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फावड़े से खुरच कर दोनों बच्चियों का शव उठाया

हादसे को देखकर हर किसी की रूह कांप गई। उमराव एन्क्लेव की महिलाओं ने हादसा होते अपनी आंखों से देखा है। उनका कहना था कि बच्चियां स्कूटी से ट्रक को ओवरटेक कर रही थी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 09:00 AM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 09:00 AM (IST)
फावड़े से खुरच कर दोनों बच्चियों का शव उठाया
फावड़े से खुरच कर दोनों बच्चियों का शव उठाया

मेरठ, जेएनएन। हादसे को देखकर हर किसी की रूह कांप गई। उमराव एन्क्लेव की महिलाओं ने हादसा होते अपनी आंखों से देखा है। उनका कहना था कि बच्चियां स्कूटी से ट्रक को ओवरटेक कर रही थी। तभी ट्रक की साइड स्कूटी में लगी। स्कूटी दूसरी साइड गिर गई, जबकि दोनों बहन ट्रक के पहिये के नीचे गिरी, ट्रक चालक ने दस मीटर पर ट्रक रोका, जब तक दोनों की मौत हो चुकी थी। दोनों शवों को फावड़े से कुरच कर कार में डाला गया है। शव के सिर का हिस्सा सड़क से चिपक गया था। स्कूटी में मिले बिजली के बिल में दर्ज मोबाइल नंबर से पुलिस ने परिवार के लोगों को हादसे की जानकारी दी, जब तक दोनों के शवों को मर्चरी भेज दिया था।

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पापा स्कूटी से नहीं जाएंगे, आप छोड़कर आ जाओ : अनु ने पापा छोटे सिंह को कहा कि स्कूटी पर ठंड लगती हैं, वह स्कूटी नहीं ले जाना चाहती है। छोटे सिंह का कहना है कि देर रात तक ड्यूटी पर आने की वजह से सुबह को उठ नहीं पाया। दोनों बच्चियों को समझा दिया कि कल से खुद छोड़कर आएगा। अनु वायदा करके स्कूटी लेकर आई, कि कल से स्कूटी पर कभी नहीं जाएगी। छोटू सिंह बोले कि अनु का वायदा ऐसा हो कि कभी उसे स्कूटी उठानी ही नहीं पड़ेगी। काश मैं आलस में नहीं रहता है। खुद बच्चियों को लेकर स्कूल छोड़ आता तो जान बच सकती थी।

स्कूटी में सीट के नीचे रखा था हेलमेट : अनु के सिर पर हेलमेट होता तो शायद उसकी जान बच सकती थी। पापा ने उसे हेलमेट दिलाया भी था। स्कूल में देरी होने की वजह से स्कूटी की सीट के अंदर ही हेलमेट रखा था। यदि अनु के सिर पर हेलमेट होता तो शायद ट्रक का पहिया सिर पर नहीं चढ़ता।

सिटी वोकेशनल स्कूल के शिक्षकों ने की पहचान : अनु की पहचान को हादसे के समय ही हो गई थी। दरअसल, उस समय सिटी वोकेशन स्कूल की शिक्षिकाएं भी जा रही थी। हादसे के समय ही उन्होंने बता दिया कि अनु कक्षा दस की छात्र है। लेकिन उसकी बहन अंजली की पहचान करने में पुलिस को एक घंटे का समय लग गया।

अनु की जिद पर ही दिलाई थी स्कूटी : रिकी ने बताया कि अनु जिद कर रही थी कि उसे स्कूटी चाहिए। उसकी जिद पर ही परिवार के लोगों ने स्कूटी दिलाई थी। मां रिकी का कहना है कि दोनों बहनों को कभी पढ़ाई करने के लिए कहने की जरूरत महसूस नहीं हुई। दोनों ही पढ़ाई में हमेशा आगे रही है, जबकि बेटे अनुज को हमेशा पढ़ाई करने के लिए कहना पड़ता था।

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कैंट बोर्ड को टोल बचाने के चक्कर में ट्रक ने दो बच्चियों को कुचल दिया। पिता की तहरीर पर ट्रक चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। ट्रक को कब्जे में लेकर चालक की तलाश की जा रही है।

अजय साहनी, एसएसपी

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