सभ्यता-संस्कृति जानने हस्तिनापुर पहुंचे दीवान के छात्र
भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता की अविरल धारा को बनाए रखने के लिए इतिहास को जानना बहुत महत्वपूर्ण है।
मेरठ, जेएनएन। भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता की अविरल धारा को बनाए रखने के लिए इतिहास को जानना बहुत महत्वपूर्ण है। भारतीय इतिहास की गरिमामयी छवि को छात्र-छात्राओं के मस्तिष्क में उतारने के लिए दैनिक जागरण के 'आओ हस्तिनापुर चले' अभियान के अंतर्गत शनिवार को दीवान पब्लिक स्कूल के कक्षा आठ के 350 बच्चों को शनिवार को हस्तिनापुर के ऐतिहासिक स्थलों, जैन मंदिरों आदि का शैक्षिक भ्रमण कराया गया।
राष्ट्रोदय चेरिटेबिल ट्रस्ट के संस्थापक स्वामी विवेकानंद व शिक्षाविद् सुनील पोसवाल ने छात्रों को हस्तिनापुर के शौर्य पूर्ण, गौरवशाली इतिहास की विस्तृत जानकारी दी। सर्वप्रथम छात्रों ने जयंती माता शक्ति पीठ मंदिर व पांडव टीला के दर्शन किए। इसके बाद महाभारतकालीन पांडेश्वर मंदिर के दर्शन किए और मंदिर परिसर में खड़े प्राचीन वट वृक्ष की जानकारी प्राप्त की। इस दौरान बच्चों ने जय हस्तिनापुर धाम, भारत माता की जय आदि नारे लगाए। छात्रों का दल जंबूद्वीप परिसर पहुंचा जहां जैन धर्म के तीर्थकरों से संबंधित शिक्षा ग्रहण की। जैन धर्म में नैतिक मूल्यों, त्याग की भावना, अहिसा का भाव रखना, शाकाहारी होना, जीवों के प्रति दया होना आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की। भ्रमण के दौरान बच्चों ने खूब मस्ती की ओर फोटोग्राफ भी लिए।
-हस्तिनापुर के बारे में सुना तो बहुत था, यहां आकर हमें बहुत सी नई जानकारी मिली। बहुत अच्छा लगा।
-हायबा, छात्रा -हस्तिनापुर के इस ट्रिप से हमें बहुत कुछ सीखने को मिला। पांडवकालीन ऐतिहासिक स्थलों की विस्तृत जानकारी मिली।
-मानशिर -टीवी सीरियल में तो हस्तिनापुर का नाम सुना था पर हस्तिनापुर को वास्तविक देखकर मन प्रसन्न हुआ।
-आस्था हस्तिनापुर के बारे में जैसा सुना था, वैसा नही है। यहां आकर हस्तिनापुर के बारे में नया अनुभव मिला। स्कूलों के ऐसे टूर होते रहने चाहिए।
-इपिष्ठा हस्तिनापुर में पांडव टीला व प्राचीन मंदिरों के बारे में सुना था। टूर के माध्यम से बहुत जानकारी मिली।
-मानिक -पांडवकालीन मंदिर पांडेश्वर मंदिर, जयंती माता शक्ति पीठ मंदिर, प्राचीन गुफा व पांडव टीला आदि देखकर महाभारत के बारे में बहुत जानकारी मिली।
-पुष्कर पांडवकालीन मंदिरों के साथ जैन मंदिरों की जानकारी मिली। आगे भी हस्तिनापुर आने की इच्छा रहेगी।
-कार्तिक
हस्तिनापुर आने की इच्छा थी और यहां के इतिहास को जानना चाहता था। हमारे लिए यह भ्रमण बहुत लाभदायक रहा।
-पार्थ -दैनिक जागरण के अभियान आओ हस्तिनापुर चले के अंतर्गत विद्यार्थियों को बहुत महत्वपूर्ण, ज्ञानवर्धक जानकारी मिली है। हस्तिनापुर हिदू, जैन व सिख धर्म के पौराणिक इतिहास का केंद्र बिदू है। इस भ्रमण से बच्चों को भी अपनी सभ्यता व इतिहास की जानकारी मिली।
-रम्मू शर्मा, कोऑर्डिनेटर -विद्यालयों के इस तरह के शैक्षणिक भ्रमण से बच्चों को अपने इतिहास, सभ्यता व संस्कृति की जानकारी मिलती है। हस्तिनापुर का वास्तविक इतिहास जानकर बहुत ही अच्छा लगा। हस्तिनापुर का इतिहास वास्तव में गौरवशाली है।
-विनोद शर्मा, शिक्षक -यह हमारा सौभाग्य है कि मुहिम के तहत उन्हें बच्चों को जानकारी देने का अवसर मिल रहा है। इतिहास के बिना भविष्य का निर्माण नहीं किया जा सकता, इसलिए स्कूली बच्चों को अपने इतिहास को जानना अति आवश्यक है।
-सुनील पोसवाल, शिक्षक -------
फोटो परिचय
मावा 20: जंबूद्वीप परिसर में जैन मंदिरों की श्रृंखला देखने पहुंचे बच्चे ।
मावा 21 : अष्टापद तीर्थ पर भ्रमण के दौरान विद्यार्थी।
मावा 22 : अष्टापद तीर्थ का भ्रमण करते हुए स्कूली बच्चे।
मावा 23 : पांडेश्वर मंदिर पर स्कूली बच्चों को जानकारी देते हुए सुनील पोसवाल।
मावा 24 : जयंती माता शक्ति पीठ के बारे में जानकारी प्राप्त करते स्कूली बच्चे।
मावा 25 : भ्रमण के दौरान फोटो लेते हुए।
मावा 26 : छात्रा हायबा
मावा 27 : छात्रा मानशिर।
मावा 28 : छात्रा आस्था
मावा 29 : इपिष्ठा
मावा 30 : छात्र पुष्कर
मावा 31 : छात्र पार्थ।
मावा 32 : छात्र मानिक।
मावा 33 : कोडिनेटर रम्मू शर्मा।
मावा 34 : शिक्षि विनोद।
मावा 35 : सुनील पोसवाल।