मेरठ में आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान : स्टीव की किताब खोलेगी भारत में क्रिकेट के जुनून का राज Meerut News
स्टीव वॉ भारत में क्रिकेट के प्रति जुनून पर शोध करते हुए द स्पिरिट आफ क्रिकेट इंडिया नामक किताब लिख रहे हैं जो अगस्त 2020 तक बाजार में उपलब्ध हो जाएगी।
मेरठ, [संतोष शुक्ल]। Steve Waugh in Meerut भारत में क्रिकेट को एक अलग ही धर्म माना जाता है जबकि सचिन जैसे खिलाड़ी को क्रिकेट का भगवान। इसे और मजबूती तब मिल गई जब दुनिया के महानतम बल्लेबाजों और कप्तानों में शुमार आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर स्टीव वॉ इसका रहस्य जानने मेरठ पहुंच गए। वो भारत में क्रिकेट के प्रति जुनून पर शोध करते हुए द स्पिरिट आफ क्रिकेट इंडिया नामक किताब लिख रहे हैं, जो अगस्त 2020 तक बाजार में उपलब्ध हो जाएगी। इसमें मेरठ की दर्जनों फोटो होंगी। शुक्रवार को इसके लिए स्टीव ने विक्टोरिया पार्क स्थित स्टेनफोर्ड कंपनी में चार घंटे गुजारकर क्रिकेट इंडस्ट्री की बारीकियों को कैमरे में कैद किया।
हर एंगल से लिए दर्जनों फोटो
आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ गुरुवार को मुंबई में सचिन तेंदुलकर से मिलकर शुक्रवार दोपहर एक बजे मेरठ पहुंच गए। छह सदस्यों की टीम के साथ कंपनी में पहुंचकर बल्ला एवं गेंद बनाने की कारीगरी की फोटोग्राफी की। बल्ला बनाने की हर बारीकी को करीब से देखा, कारीगरों से बात की। बल्ले की खराद से लेकर फिनशिंग तक की फोटो ली। अपने तीन दोस्तों के साथ कंपनी पहुंचे वॉ ने क्रिकेट गेंद की सिलाई और रंगाई से लेकर उसे सुखाने तक की पूरी तकनीक को कैमरे में कैद किया। एक-एक दृश्य के तीस से ज्यादा फोटो खींचे। स्टीव दस बल्ले अपने साथ भी ले गए। कंपनी के मालिक अनिल सरीन ने बताया कि स्टीव ने स्पिरिट आफ क्रिकेट इंडिया लिखने के लिए सालभर पहले कंपनी से संपर्क किया था।
कहा, इतनी सफाई मशीनों में नहीं
350 पेज की अपनी किताब में पूर्व आस्टेलियाई कप्तान मेरठ में गेंद और बल्ला बनाने के हुनर को पूरी जगह देंगे। किताब हार्ले मेडकाफ ग्रुप द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। सभी किताबों पर वॉ के हस्ताक्षर भी होंगे। महान खिलाड़ी स्टीव ने माना कि मेरठ की क्रिकेट इंडस्ट्री में हाथ के हुनर का गजब इस्तेमाल है। उन्होंने कहा कि मशीनों से भी बल्ला व गेंद बनाने में इतना परफेक्शन संभव नहीं है। स्टीव वॉ ने बताया कि वो सप्ताहभर से भारत में हैं, और अभी इंदौर, पुणो, अहमदाबाद, बेंगलुरु और कोलकाता पहुंचकर क्रिकेट के जुनून की नब्ज पता करेंगे। कोलकाता में स्टीव फाउंडेशन कई चैरिटी काम भी करता है।