एसजी के नकली बैट बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़
एक बार फिर मेरठ में एसजी के बल्ले बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है। गुरुग्राम से आई टीम ने टीपीनगर थाना क्षेत्र की पुलिस के साथ मिलकर दो लोगों को पकड़ा।
मेरठ, जेएनएन। एक बार फिर मेरठ में एसजी के बल्ले बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है। गुरुग्राम से आई टीम ने टीपीनगर थाना क्षेत्र की पुलिस के साथ मिलकर दो लोगों को पकड़ा। उनके पास से एसजी के 71 बैट और योनेक्स कंपनी के 41 स्ट्रिंग (बैडमिंटन के तार) बरामद किए। सामान को सप्लाई करने की तैयारी थी।
गुरुग्राम की कंपनी ब्रांड एंड प्रोटेक्टर्स के निदेशक धीरेंद्र ने बताया कि टीम को काफी समय से मेरठ में एसजी के बल्ले बनाने की सूचना मिल रही थी। पिछले दिनों उन्होंने कोलकाता में रेड मारी थी। वहां से सात-आठ लोग पकड़े गए थे। उनके मोबाइल से मिली चैट के बाद मेरठ में बल्ले बनाने की लोकेशन की जानकारी हुई। दो माह से टीम मामले पर नजर रखे हुए थी। इस दौरान पता चला कि नेहरा फर्म नकली बल्ले बना रही है। साथ ही ऑनलाइन और कालिंग के जरिए बल्लों को बेचा जा रहा है। सोमवार को वह अपनी नौ सदस्यीय टीम के साथ मेरठ आ गए थे। मंगलवार को उन्होंने कंकरखेड़ा में फर्म पर नजर रखनी शुरू कर दी। यहां से बल्ले बनने के बाद सप्लाई होते हैं। दो लोग एक ई-रिक्शा में बैट और अन्य सामान लेकर जा रहे थे। टीम ने उनका पीछा किया और टीपीनगर में दबोच लिया। 71 बल्लों पर एसजी का स्टिकर लगा हुआ था। साथ ही 41 स्ट्रिंग योनेक्स के भी बरामद हुए। टीम ने पुलिस की मदद से दो लोगों को पकड़ लिया। उनके खिलाफ टीपीनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई जा रही है। थाना प्रभारी ने बताया कि पकड़े गए लोगों में दुर्गेश निवासी मुरादाबाद और नितिश कुमार निवासी मंगलौर थाना हरिद्वार हैं।
कोलकाता की रेड के बाद जुड़े तार
धीरेंद्र सिंह ने बताया कि टीम ने 11 नवंबर 19 को कोलकाता की कॉलेज स्ट्रीट पर छापामार कार्रवाई की थी। तब सात-आठ दुकानदारों को पकड़ा था। उनके मोबाइल से चैट मिली थी, जिसमें मेरठ की नेहरा फर्म से बातचीत थी। इसके बाद टीम ने छानबीन शुरू की, जिसके बाद एक के बाद एक कड़ी जुड़ती चली गई। उन्होंने बताया कि कंकरखेड़ा स्थित नेहरा फर्म किसी तरुण नेहरा के नाम से है। मंगलवार की कार्रवाई के दौरान वह हाथ नहीं आया। उसकी तलाश की जा रही है।