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कण-कण में श्रीराम का जन गण-कण-कण में विराजे राम, 55 साल से गूंज रही श्रीरामकथा

पंडित शिव कुमार ने 1966 में की थी श्रीराम दरबार की स्थापना। मुजफ्फरनगर में अयोध्या में श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन की सफल कामना के लिए दरबार में रामनाम का जाप सुंदरकांड पाठ किया जा

By Taruna TayalEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 06:40 AM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 06:40 AM (IST)
कण-कण में श्रीराम का जन गण-कण-कण में विराजे राम, 55 साल से गूंज रही श्रीरामकथा
कण-कण में श्रीराम का जन गण-कण-कण में विराजे राम, 55 साल से गूंज रही श्रीरामकथा

मुजफ्फरनगर, [दिलशाद सैफी]। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम... कण-कण में विराजे हैं। द्वारिकापुरी के श्रीरामदरबार का क्षण-क्षण उनके आदर्शों को नमन कर रहा है। यहां पिछले 55 वर्षों से कथा निरंतर कानों में श्रीराम रूपी रस घोल रही है। कथा कहने और सुनने वाले भावविभोर हैं। अयोध्या में श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन की सफल कामना के लिए दरबार में रामनाम का जाप, सुंदरकांड पाठ किया जा रहा है। श्रीराम दरबार में दिन निकलते ही रामलला के भक्त एकत्र होते हैं और श्रीरामचरितमानस का गुणगान करते हैं।

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पं. शिव कुमार जी महाराज ने की थी स्थापना

शहर के द्वारिकापुरी स्थित श्रीरामदरबार की स्थापना पंडित शिव कुमार जी महाराज ने 20 अगस्त 1966 में की थी। उन्होंने अपने जीवन के 42 वर्ष श्रीराम के नाम किए हैं। उनके भीतर श्रीराम भक्ति का ऐसा खुमार चढ़ा कि 3000 पृष्ठों का ग्रंथ लिखकर श्रीरामदरबार शैली का विकास किया। मेरठ कालेज से एमए उत्तीर्ण पं. शिव कुमार चांदपुर में प्रोफेसर बन गए, लेकिन मन शिक्षण से ज्यादा श्रीराम में रमा था। इसके चलते बड़े भाई पं. रामानंद के साथ मिलकर श्रीराम कथा को संगीत, साहित्य और भक्तिरस से सराबोर किया। उन्होंने यहां वर्ष 2008 तक श्रीरामकथा का गुणगान किया। पं. शिव कुमार जी महाराज के ब्रह्मलीन होने के बाद उनके पुत्र पं. रामदेव शर्मा परंपरा को निरंतर आगे बढ़ा रहे हैं। शर्मा बंधु के पिता पं. रामानंद के तपते हुए तन को राम नाम के तरुवर की छाया यहीं जिले की मिट्टी में ही मिली।

श्रीरामकथा की 29 आवृत्ति पूर्ण, 30वीं प्रारंभ

पंडित रामदेव शर्मा बताते हैं कि 55 वर्ष से निरंतर श्रीरामकथा गूंज रही है। अभी तक यहां श्रीरामकथा की 29 आवृत्ति पूर्ण हो चुकी हैं। सुबह नौ बजे से 10 बजे तक श्रीराम भक्त उनका गुणगान करने के लिए एकत्र होते हैं, जो प्रभु की शरण में आकर सच्चा सुख पा रहे हैं। पिछले दिनों से श्रीरामकथा की 30वीं आवृत्ति प्रारंभ हो गई है।

श्रीराम नाम जाप, दीप मालाएं जलेंगी

अयोध्या में श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन की घोषणा होने के बाद से श्रीरामदरबार में सुंदरकांड पाठ का आयोजन होने के साथ श्रीराम नाम का जाप किया जा रहा है। बुधवार को भूमि पूजन के साथ ही दरबार में दीप मालाएं जलाई जाएंगी। 19 अगस्त को अखंड श्रीरामचरित्र मानस पाठ होगा।


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