पत्रकारिता की विश्वसनीयता को विद्यार्थी के सिद्धांत अहम
गणेश शकर विद्यार्थी की पत्रकारिता एक मिशन के रूप में थी
मेरठ : गणेश शकर विद्यार्थी की पत्रकारिता एक मिशन के रूप में थी, जिसने स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए हो रहे आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया। उनकी पत्रकारिता लोकमान्य तिलक के आदर्शो पर केंद्रित थी। यही कारण है कि भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारी उनके अखबार प्रताप से जुडे़ हुए थे।
यह बात शुक्रवार को मुख्य अतिथि एवं शिक्षाविद व पत्रकार प्रो. अच्युतानन्द मिश्र ने कही। शुक्रवार को चौधरी चरण सिंह विवि के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती के उपलक्ष्य पर विश्व संवाद केन्द के संयुक्त तत्वावधान में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में प्रो. मिश्र ने कहा कि पत्रकारिता में जो आज विश्वसनीयता का संकट है उसे दूर करने के लिए गणेश विद्यार्थी के पत्रकारिता के सिद्धात पर लौटना होगा।
मुख्य वक्ता एवं राष्ट्रदेव के संपादक अजय मित्तल ने कहा कि गणेश शकर विद्यार्थी एवं माखनलाल चतुर्वेदी दोनो समकालीन होने के साथ-साथ दोनों की वैचारिक प्रतिबद्धता भी एक जैसी थी। संकट के समय दोनों ने हमेशा एक दूसरे के अखबार का संपादन भी किया। विवि के कुलपति व अध्यक्ष प्रो. एनके तनेजा ने कहा कि पत्रकारिता की विश्वसनीयता को पुन: जीवित करने के लिए विद्यार्थी जैसे पत्रकारों के आदर्शो को पुन: स्थापित करने की आवश्यकता है। अतिथियों का स्वागत विभागाध्यक्ष डा. प्रशांत कुमार व संचालन छात्रा सौम्या जोशी ने किया। विश्व संवाद न्यास केंद्र के अध्यक्ष आनन्द प्रकाश अग्रवाल,प्रो. बीर सिंह, वीरपाल सिंह, सत्यप्रकाश गर्ग, डा. अशोक कुमार, एसएस गौरव, डा. यशवेन्द्र, डा.विवेक कुमार, डा. योगेन्द्र शर्मा, डा. आशीष कौशिक आदि शिक्षक व विद्यार्थी मौजूद रहे।