बिजनौर: स्योहारा सहकारी समिति के गोदामों में 56 लाख का घोटाला, यूरिया की बोरी से लेकर स्प्रे मशीन तक हजम
गन्ना विभाग की स्योहारा सहकारी समिति पर 56 लाख से अधिक का घोटाला सामने आया है। यूरिया की बोरी से लेकर स्प्रे मशीन तक हजम कर गए सुपरवाइजर। विभागीय कार्रवाई के लिए अपर मुख्य सचिव को भी लिखा पत्र।
बिजनौर, जागरण संवाददाता। गन्ना विभाग की स्योहारा सहकारी समिति पर 56 लाख से अधिक का घोटाला सामने आया है। खाद की हजारों बोरी, पेस्टीसाइड और स्प्रे मशीन गायब मिली हैं। घोटाले की परत खुलने पर गोदाम प्रभारियों को नोटिस जारी किए गए हैं। साथ ही विभागीय कार्रवाई के लिए भी अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा गया है।
गन्ना विभाग की सहकारी समितियों से किसानों को खाद और स्प्रे मशीन आदि सामान दिया जाता है। गोदामों का हिसाब-किताब वहां के प्रभारी रखते हैं। बिजनौर समिति में गबन पकड़ में आने के बाद स्योहारा समिति की भी जांच कराई गई। गन्ना विभाग के अपर सांख्यिकी अधिकारी विकल भारती, धामपुर सचिव मनोज कुमार, आडिटर फतेह सिंह, लेखाकार संजीव त्यागी और सूरज सिंह ने समिति के गोदामों का रिकार्ड खंगाला। जांच में सुपरवाइजर विजय नारायण चौहान के प्रभार वाले स्योहारा ए, सुल्तानपुर और खानपुर गोदामों में चार लाख 51 हजार 87, राजपाल सिंह के प्रभार वाले मेवानवादा, मुकरपुरी और सदाफल गोदाम में 29 लाख 81 हजार 562 रुपये, स्थायी लिपिक जावेद शम्स के पक्का बाग स्थित गोदाम पर 4, 29, 169 रमेश सिंह के प्रभार वाले सदाफल स्थित गोदाम से 12 हजार 973, धर्मपाल सिंह के मुकरपुरी स्थित गोदाम से 2555, अब्दुल कय्यूम के प्रभार के पक्काबाग गोदाम से 86 हजार 650, रामप्रताप कुशवाहा के बुढ़नपुर स्थित गोदाम से 71 हजार 242 रुपये कीमत के यूरिया, डीएपी, एनपीके और पेस्टीसाइड गायब मिले। स्योहारा समिति से 17 लाख 43 हजार 140 रुपये का खाद खरीदने के लिए ईफको व कृभकों को भुगतान किया गया था लेकिन माल की प्राप्ति का कोई विवरण नहीं था।
ऐसे खुला था गबन
एक समिति के कर्मचारी की मौत के बाद से गन्ना विभाग की सहकारी समितियों पर गबन का पता चला था। कर्मचारी ने सेवानिवृत्त होने पर फंड के लिए आवेदन किया तो उसके द्वारा दिए गए रिकार्ड को खंगाला गया। जांच में गबन सामने आने पर दूसरी समितियों की जांच भी बैठाई गई।
इन्होंने बताया...
समिति का खाद व अन्य सामान की कीमत देने के लिए कर्मचारियों को नोटिस देकर पैसे जमा करने को कहा गया है। विभागीय कार्रवाई के लिए आला अफसरों को भी पत्र लिखा गया है।
-यशपाल सिंह, जिला गन्ना अधिकारी