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Good News : अब शहर के विकास को लगेंगे ‘स्मार्ट’ पंख, योगी कैबिनेट ने खोली राह Meerut News

अब वो दिन दूर नहीं जब मेरठ भी स्‍मार्ट शहरों की सूची में शामिल हो जाएगा। राज्य स्मार्ट सिटी मिशन योजना के तहत शहर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा।

By Prem BhattEdited By: Published: Wed, 25 Sep 2019 09:13 AM (IST)Updated: Wed, 25 Sep 2019 09:13 AM (IST)
Good News : अब शहर के विकास को लगेंगे ‘स्मार्ट’ पंख, योगी कैबिनेट ने खोली राह Meerut News

मेरठ, जेएनएन। Smart City Meerut राज्य स्मार्ट सिटी मिशन योजना के तहत मेरठ शहर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। शुरुआत में 50 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। फिर आम बजट में योजना के लिए प्रावधान किया जाएगा। लंबे समय से मेरठ के लोगों को स्मार्ट सिटी का इंतजार था। केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना में प्रदेश के दस नगर निगम पहले ही शामिल थे। मेरठ समेत सात नगर निगम छूटे हुए थे। योगी सरकार ने स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की थी। इसे मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई। राज्य स्मार्ट सिटी मिशन योजना के तहत शहर में सड़क, बिजली, पानी, सफाई, सुरक्षा और परिवहन की सुविधाएं बेहतर की जाएंगी।

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ये सिस्‍टम बनेंगे स्‍मार्ट

पूरे शहर में सौ फीसद जलापूर्ति लाइन, सीवरेज लाइन, अंडर ग्राउंड बिजली का सिस्टम और इंटीग्रेटेड रोड ट्रैफिक सिस्टम विकसित किया जाएगा। राज्य स्मार्ट सिटी मिशन योजना को मूर्त रूप देने के लिए मेरठ स्मार्ट सिटी लिमिटेड नाम से एक कंपनी बनाई जाएगी। योजना की नोडल अधिकारी कमिश्नर हैं, जबकि नोडल विभाग नगर निगम है। एमडीए और आवास विकास भी स्मार्ट सिटी के कामों को गति देगा।

निगम ने शासन को भेजे हैं डीपीआर

नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक शहर के 98 फीसद हिस्से में पेयजल पाइप लाइन मौजूद है। दो फीसद छूटे हिस्से के लिए डीपीआर शासन को भेजा जा चुका है। 150 एमएलडी एसटीपी नमामि गंगे योजना के तहत बनेगा। शहर के चार बड़े नालों को इससे जोड़ा जाएगा। यह एसटीपी प्रोजेक्ट टेंडर की प्रक्रिया में है। 100 किमी. सीवर लाइन बिछाने का डीपीआर भी तैयार हो रहा है। इसी तरह अंडर ग्राउंड बिजली का डीपीआर भी भेजा जाएगा।

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से ये होंगे बदलाव

जाम मुक्त ट्रैफिक सिस्टम विकसित हो जाएगा।

शहर की सड़कें अच्छी हो जाएंगी।

शहर को झूलते तारों से मुक्ति मिल जाएगी।

मुख्य मार्गो किनारे पौधरोपण होगा। जिससे वातावरण सुधरेगा।

शहर में 24 घंटे जलापूर्ति की व्यवस्था सुचारू की जाएगी।

घनी आबादी वाले क्षेत्रों की सड़कें चौड़ी और अतिक्रमण मुक्त होंगी।

आवश्यकतानुसार आधुनिक बस स्टाप बनाए जाएंगे।

परिवहन की सुविधा बेहतर हो जाएगी।

शहर के पुराने हिस्से को हेरिटेज के रूप में विकसित किया जाएगा।

शहर में शत-प्रतिशत वाटर कनेक्शन होंगे।

शहर में सौ फीसद सीवरेज सिस्टम होगा।

हालांकि ये चुनौतियां भी..

नगर निगम के पास कूड़ा निस्तारण प्लांट नहीं है। प्रतिदिन 900 मीटिक टन कूड़ा निकलता है। लोहिया नगर में कूड़ा डंप किया जा रहा है। यहां पर कूड़ा डालने के लिए जमीन कम पड़ रही है। एमडीए और निजी जमीन पर कूड़ा फेंका जा रहा है। जिसका लोग विरोध करने लगे हैं।

नगर निगम के पास खुद का एसटीपी नहीं है। जलनिगम का एक तथा एमडीए के 13 एसटीपी हैं। शहर का अधिकांश सीवरेज नालों के जरिए बिना ट्रीट किए नदी में बहाया जा रहा है। हालांकि 150 एमएलडी एसटीपी टेंडर की प्रक्रिया में है। लेकिन शहर के 40 फीसद हिस्से में सीवर लाइन नहीं है।

शहर में जलनिकासी की समस्या है। 300 से अधिक छोटे-बड़े खुले नाले हैं। जिनमें कूड़ा, गोबर बहाया जा रहा है। बरसात में नाले शहर को डुबोते हैं। जानमाल के लिए खतरा बने हैं।

इनका कहना है

मेरठ ऐतिहासिक शहर है। स्मार्ट सिटी में चयन के लिए काफी प्रयास किए गए थे। लेकिन कुछ नागरिक समस्याओं का समाधान नहीं हो सका इसलिए स्मार्ट प्रतिस्पर्धा में मेरठ अंक हासिल नहीं कर पाया था। अब प्रदेश सरकार ने अपने स्तर से स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की है। प्रदेश सरकार का जो आदेश होगा उसका पालन कराया जाएगा।

- अनीता सी मेश्राम, कमिश्नर  


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