धरनास्थल की बिजली कटने पर सिवाया टोल प्लाजा-फ्री कराया
दिल्ली के गाजीपुर बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के धरना-स्थल की बिजली काटने के बाद भाकियू कार्यकर्ताओं ने रविवार रात को सिवाया टोल प्लाजा को फ्री करा दिया।
मेरठ, जेएनएन। दिल्ली के गाजीपुर बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के धरना-स्थल की बिजली काटने के बाद भाकियू कार्यकर्ताओं ने रविवार रात को सिवाया टोल प्लाजा को फ्री करा दिया। लोगों की टोल कर्मचारियों से भी कहासुनी हुई। पुलिस ने समझाने का प्रयास किया तो उनसे भी बदसलूकी की गई।
कृषि बिलों के खिलाफ कई महीनों से दिल्ली के गाजीपुर बार्डर समेत अन्य बार्डर पर भी किसानों का धरना चल रहा है। वहीं, वेस्ट यूपी के किसान गाजीपुर बार्डर पर धरना दे रहे हैं। बताया जाता है कि रविवार को गाजीपुर बार्डर पर धरनास्थल की बिजली काट दी गई। जिसके बाद भाकियू टिकैत गुट के लोगों ने रविवार शाम करीब सात बजे से सिवाया टोल प्लाजा फ्री करा दिया। भीड़ का नेतृत्व दौराला निवासी मिटू कर रहा था, जो भाकियू से जुड़ा है। पुलिस ने टोल फ्री कराने वालों को शांत कर समझाने का प्रयास किया, मगर वे नहीं मानें। आरोप है कि पुलिस और टोल कर्मचारियों से भी बदसलूकी की गई। पुलिस ने भी कानून हाथ में न लेने की नसीहत दी, मगर हंगामा करने वाले नहीं मानें। इंस्पेक्टर किरनपाल सिंह का कहना है कि कुछ लोगों ने गाजीपुर बार्डर की बिजली काटे के विरोध में टोल फ्री कराया था।
गुजरात और महाराष्ट्र के दो साइकिल यात्रियों का स्वागत: पर्यावरण बचाने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए गुजरात और महराष्ट्र से उत्तराखंड के लिए साइकिल पर निकले दो युवकों का रविवार को हाईवे पर स्वागत किया गया।
लोगों ने पुष्प वर्षा कर इनके साहस को सलाम किया। जागृति विहार निवासी रोहन सिंह ने बताया कि वे साइकोलाजी नेशन के फाउंडर हैं और साईं संरचना फाउंडेशन के सक्रिय सदस्य हैं। रोहन ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से उत्तराखंड में आए दिन बाढ़ की वजह से तबाही आती है। लोगों को पर्यावरण बचाने के लिए जागरूक करने को गुजरात निवासी 25 वर्षीय दर्शन और महाराष्ट्र निवासी 25 वर्षीय क्षितिज साइकिल से अपने घरों से उत्तराखंड में चमोली के लिए 24 फरवरी को निकले। शनिवार सुबह जब दोनों युवक गाजियाबाद पहुंचे तो वहां पर साई संरचना फाउंडेशन के सदस्यों ने उनका स्वागत किया। इस दौरान गाजियाबाद से भी 60 वर्षीय एक बुजुर्ग दोनों युवकों संग अपनी साइकिल पर सवार होकर उत्तराखंड के लिए चल दिए। रोहन ने बताया कि साइकिल सवार तीन सदस्यीय टीम उत्तराखंड में चमोली जिले के रेड़ी गांव पहुंचेगी, जहां कुछ दिन पूर्व बाढ़ आने से दो पावर प्रोजेक्ट पानी में बह गए और वहां काम करने वाले कई सौ मजदूर लापता हो गए थे।