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मेरठ का सोतीगंज,एशिया का सबसे बड़ा कबाड़ बाजार,चुटकियों में यहां खप जाते थे चोरी के वाहन

मेरठ में एसएसपी ने कड़ा रुख अपनाने हुए मेरठ के सोतीगंज बाजार को बंद करा दिया है। कई राज्यों तक असर दिखाएगा मेरठ में सोतीगंज का बंद बाजार दुकानदारों के पास ब्रिकी का तक रिकार्ड नहीं है। हर राज्य से चोरी हुई गाड़ी का कनेक्शन सोतीगंज से जुड़ता था।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Sun, 12 Dec 2021 08:25 AM (IST)Updated: Sun, 12 Dec 2021 08:25 AM (IST)
मेरठ में सोतीगंज के बाजार को बंद कराने की कवायद काफी पुरानी है।

मेरठ, जागरण संवाददाता। पूरे देश में भले जीएसटी का सामान खरीदा और बेचा जा रहा हो। लेकिन शहर का सोतीगंज बाजार अभी भी बिना रिकार्ड भी खरीद-फरोख्त कर रहा था। आयकर विभाग की टीम ने सोतीगंज बाजार की 275 दुकानों से जवाब मांगा है, जिनके पास आय का कोई रिकार्ड नहीं मिला है। माना जा रहा है कि सभी दुकानदार चोरी के वाहनों का कटान कर उनके उपकरण बेच रहे थे। हर राज्य से वाहन चोरी करने के बाद सोतीगंज में खपा दिए जाते थे। यही कारण है कि मेरठ के सोतीगंज को एशिया का सबसे बड़ा कबाड़ बाजार कहा जाता है। मेरठ के एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने अगले आदेशों पर सोतीगंज बाजार को रविवार से बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं।

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सीएम को भी लिखा था लेटर

चोरी के वाहन यहां आने के बाद दस से पंद्रह मिनट में पता नहीं चल पाता है। सोतीगंज के बाजार को बंद कराने के लिए सांसद राजेंद्र अग्रवाल संसद से लेकर मुख्यमंत्री तक को पत्र लिख चुके थे। उसके बाद भी सोतीगंज में चोरी के वाहनों का कटान बदस्तूर जारी था। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने अपने छह माह के कार्यकाल में सोतीगंज को बंद करा दिया है। उन्होंने सबसे पहले सोतीगंज की रीढ़ माने वाले वाले 37 कबाडिय़ों के खिलाफ तीन गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे दर्ज किए। उनकी संपत्ति तक कुर्क कर ली गई। उसके बाद दर्ज मुकदमों में दुकानदारों का नाम आने पर सोतीगंज बाजार को ही बंद करा दिया है। सोतीगंज बाजार बंद होने का फर्क सबसे ज्यादा पंजाब में दिखाई देगा। क्योंकि दिल्ली, हरियाणा और यूपी से चोरी हुए वाहनों का कटान करने के बाद उनके उपकरणों को पंजाब के व्यापारी खरीदारी करके ले जाते थे। हालांकि काफी माल सोतीगंज में रिटेल पर भी बेचा जाता था। एएसपी सूरज राय की जांच में सामने आया कि सोतीगंज की सभी दुकानों पर चोरी के उपकरण बेचे जाते है।

यूं बंद हुआ सोतीगंज बाजार

सोतीगंज बाजार में रहने वाले वाहन चोर और कबाडिय़ों पर जनपद में करीब ढाई हजार से ज्यादा मुकदमे दर्ज है। कटान और चोरी के विभिन्न थानों में दर्ज 321 मुकदमों की विवेचना प्रचलित है। इन सभी मुकदमों में सोतीगंज बाजार के ज्यादातर दुकानदारों का नाम सामने आया है। विवेचना में बताया गया कि सोतीगंज की सभी दुकानों पर चोरी के उपकरण बेचे जाते है। वाहन चोरों और जेल गए कबाडिय़ों से पूछताछ में बताया कि सोतीगंज के सभी दुकानदारों को चोरी के वाहन बेचे जाते थे। उक्त वाहनों का कटान कर उपकरण अन्य गाडिय़ों में फिट कर दिए जाते है। सोतीगंज बाजार की दुकान खुलने से विवेचना के साक्ष्य नष्ट किए जा सकते है। जिससे विवेचना प्रभावित हो सकती है। इसलिए विवेचना पूरी होने तक उक्त दुकानों को बंद करने के आदेश दिए गए है।

इनका कहना है

प्रदेश के सभी जनपदों से वाहन चोरी होने पर सोतीगंज का जिक्र आता था। तभी से ठान लिया था कि सोतीगंज बाजार को चोरी के वाहन कटान से मुक्त करना है। मेरठ में तैनाती के तीन दिन बाद ही सोतीगंज का पूरा रिकार्ड मंगाया गया था। उसके बाद सभी दुकानदारों की लिस्ट बनाई गई। तीन मुकदमे में गैंगस्टर के दर्ज कराकर 37 कबाडिय़ों को आरोपित बनाकर अरबों की संपत्ति जब्त की गई है। साथ ही 82 वाहन चोरों को जेल भेजा जा चुका है। उसके साथ ही हाजी गल्ला, हाजी इकबाल समेत बड़े 12 कबाडिय़ों को जेल भेजा जा चुका है। 275 कबाडिय़ों की लिस्ट आयकर विभाग को भेजी गई है। तभी आयकर की टीम ने भी कबाडिय़ों का खरीद फरोख्त का रिकार्ड जुटाना शुरू कर दिया है। अब हमने चोरी के वाहनों का सामान बेचने वाले दुकानों को बंद कराने का आदेश किया।

- प्रभाकर चौधरी, एसएसपी, मेरठ  


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