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NCC से रक्षा सचिव सम्मान तक सफर तय कर चुकी हैं मेरठ की शिवाली, राज्‍यपाल ने भी किया था सम्‍मानित

मेरठ की शिवाली का एनसीसी में कमाल का प्रदर्शन रहा है। ये रक्षा सचिव सम्‍मान पाने का सफर पूरा कर चुकी हैं जो बहुत कम लोग कर पाते हैं। साथ ही ये तत्‍कालीन उत्‍तर प्रदेश के राज्‍यपाल से भी सम्‍मानित की जा चुकीं हैं।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 12:23 PM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 12:23 PM (IST)
NCC से रक्षा सचिव सम्मान तक सफर तय कर चुकी हैं मेरठ की शिवाली, राज्‍यपाल ने भी किया था सम्‍मानित
मेरठ के एनसीसी कैडेट की शिवाली को मिल चुका है सम्‍मान।

[अमित तिवारी] मेरठ। देश की सशस्त्र सेनाओं में जाने का अहम मार्ग होने के साथ ही एनसीसी बेहतरीन व्यक्तित्व निर्माता भी है। इसी संगठन से जुड़कर मेरठ की शिवाली गहलोत ने भी स्वयं को अनुशासित करने के साथ अपने सपनों की उड़ान भरने और उसे जीने की ओर कदम बढ़ाया। बेहतरीन कैडेट के साथ शिवाली ने एनसीसी का सी-सर्टिफिकेट भी हासिल किया और देश के रक्षा सचिव कमेंडेशन कार्ड से सम्मानित भी हुईं। राष्ट्रीय एनसीसी प्रतियोगिताओं में बेहतरीन प्रदर्शन करने पर शिवाली को प्रदेश के राज्यपाल भी सम्मानित कर चुके हैं।

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छोटी उम्र से ही यूनिफार्म के प्रति रहा आकर्षण

मेरठ में कंकरखेड़ा क्षेत्र की रहने वाली शिवाली को छोटी उम्र से ही यूनिफार्म से बेहद लगाव था। वह सशस्त्र सेनाओं में जाना चाहती थीं। सोफिया गल्र्स स्कूल से स्कूली शिक्षा के दौरान स्कूल में एनसीसी की सुविधा न होने के कारण शिवाली एनसीसी से नहीं जुड़ सकीं। स्कूल के बाद मेरठ कालेज से बीएससी किया। यहीं पर एनसीसी में भी पंजीकरण कराया। 10वीं कक्षा में ही डिफेंस फोर्सेस में जाने का मन बना लिया था और इसके लिए एनसीसी ही सही रास्ता दिख रहा था। एनसीसी के प्रथम वर्ष में शिवाली का पहला कैंप मिर्जापुर में हुआ जहां उन्होंने पहली बार शूटिंग में हिस्सा लिया। पहली बार हाथ में .22 बोर की राइफल हाथ में पकड़ा। पहली ही शूटिंग में शिवाली ने पांच में से चार प्वाइंट हासिल कर प्रशिक्षण के साथ स्वयं को भी पता चला कि वह यह कर सकती हैं।

तीसरे साल पहुंची आरडीसी प्रतियोगिता में

एनसीसी में प्रशिक्षण लेकर आगे बढ़ने की लालसा के साथ शिवाली ने प्रशिक्षण के तीसरे साल में आरडीसी यानी रिपब्लिक डे परेड के लिए प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना शुरू किया। उस समय शिवाली एमएससी फिजिक्स कर रही थी और प्रथम वर्ष में थी। शिवाली के अनुसार उनके प्रोफेसर ने एनसीसी और एमएससी में से कोई एक चुनने को कहा लेकिन शिवाली ने दोनों को चुनने का निर्णय लिया और चुना भी। प्रतियोगिताओं के बाद मेरठ की बेस्ट कैडेट चुनी गईं और प्रदेश स्तरीय इंटर एनसीसी ग्रुप प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। बेस्ट कैडेट बनने के लिए एक एनसीसी कैडेट को डांस, गायन, शूटिंग, फील्ड एरिया ब्रीफिंग, ड्रिल और कमांडिंग में सभी में बेहतरीन रहना होता है। प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता में शिवाली प्रदेश की बेस्ट कैडेट चुनी गई। साथ ही उन्हें मास्टर आफ सेरेमनी भी चुना गया।

आरडीसी 2016 में चुनी गईं

शिवाली के अनुसार एनसीसी की विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं में वह शूटिंग में काफी अच्छी थी। कैंप के दौरान हर दिन सुबह पहाड़ियों पर प्रशिक्षण के लिए ले जाया जाता था। सभी प्रतिस्पर्धा में खरी उतरते हुए शिवाली आरडीसी-2016 के लिए चयनित हुईं। वहां एनसीसी के हाल आफ फेम में शिवाली प्रमुख ब्रीफर थी और प्रधानमंत्री की रैली में हिस्सा लिया। सेना प्रमुख के घर का भ्रमण किया और अपने सपनों की उड़ान भरने की प्रेरणा और प्रबल किया। देश भर के 16 कैडेट्स में शामिल बरखा दत्त के कार्यक्रम का भी हिस्सा बनीं। दिल्ली से लखनऊ में आयोजित कन्वोकेशन सेरेमनी में पहुंची जहां राज्यपाल पदक से सम्मानित हुईं। वापस लौटने पर शिवाली को यूनिट में भी कमान अधिकारी ने सम्मानित किया। इन्हीं उपलब्धियों को देखते हुए शिवाली को डिफेंस सेक्रेटरी कमेंडेशन कार्ड से नवाजा गया। शिवाली को इस बात का गर्व है कि उन्हें एनसीसी ने बहुत कुछ दिया है। एनसीसी के साथ ही वह एमएससी फिजिक्स में भी अच्छे अंकों के साथ सफल हुईं।

एसएसबी मे पहुंची शिवाली

सशस्त्र सेनाओं में जाने की इच्छा रखते हुए शिवाली ने जमकर तैयारी की और एनसीसी सी-सर्टिफिकेट पूरा करने के बाद एनसीसी-ए ग्रेडिंग के साथ एसएसबी साक्षात्कार के लिए चयनित भी हुई। लेकिन किसी तरह वह एसएसबी इंटरव्यू में सफल नहीं हो सकीं। कुछ और कोशिश करने के बाद शिवाली ने सेना के आस-पास रहने की इच्छा से आर्मी पब्लिक स्कूल मेरठ में शिक्षण देना शुरू किया है। यहां भी एनसीसी कैडेट्स का वह मार्गदर्शन करती रहती हैं जिससे वह भी आगे बढ़ सकें। 


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