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बीएड व बीटीसी कालेजों की जांच का कड़ा विरोध, प्रदर्शन

उप्र सेल्फ फाइनेंस टीचिंग इंस्टीट्यूशंस एसोसिशन ने जिले के करीब 298 बीएड व बीटीसी कालेजों की जांच कराने का कड़ा विरोध किया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 02:00 AM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 02:00 AM (IST)
बीएड व बीटीसी कालेजों की जांच का कड़ा विरोध, प्रदर्शन
बीएड व बीटीसी कालेजों की जांच का कड़ा विरोध, प्रदर्शन

मेरठ, जेएनएन। उप्र सेल्फ फाइनेंस टीचिंग इंस्टीट्यूशंस एसोसिशन ने जिले के करीब 298 बीएड व बीटीसी कालेजों की जांच कराने का कड़ा विरोध किया है। संचालकों ने जांच के आदेश निरस्त कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। डीएम के माध्यम से प्रमुख सचिव को ज्ञापन भी भेजा गया है।

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समाज कल्याण विभाग ने जिले के बीएड व बीटीसी के 298 कालेजों की जांच का आदेश जारी किया है। उनका कहना है कि समाज कल्याण विभाग को मान्यता, भूमि, भवन व शिक्षकों की जांच का अधिकार किसी भी शासनादेश में नहीं है। वहीं, कालेज व संस्थान पिछले करीब सात महीने से बंद पड़े हैं। ऐसे में जांच का कोई औचित्य नहीं है। उनका आरोप है कि यह अनावश्यक जांच केवल मानसिक प्रताड़ना व धन उगाही के लिए कराई जा रही है।

कालेजों की जांच के विरोध में प्रदेश के गाजीपुर, मथुरा, मुरादाबाद जिलों में बेमियादी हड़ताल जारी है। यदि जांच का आदेश निरस्त नहीं हुआ तो वे भी बेमियादी हड़ताल व कालेजों में तालाबंदी को मजबूर होंगे। यह तालाबंदी तब तक जारी रहेगी, जब तक कि गठित जांच समिति निरस्त नहीं हो जाती। इस मामले में लखनऊ खंडपीठ में वाद भी लंबित है। इस पर जांच न करने को लेकर स्टे है। उन्होंने मांग की कि जांच की कार्रवाई को पूरी तरह रोका जाए। ज्ञापन देने वालों में डा. सोरन सिंह, डा. आकाश, डा. योगेश बालियान, संजीव तोमर, अमित कंसल, पुखराज, चांदवीर सिंह व विक्रांत चौधरी आदि शामिल रहे।


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