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मेरठ: भाइयों के विवाद में अखाड़ा बना स्कूल, गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल में एक पक्ष ने लगाए ताले लिया कब्जा

गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल के वर्तमान चेयरमैन इंद्रजीत सिंह और उनके भाई संजीत सिंह में पिछले कुछ दिनों से चल रहा विवाद आज सीमाएं लांघ गया। संजीत सिंह और उनके समर्थकों ने स्कूल में प्रवेश कर स्कूल के वर्तमान प्रिंसिपल डॉ कर्मेंद्र सिंह को कार्यालय से बाहर निकाल दिया।

By Taruna TayalEdited By: Published: Wed, 25 May 2022 04:14 PM (IST)Updated: Wed, 25 May 2022 04:14 PM (IST)
मेरठ: भाइयों के विवाद में अखाड़ा बना स्कूल, गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल में एक पक्ष ने लगाए ताले लिया कब्जा
गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल में भी भाइयों के बीच संपत्ति का विवाद शुरू।

मेरठ, जागरण संवाददाता। ऋषभ अकादमी में प्रबंध समिति पर कब्जे का झगड़ा अभी शांत भी नहीं हुआ है कि कैंट क्षेत्र में वेस्ट एन्ड रोड स्थित गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल में भी भाइयों के बीच संपत्ति का विवाद शुरू हो गया है। गुरु तेग बहादुर चैरिटेबल ट्रस्ट के अंतर्गत संचालित गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल के वर्तमान चेयरमैन इंद्रजीत सिंह और उनके भाई संजीत सिंह में पिछले कुछ दिनों से चल रहा विवाद आज सीमाएं लांघ गया। संजीत सिंह और उनके समर्थकों ने स्कूल में प्रवेश कर स्कूल के वर्तमान प्रिंसिपल डॉ कर्मेंद्र सिंह को कार्यालय से बाहर निकाल दिया और एक-एक कर स्कूल के ताले तोड़कर अपने ताले जड़ दिए। इस बीच स्कूल में तोड़फोड़ और हंगामा हुआ। इसी दौरान स्कूल की छुट्टी हुई और जब बच्चों को निकालने के लिए गेट खोला गया तो कुछ और बाहरी लोग स्कूल में उसी समय प्रवेश कर गए। इससे बच्चों में भी भगदड़ सी मच गई और बच्चे डर के जल्दबाजी में स्कूल से बाहर निकल गए। मौके पर स्कूल के प्रिंसिपल ने 112 पर पुलिस को सूचना दी और चेयरमैन ने सदर थाने को सूचित किया लेकिन एक घंटे तक पुलिस मौके पर नहीं पहुंची।

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स्कूल के चेयरमैन इंद्रजीत सिंह का कहना है की प्रबंध समिति से बाहर निकाले जाने के बाद से ही उनके भाई संजीत सिंह विवाद कर रहे हैं। यह मामला अभी न्यायालय में लंबित है। न्यायालय में मामले को लड़ने की बजाय बुधवार को स्कूल के पीछे के दरवाजे से कुछ लोग पहुंचे और स्कूल में तोड़फोड़ करते हुए एक-एक कार्यालय में ताला जड़ने लगे। वही छुट्टी के समय गेट खुलते ही एक साथ बहुत से बाहरी लोग स्कूल में प्रवेश कर गए। उन्होंने कहा कि यह कोई दुकान के कब्जे को लेकर विवाद नहीं है, स्कूल का मामला है। स्कूल प्रबंध समिति के अंतर्गत संचालित है। उसके सभी सदस्यों के मत से ही संजीत सिंह को बाहर किया गया था। वह न्यायालय में मामले की पैरवी करने की बजाय सीनाजोरी पर उतर आए हैं।

स्कूल के प्रिंसिपल डॉ कर्मेंद्र सिंह ने बताया कि वह पहले भी स्कूल में रह चुके हैं और दोनों ही पक्ष से परिचित हैं लेकिन भाई भाई के बीच इस तरह का आपसी विवाद स्कूल में आना ठीक नहीं है। स्कूल शिक्षा का मंदिर है लेकिन वहां हंगामा होना बच्चों पर गलत असर डालेगा। उन्होंने बताया कि इस मामले में दोनों भाइयों के बीच ही विवाद है, इसमें वह प्रधानाचार्य के तौर पर कुछ नहीं कह सकते। इस बाबत संजीत सिंह का पक्ष लेने के लिए बार-बार फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। स्कूल में भी गेट बंद कर वह सभी भीतर विभिन्न कक्ष में अपना ताला जड़ रहे हैं। 


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