Ganga Yatra in Makhdumpur: गंगा की लहरों पर जब नाच उठी रवि रश्मि, सिंदूरी भोर में हुई आरती Meerut News
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बिजनौर से गंगा यात्रा आरंभ की। दूसरे दिन उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा व प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पूजन व आरती के बाद गंगा यात्रा कीरवाना
मेरठ, [संतोष शुक्ल]। रातभर रिमझिम बारिश के बीच आसमान के माथे पर भोर का सिंदूर सज गया है। मखदूमपुर घाट पर गंगा की स्वर्णिम लहरें बलखाती हुई किनारों से टकराकर दूर निकल जा रही हैं। घाट के दूसरे छोर पर गंगा का वाहन घडिय़ाल रेत पर मुंह उठाए ध्यानमग्न है। ब्रह्मबेला के उत्तम मुहूर्त में घाट पर पूजा-पाठ और आरती के लिए तंबुओं को सजाया गया है। मीलों तक फैला गंगा का रेतीला आंचल बारिश से चमक रहा है। इसी बीच वाहनों पर हस्तिनापुर से निकला गंगाभक्तों का रेला गंगा तट पर जमा होने लगता है। श्लोकों की गूंज हवा में घुलते हुए मानों लहरों पर तैरने लगती हैं। मां गंगा की आराधना संपूर्ण हुई....और भक्तों का रेला गंगा के किनारे-किनारे होते हुए गढ़मुक्तेश्वर और बुलंदशहर निकल गया।
आसमान से अमृतवर्षा...गांवों में पुष्पवर्षा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बिजनौर से गंगा यात्रा आरंभ की। रात में गंगा वाहन हस्तिनापुर में जंबू दीप रूपी धर्मप्रांगण में रुका, जहां शांति की महागूंज थी। प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने अगली सुबह गंगा आरती पर मंथन किया। रातभर रिमझिम बारिश के बीच गंगाभक्तों की तैयारी चलती रही। सुबह डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा भी पहुंच गए। हर-हर गंगे की महागूंज के साथ रथ आगे निकला। हस्तिनापुर से मवाना के बीच सड़कों पर भक्तों का सैलाब उमड़ गया। पुष्पवर्षा और बूंदाबांदी से नहाए गंगाभक्त मकदूमपुर घाट की ओर बढ़ चले।
धर्मकलश से भीगा जनज्वार
मवाना में स्कूली बच्चों ने हाथ में तिरंगा, गंगा, डाल्फिन, मछली व मगरमच्छ का चित्र लेकर रथ का स्वागत किया। बाजार में रथ पहुंचा तो उल्लास की लहरें जोर से उठने लगीं। धर्म, संस्कृति और संस्कारों के छलकते कलश से जनज्वार भी नहा उठा। उधर, महान गायक मोहम्मद रफी की आवाज में माइक से ...गंगा तेरा पानी अमृत भजन बज उठा। लता मंगेशकर की आवाज में भजन...गंगा मइया में जब तक ये पानी रहे गूंजा। फिर...न मानो तो बहता पानी ने नदी का दर्द भी बयां किया। इसी बीच कई बार गंगा के महात्म्य को बताने वाले श्लोक भी गूंजते रहे। बाजार पार कर गांवों को छूते हुए गंगा यात्रा मकदूमपुर घाट के लिए निकल पड़ी। सड़कों पर लोग फूल-माला लेकर उमड़ पड़े...हर, हर गंगे का जयकारा भी लगाया।
...तंबुओं की नगरी में कुछ भजन हो जाए
सड़क के किनारे गन्ने के खेतों के साथ सरसों के लहराते खेतों ने यात्रा में नया रंग भर दिया। जंगल से पार उतरकर वाहनों का काफिला मकदूमपुर की रेतीली जमीन पर दौडऩे लगता है। मां गंगा.....पास होने का संकेत देने लगती हैं। दूर से तंबुओं की छोटी नगरी नजर आती है, जहां भजन हो रहा है। उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कार से झांकते हुए कहा...कितनी रमणीक किनारा है। दूर तक कुछ भी नहीं...सिर्फ चांदी जैसी बहती जलधारा। उतरकर सभी ने मां गंगा के जल से आचमन किया। सूरज की किरणों से टकराती लहरों पर मानों स्वर्णसुंदरी नाच रही हो। तंबू के ऊपर भगवा पताका लहरा रही थी।
घड़ियाल भी ध्यानमग्न
गंगा आरती के लिए भक्त उमड़ पड़े। गीत-संगीत, श्लोक और गंगा लीला वर्णन करने वाली एक साथ कई स्वरधाराएं फूट पड़ती हैं। उधर, आसमान में सूरज का प्रकाश तेज होने के साथ ही नदी में जलजीवों की हलचल बढऩे लगती है। कुछ लोग दूसरी तरफ घडिय़ाल देखने के लिए दूरबीन भी निकाल लेते हैं। फिर गंगा यात्रा गढ़मुक्तेश्वर की ओर निकल पड़ी, जहां गंगा के घाट पर एक बार फिर हर्ष और उल्लास के दीप जल पड़ते हैं।