Shramik Special Train: मोदी की जयकार के साथ सहारनपुर से रवाना हुई दूसरी ट्रेन, इन जगहों पर जाएंगे कामगार
22 कोच की ट्रेन में पांच जगह रेल स्टाफ बदला जाएगा। इस दौरान 1212 कामगारों के साथ कटिहार के लिए रवाना किया गया। कामगारों ने मोदी जिंदाबाद के नारे लगाए।
सहारनपुर, जेएनएन। बिहार के प्रवासी कामगारों के लिए सहारनपुर से दूसरी ट्रेन शनिवार को रवाना हुई। सहारनपुर से सीधे कटिहार के लिए 1212 कामगारों को लेकर जैसे ही ट्रेन ने हार्न दिया तो प्रवासी कामगारों ने खिड़की से हाथ हिलाकर विदाई ली और मोदी जिंदाबाद के नारे लगाते हुए सहारनपुर का धन्यवाद किया।
हरियाणा व पंजाब के कई जिलों के प्रवासी जिन्हें अंबाला रोड स्थित राधा स्वामी सत्संग भवन में क्वारंटाइन किया गया था। बिहार के नागरिकों के लिए शनिवार को दूसरी श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई गई। शनिवार सुबह जिलाधिकारी व एसएसपी दोनों ही अपनी टीम के साथ स्टेशन पहुंचे और रेल अफसरों से वार्ता की। ट्रेन संचालन में देरी न हो, इसलिए सुबह ग्यारह बजे से ही बसों के माध्यम से प्रवासियों को स्टेशन बुलवा लिया, तब तक 22 कोच की स्पेशल ट्रेन प्लेटफार्म नंबर चार पर प्लेस कर दी गई थी।
ट्रेन को पूरी तहर किया सैनिटाइज
ट्रेन को पूरी तरह से सैनिटाइज किया गया था और सभी बोगियों के बाहर नंबर की चिट लगा दी गई थी। बसों से उतार कर कामगारों का पुन: थर्मल स्कैनिंग की गई और उनको 590 रुपये मूल्य का टिकट दिया गया, जिसका कुल भुगतान सात लाख 21 हजार 140 रुपये सरकार की ओर से रेलवे को किया जा चुका था। कोच में शारीरिक दूरी के हिसाब से लोगों को बैठाया गया। रेलवे की ओर से प्रोटोकॉल ऑफिसर प्रदीप गिल्होत्रा ने बताया कि 1295 किलो मीटर का सफर तय करने वाली यह सुपरफास्ट एक्सप्रेस यहां से चल कर मुरादाबाद, लखनऊ, गोरखपुर, छपरा तथा बरौनी में चंद मिनट के लिए रुकेगी। इन स्टेशनों पर ट्रेन स्टाफ की ड्यूटी बदली जाएगी। दोपहर दो बजे जैसे ही ट्रेन यहां से चली तो उत्साहित प्रवासियों ने सहारनपुर का धन्यवाद करते हुए खिड़कियों से हाथ बाहर निकाल कर विदाई ली और मोदी जिंदाबाद के नारे लगाए।
इनका कहना है....
बिहार के प्रवासियों की दो ट्रेन चलाई जा चुकी हैं, जिसमें करीब ढाई हजार कामगारों को भेजा गया। अभी भी हजारों प्रवासी यहां रुके हुए हैं, जिन्हें अगली ट्रेन से भेजा जाएगा। ट्रेन में बैठाने से पहले सभी प्रवासियों को भोजन के पैकेट व पानी भी उपलब्ध करवा दिया ताकि रास्ते में दिक्कत न आ सके।
- अखिलेश कुमार सिंह, जिलाधिकारी।