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शब्बीरपुर कांड के पीड़ि‍तों ने पूर्व डीएम के खिलाफ भेजा पत्र, लगाया ये आरोप

शब्बीरपुर कांड के पीड़ि‍तों ने पूर्व डीएम के खिलाफ भेजा पत्र कहा तीन साल बाद भी नहीं दी गई पेंशन। तीन साल पहले गांव में हुई थी जातीय हिंसा।

By Taruna TayalEdited By: Published: Thu, 18 Jun 2020 12:34 AM (IST)Updated: Thu, 18 Jun 2020 12:34 AM (IST)
शब्बीरपुर कांड के पीड़ि‍तों ने पूर्व डीएम के खिलाफ भेजा पत्र, लगाया ये आरोप
शब्बीरपुर कांड के पीड़ि‍तों ने पूर्व डीएम के खिलाफ भेजा पत्र, लगाया ये आरोप

सहारनपुर, जेएनएन। शब्बीरपुर की जातीय हिंसा को तीन साल से अधिक समय बीत चुका लेकिन पीडि़तों को अभी तक पेंशन नहीं मिल सकी है। 95 पीडि़तों ने तत्कालीन डीएम आलोक कुमार पांडेय को इसका दोषी ठहराते हुए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए एसएसपी को शिकायती पत्र भेजा है। 

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यह था मामला

पांच मई-2017 को महाराणा प्रताप जयंती पर थाना बडग़ांव के गांव शब्बीरपुर में जातीय हिंसा हुई थी। थाना बडग़ांव में 45 लोगों की ओर से डकैती के तीन मुकदमे दर्ज हुए थे, जबकि 45 लोगों के नाम दो साल बाद हाईकोर्ट के आदेश पर शामिल किए गए थे। सभी में एससी-एसटी एक्ट की धारा होने के कारण आरोप-पत्र विशेष एससी-एसटी न्यायालय में दाखिल किए गए थे। घटना के बाद तत्काल सभी पीडि़तों को 25-25 हजार रुपये की सहायता दी गई थी। हाईकोर्ट के आदेश पर सभी पीडि़तों को दो साल बाद तीन-तीन लाख रुपये अनुदान समाज कल्याण विभाग ने दिया था, जबकि भारत सरकार के राज-पत्र संख्या-268 अप्रैल-2016 के मुताबिक हत्या, सामूहिक दुष्कर्म और डकैती के पीडि़तों को घटना की तिथि से तीन माह के भीतर सहायता व्यवस्था की जानी थी। इसमें पांच हजार रुपये प्रतिमाह मूल पेंशन के साथ महंगाई भत्ता (जैसा कि संबंधित राज्य सरकार या संघ क्षेत्र के सरकारी सेवकों पर लागू है) दिया जाना था।

पीडि़तों के बच्चों की स्नातक तक शिक्षा का पूरा खर्च और उनके भरण पोषण की व्यवस्था भी की जानी थी। पीडि़तों के मुकदमे जिन धाराओं में पंजीकृत हैं, उनमें 8.25 लाख रुपये का अनुदान देने का प्रावधान है। परंतु यहां समाज कल्याण विभाग की ओर से मात्र तीन-तीन लाख रुपये की राशि दे दी गई थी।

पीडि़तों ने एसएसपी को रजिस्टर्ड डाक से भेजे शिकायती पत्र में कहा है कि घटना के तीन माह के अंदर पांच हजार रुपये पेंशन दी जानी थी, जो आज तक भी नहीं दी गई। यह एससीएसटी एक्ट की धारा-4 का स्पष्ट उल्लंघन हैं। भोपाल पुत्र चतरू, राजकुमार, श्याम, दलीप कुमार, सचिन, गोपीचंद, रोशनी, बबली, अनिल, मुंशी लाल, दारा ङ्क्षसह, दिनेश, सतेंद्र, मनबीर, श्रीकांत, महीपाल, जसबीर आदि ने तत्कालीन जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय के खिलाफ कोतवाली सदर बाजार में मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।

इन्‍होंने कहा 

पीड़ितों द्वारा तहरीर देने की जानकारी मिली है। सभी पीड़ितों को तीन-तीन लाख रुपये अनुदान दिया जा चुका है। पेंशन के बारे में शासन से पूछा गया है, क्योंकि पेंशन घटना के तीन माह के भीतर दी जाती है। शासन के निर्देश के मुताबिक व्यवस्था कराई जाएगी।

-एके सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी

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