Sawan Amavasya: आठ अगस्त को हरियाली अमावस्या, जानिए इस दिन पौधे लगाने का क्या है विशेष महत्व
सावन अमावस्या या हरियाली अमवस्या आठ अगस्त को है। ऐसी मान्यता है कि चातुर्मास में भगवान विष्णु शयन करते हैं। ऐसे में संपूर्ण पृथ्वी की बागडोर भगवान शंकर के हाथों में सौंप देते हैं और माता पार्वती के साथ भोले शंकर पृथ्वी का भ्रमण करते हैं।
मेरठ, जेएनएन। हिंदू धर्म में सावन माह का विशेष धार्मिक महत्व है। सावन का माह 25 जुलाई से आरंभ हो चुका है। यह माह भगवान शिव का महीना माना जाता है, और पूरे माह भगवान भोलेनाथ की पूजा उपासना की जाती है। चातुर्मास चल रहा है सावन का महीना चातुर्मास का पहला महीना है। ऐसी मान्यता है कि चातुर्मास में भगवान विष्णु शयन करते हैं। ऐसे में संपूर्ण पृथ्वी की बागडोर भगवान शंकर के हाथों में सौंप देते हैं और माता पार्वती के साथ भोले शंकर पृथ्वी का भ्रमण करते हैं। सावन माह में सोमवार व्रत और प्रदोष व्रत का विशेष महत्व भी माना जाता है।
श्रावण अमावस्या के दिन पौधे लगाने का विशेष महत्व
श्रावण अमावस्या को हरियाली अमावस्या और सावन अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। हरियाली अमावस्या पितृ पूजा, पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म के लिए भी उत्तम है। इसके अलावा इस दिन पौधे लगाना भी अच्छा माना जाता है। हरियाली अमावस्या पर पीपल और तुलसी की पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन आम, आंवला, पीपल, बरगद और नीम के पौधे लगाने से सुख समृद्धि में वृद्धि होती है। यह भी माना जाता है कि इस दिन के पौधे लगाने से पौधे की भांति ही आपकी भी वृद्धि होती है।
हरियाली अमावस्या का शुभ मुहूर्त
हरियाली अमावस्या 8 अगस्त रविवार को है। अमावस्या तिथि 7 अगस्त शनिवार शाम 7.11 बजे से 8 अगस्त रविवार शाम 7.19 बजे तक रहेगी। ज्योतिषाचार्य इंदूसुत का कहना है कि हरियाली अमावस्या का पर्व जीवन में पर्यावरण के महत्व को बताता है। सावन माह में वर्षा होती है, जिस कारण चारों ओर हरियाली छाई रहती है। वृक्ष पौधे हरियाली से प्रकृति में सौंदर्य बिखेर रहे होते हैं। पर्यावरण हमारे पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने में विशेष भूमिका निभाता है।