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कहीं अस्पताल पर लटके ताले, तो कहीं भवन के लाले, बुलंदशहर में किराए की दुकान में भी चलता है सरकारी अस्पताल

बुलंदशहर के ग्रामीण क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक आयुर्वेदिक और यूनानी अस्पतालों का निर्माण कराया गया था। यहां चिकित्सकों और फार्मासिस्ट की तैनाती भी की गई लेकिन कई अस्पतालों पर चिकित्सकों के न आने से मरीज आयुर्वेदिक उपचार से वंचित हैं।

By Parveen VashishtaEdited By: Published: Thu, 09 Dec 2021 06:46 PM (IST)Updated: Thu, 09 Dec 2021 06:46 PM (IST)
कहीं अस्पताल पर लटके ताले, तो कहीं भवन के लाले, बुलंदशहर में किराए की दुकान में भी चलता है सरकारी अस्पताल
बुलंदशहर में दुकान में भी चलता है सरकारी अस्पताल

बुलंदशहर, जागरण संवाददाता। ऊंचागांव क्षेत्र के आयुर्वेदिक और यूनानी अस्पताल चिकित्सकों की लापरवाही के चलते शोपीस बनकर रह गए हैं। कहीं चिकित्सकों के न आने से अस्पताल पर ताला लटका हुआ है, तो कहीं अस्पताल के लिए भवन के भी लाले पड़े हुए है। जहां पर अस्पताल भवन हैं, वहां तैनात चिकित्सक गैरहाजिर रहकर मरीजों को भगवान भरोसे छोड़ रहे हैं। 

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ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को आयुर्वेदिक उपचार प्रदान करने के लिए सरकार ने क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक आयुर्वेदिक और यूनानी अस्पतालों का निर्माण कराया था। जहां पर मरीजों के उपचार के लिए चिकित्सकों और फार्मासिस्ट की तैनाती कर रखी है। लेकिन उसके बाद भी क्षेत्र के कई अस्पतालों पर चिकित्सकों के न आने से मरीजों को आयुर्वेदिक उपचार से वंचित रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। जिसमें गांव चासी, सौजना रानी व भडकाऊ में चिकित्सकों के कभी-कभी दर्शन होते है और जहां पर चिकित्सकों के बैठने के लिए अस्पताल भवन मौजूद नहीं है। वहां पर मरीजों का कतार लगाकर उपचार किया जा रहा है। नरसेना में किराए की दुकान में अस्‍पताल चल रहा है।

अस्पताल पर बोर्ड तक नहीं लगा, ताला लटका देख लौट गए मरीज

गांव भडकाऊ में मरीजों के उपचार के लिए बनाया गया यूनानी अस्पताल पर बोर्ड तक नहीं लगा है। चिकित्सक के न आने से यह शोपीस बनकर रह गया है। बुधवार को अस्पताल पर ताला लटका हुआ देख दूरदराज से दवा लेने के लिए आए दर्जनों मरीज वापस लौट गए। ग्रामीणों ने बताया कि अस्पताल सोमवार और बुधवार को ही खुलता है, लेकिन इस बार बुधवार को भी नहीं खुला।

भवन निर्माण के लिए कई वर्षों से मांग

गांव नरसेना में अस्पताल भवन के अभाव में एक दुकान में चल रहे आयुर्वेदिक अस्पताल पर बुधवार को मरीजों की लंबी कतार लगी रही। जहां पर अस्पताल भवन निर्माण के लिए ग्रामीण पिछले कई वर्षों से लगातार मांग करते चले आ रहे है। उसके बाद भी चिकित्सक और मरीजों को अस्पताल भवन नसीब नहीं हुआ है। 

इन्होंने कहा

चिकित्सक की बाहर ड्यूटी लगाई गई है। जिसके कारण बुधवार को अस्पताल बंद था। अस्पतालों पर न आने वाले चिकित्सकों की जानकारी की जा रही है। नरसेना में अस्पताल भवन के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है।

-मुकेश कुमार कौशिक, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक व यूनानी अधिकारी


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