी को गलतफहमी हो वह बलिया से चुनाव लडकर देख ले। मेरठ की भूमि को हमेशा मंदिर की तरह माना है। मुजफ्फरनगर से गाजियाबाद तक इसी मंदिर के पुजारी के तरह पूजा करता हूं। किसान को आदर्श मानता हूं। मैंने अपनी गाय भैंस को सानी की है।

गलतफहमी नहीं होनी चाहिए

गन्ना और गेंहू बुआई खुद की है। इस पवित्र भूमि के एक-एक किसान को अपना आदर्श मानता हूं। पश्चिम उप्र का सम्मान इस भूमि की वजह से है। इसमें किसी को गलतफहमी नहीं होनी चाहिए। मेरठ के खेल की कीमत पिछली सरकारों ने कभी नहीं जानी। इसकी कीमत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जानी है। तभी तो प्रदेश की पहली खेल यूनिवर्सिटी मेरठ को मिली है। जो सम्मान मंगल पांडेय समेत अन्य बलिदानियों का होता है, वही सम्मान धन सिंह कोतवाल को योगी सरकार में मिल रहा है।

एक पंक्ति ने जीवन का ध्येय बदल दिया

मंत्री ने कहा कि मेरा विधानसभा में 37वां साल है। चौधरी चरण सिंह को याद करते हुए कहा कि उन्होंने जब मुझे पढते हुए देखा तो मंडी परिषद का चेयरमैन बना दिया। 1985 में जिसे टिकट मिला, उन्होने पर्चा दाखिल नहीं किया। चौधरी चरण सिंह की केवल एक लाइन ने जीवनधारा ही बदल दी। उन्होंने किसानों के कार्यक्रम में कहा था कि किसानों तुम्हारे लिए एक पौधा लगा रहा हूं। इसे इसे सींचते रहना, यह फल भी पौधा देगा और छाया भी। चौधरी चरण सिंह के इन्हीं सिद्धांतों को लेकर आगे बढना है।

किसानों का दर्द महसूस करने वाले पहले व्यक्ति हैं योगी आदित्यनाथ

चौधरी चरण सिंह के बाद किसी ने किसानों का दर्द महसूस किया तो वह योगी आदित्यनाथ हैं। उन्होंने मांग रखी थी कि किसानों का 36 हजार करोड माफ कर दिया जाए। योगी आदित्यनाथ के मठ में 1500 एकड गन्ना है, वह गन्ने के बडे किसान हैं। बाराबंकी का केला 12 पंखी बडा शानदार है, वह गोरखपुर से ही वहां पहुंचा। जीवन का ध्येय किसानों की सेवा करना ही रहा है। मुझे मालूम था कि गन्ना और कृषि में कोई विभाग मिलना है, लेकिन मैंने कभी कहा नहीं। परिस्थिति तब विकराल होती है, तब संवादहीनता होती है। संवाद से ही समाधान निकलता है। गन्ने की समस्या को समाधान करने की कोशिश रहेगी, मेरी तरफ से संवादहीनता नहीं रहेगी।

चीनी मिलों में सुधार की आवश्यकता

यदि 15 अक्टूबर से चीनी मिलें संचालित करें तो रिकवरी अच्छी होगी। जो फैक्ट्री पुरानी हैं उनका एक्सटेंशन किया जाए या टीसीडी क्षमता बढाई जाए तो 30 अप्रैल तक पूरा गन्ना पेराई हो जाएगा। जो भी सुधार के प्रयास हो सकेंगे वह करेंगे। शीरा, एथेनाल होते हुए भी नुकसान क्यों हो रहा है, यह देखना है। चीनी मिल मालिकों व अधिकारियों से यह पूछा जाएगा। सबसे ज्यादा गन्ना और सबसे ज्यादा रिकवरी जहां हो, वहां भुगतान नहीं हुआ। यह हैरान करने वाली बात है। जब तक खेत में एक गन्ना भी खडा है तब तक चीनी मिल बंद नहीं होगी देश में 2017 से पहले चीनी का उत्पादन 17 से बढकर 25 प्रतिशत पहुंच गया, क्योंकि यह सबसे सुरक्षित फसल यही है। गन्ने को बढाने का प्रयास, भुगतान की स्थिति को भी सुधारने का प्रयास करेगा। रेट कितना भी बढा लो और समय से भुगतान न हो। इससे क्या लाभ होगा। चौधरी साहब की चरणों की धूल भी नहीं हो सकते। गेहूं और धान की खरीद 2002 से 2017 तक जितनी हुई। उतना गेहूं व धान भाजपा सरकार में चार सालों में खरीदा जा चुका है।

किसान के बेटे को बनाया गन्ना मंत्री : जगत सिंह

पूर्व एमएसली चौधरी जगत सिंह ने कहा कि परतापुर में उत्साह के साथ मंत्री का स्वागत हुआ। जिससे कार्यक्रम में आने में देरी हुई। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को आभार प्रकट करते हैं कि उन्होंने एक किसान के बेटे को गन्ना विभाग का मंत्री बनाया। मैं 12 साल विधान परिषद में हरा, मैंने लडाई लडी, लेकिन किसानों का दुर्भाग्य है कि शुगर केन कंट्रोल एक्ट के तहत किसानों का भुगतान 14 दिनों में हो जाना चाहिए। 120 में 21 चीनी मिलें ऐसी हैं, जो गन्ना भुगतान में गडबडी कर रही हैं। जो चीनी मिले ऐसी हैं कि उनके पेंच कसे जाएं। बजाज ग्रुप की 14 मिलें इसमें शामिल हैं। इन पर सख्ती की जाए, जिससे चीनी मिलों का समय भुगतान हो। पांचवी बार मंत्री बने, जाट समाज की लडाई इन्होंने लडी। जाट आरक्षण संघर्ष में पूरा साथ निभाया। मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते हुए सभी कृषि मंत्रियों के बीच चौधरी लक्ष्मीनारायण सिंह का सम्मान किया। संचालन सरजीत सिंह ने किया। मंच पर गन्ना मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण सिंह, पूर्व एमएलसी जगत सिंह, राज्य सभा सदस्य विजयपाल तोमर, भाजपा नेता अरुण वशिष्ठ, भाजपा जिलाध्यक्ष विमल शर्मा, विधान परिषद सदस्य सरोजनी अग्रवाल, समाजसेवी अजय गुप्ता और संजय त्यागी मौजूद रहे। 


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