घर बैठे महामारी पर रिसर्च कर रहे स्कूली बच्चे
लॉकडाउन के दौरान कुछ स्कूलों ने बच्चों को कोरोना वायरस के बारे में जानने और पढ़ने का टास्क भी दिया है। ऐसे में घर में बच्चे कोरोना वायरस में बारे में जानने के साथ ही इसके जैसी अन्य महामारी के बारे में भी रिसर्च करने में जुट गए हैं।
मेरठ, जेएनएन। लॉकडाउन के दौरान कुछ स्कूलों ने बच्चों को कोरोना वायरस के बारे में जानने और पढ़ने का टास्क भी दिया है। ऐसे में घर में बच्चे कोरोना वायरस में बारे में जानने के साथ ही इसके जैसी अन्य महामारी के बारे में भी रिसर्च करने में जुट गए हैं। इसी कड़ी में सोफिया गर्ल्स स्कूल में कक्षा 12वीं की छात्रा मनी चौधरी ने भी कोरोना वायरस के साथ ही वर्ष 1918 में फैली स्पैनिश फ्लू या फ्लू पेंडेमिक (एच1एन1 वायरस) के बारे में भी रिसर्च किया है। मनी ने रिसर्च की रिपोर्ट तैयार कर ली है जिसे वह स्कूल खुलने पर स्कूल में जमा करेंगी।
रिपोर्ट में है वायरस का परिणाम
मनी ने अपनी रिपोर्ट में वर्ष 1918 में हुई महामारी में लाखों लोगों के मरने की जानकारी दी है। उस समय विश्व की जनसंख्या 1.8 बिलियन थी जबकि अब 2020 में विश्व की जनसंख्या 7.8 बिलियन हो चुकी है इसलिए महामारी से नुकसान और अधिक हो सकता है। वर्ष 1918 के बाद साल 2009 में एच1एन1 इनफ्लूएंजा वायरस से भी हजारों लोग प्रभावित व सैकड़ों लोगों की जान गई थी।
क्या करें, क्या न करें
मनी ने अपनी रिपोर्ट में कोरोना वायरस के लक्षण और इसके फैलने के तरीकों के बारे में भी बताया है। इसके साथ ही कोरोना के प्रभाव के बचने के लिए स्वच्छता के साथ ही लोगों से दूरी बनाए रखने के साथ ही क्या करें और क्या न करें की जानकारी भी दी है। इसके साथ ही अपनी शारीरिक प्रतिरोक्षक क्षमता विकसित करते हुए घर पर सुरक्षित रहने की सलाह दी है।
फिल्म देखकर आया विचार
मनी के अनुसार उन्होंने नेटफ्लि्क्स पर इसी तरह के अनजान वायरस पर बनी फिल्म 'पेंडेमिक' देखी। फिल्म देखने के बाद ही उन्होंने इस तरह की अन्य महामारी के बारे में जानकारी एकत्रित करना शुरू किया। सभी जानकारी नोट करने के बाद परिजनों ने इसकी रिपोर्ट बनाने को प्रेरित किया। मनी गणित के साथ कॉमर्स की पढ़ाई कर रही हैं और ब्रांडिंग एंड एडवरटाइजिंग के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहती हैं।
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अमित