Save Water : जल का सदुपयोग नहीं किया तो आने वाली पीढ़ियां माफ नहीं करेंगी : Meerut News
जल है तो कल है। यह यूं ही नहीं कहा जाता है। यदि हमने समय रहते जल का सदुपयोग नहीं किया तो हमारी आने वाली पीढ़ियां माफ नहीं करेंगी। पानी का सरंक्षण हर किसी की जिम्मेदारी है।
By Ashu SinghEdited By: Published: Sat, 15 Jun 2019 10:22 AM (IST)Updated: Sat, 15 Jun 2019 10:22 AM (IST)
मेरठ, [जागरण स्पेशल]। जल है तो कल है। यह यूं ही नहीं कहा जाता है। यदि हमने समय रहते जल का सदुपयोग नहीं किया तो हमारी आने वाली पीढ़ियां माफ नहीं करेंगी। इसलिए हमें जल की जितनी जरूरत हो उतना ही इस्तेमाल करें। लोगों को यही संदेश देने के लिए दैनिक जागरण ‘आधा गिलास पानी’ अभियान चला रहा है। शुक्रवार को अभियान छावनी परिषद कार्यालय और रक्षा संपदा कार्यालय में चला।
जल की बर्बादी नहीं करने की शपथ
छावनी परिषद में इंजीनियरिंग, राजस्व, एकाउंट, सफाई समेत अन्य कार्यालयों के कर्मचारी शामिल हुए। उपाध्यक्ष बीना वाधवा ने सभी को शपथ दिलाई कि वह अपने आसपास पानी की बर्बादी को राकेंगे। जरूरत के हिसाब से ही जल का इस्तेमाल करेंगे। पीने के पानी से हमें वाहन या सड़क धोने से बचना चाहिए। छावनी परिषद के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने जल की बर्बादी न करने का संकल्प लिया।
जल के सही प्रबंधन की कोशिश
रक्षा संपदा कार्यालय में सीईओ और रक्षा संपदा अधिकारी का चार्ज लिए प्रसाद चव्हाण ने दैनिक जागरण की मुहिम से जुड़ते हुए रक्षा संपदा कार्यालय के सभी कर्मचारियों को शपथ दिलाई। रक्षा संपदा कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारियों ने जल संरक्षण करने की शपथ ली। सीईओ ने बताया कि हमें आवश्यकता से अधिक किसी भी चीज को इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। अगर पानी हमें मुफ्त मिल रहा है तो इसका मतलब यह नहीं है कि हम उसे बर्बाद करें। जल को हम किसी जगह नहीं बना सकते हैं। इसकी कीमत समझने की जरूरत है। छावनी क्षेत्र में लोग जल संरक्षण कर खुद मिसाल बनें और दूसरों को भी ऐसा करने का संदेश दें।
छावनी में वाटर हार्वेस्टिंग
छावनी परिषद के सीईओ ने बताया कि छावनी कार्यालय में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया गया है। इससे बारिश का पानी जमीन के अंदर चला जाता है। छावनी में सभी स्कूल और अस्पताल को वाटर हार्वेस्टिंग से जोड़ा गया है। नई बिल्डिंग बायलॉज में भी वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य किया गया है।
बचाएंगे रोजाना 200 लीटर शुद्ध पानी
बाईपास स्थित होटल ब्रावुरा गोल्ड रिसार्ट में स्टाफ को अतिथियों को आधा गिलास पानी सर्व करने की शपथ दिलाई गई। होटल संचालक अशोक भल्ला और शेखर भल्ला ने स्टाफ से पानी बचाने की अपील की। अशोक भल्ला ने कहा कि रेस्टोरेंट में शुद्धतम जल ग्राहकों को दिया जाता है। लंच और डिनर के दौरान देखा जाता है कि या तो लोग एक सिप लेने के बाद पूरा गिलास ऐसे ही छोड़ देते हैं जो फेंकना पड़ता है।
जरूरत के हिसाब से ही दें पानी
उन्होंने कहा कि अगर बेहतर हो पानी जग में रखा जाए जितना जरूरत हो उतना पानी अतिथि उसे गिलास में ले लें। दैनिक जागरण की मुहिम की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह हमें चेताने का काम है, अगर आज हम पानी बचाएंगे तभी हम अपनी अगली पीढ़ी को पीने योग्य पानी उपलब्ध करा पाएंगे। उन्होंने बताया कि दैनिक जागरण की आधा गिलास पानी की मुहिम से होटल में रोजाना 200 लीटर पानी बचेगा। शेखर भल्ला ने बताया कि होटल में तीन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट हैं। यही नहीं गंदे पानी को साफ करने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाया गया है। शोधित पानी का प्रयोग बागवानी, होटल की सफाई और वाहनों को धोने के लिए प्रयोग किया जाता है।
मुनाफे का पांच फीसद जल संरक्षण पर खर्च
पर्यावरण संरक्षण के प्रति समर्पित लोगों की कमी नहीं है। शास्त्रीनगर के एच ब्लाक निवासी अजीत सिंह भी उन्हीं में से एक हैं। वह मेटल कारोबारी हैं। अपने घर में लगी आरओ यूनिट का जल एकत्र कर वह उससे पेड़ों की सिंचाई और सफाई आदि कार्य करते हैं। उन्होंने बताया कि कारोबार में मुनाफे का पांच प्रतिशत पर्यावरण और जल संरक्षण जैसे कामों के लिए खर्च करने का प्रण लिया है।
एक करोड़ पौधे रोपने का लक्ष्य बनाया
आस-पड़ोस में अगर पानी का टैंक ओवरफ्लो होता देखते हैं तो उसे बंद करा देते हैं। अजीत ने बताया कि अब तक 111 पौधे लगा चुके हैं, जिसमें 80 के करीब सही हालत में हैं। उन्होंने जीवन में एक करोड़ पौधे रोपने का लक्ष्य बनाया हुआ है। टंकी वाले पार्क में उन्होंने रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाने के लिए 10 हजार रुपये का सबसे पहले सहयोग किया था, जिसका नतीजा यह है कि प्लांट लगाने का काम शुरू हो गया है। अपने साथ जुड़े व्यापारियों और दोस्तों को प्रेरित कर उन्होंने अलग-अलग पांच सौ हार्वेस्टिंग यूनिट लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
जल की बर्बादी नहीं करने की शपथ
छावनी परिषद में इंजीनियरिंग, राजस्व, एकाउंट, सफाई समेत अन्य कार्यालयों के कर्मचारी शामिल हुए। उपाध्यक्ष बीना वाधवा ने सभी को शपथ दिलाई कि वह अपने आसपास पानी की बर्बादी को राकेंगे। जरूरत के हिसाब से ही जल का इस्तेमाल करेंगे। पीने के पानी से हमें वाहन या सड़क धोने से बचना चाहिए। छावनी परिषद के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने जल की बर्बादी न करने का संकल्प लिया।
जल के सही प्रबंधन की कोशिश
रक्षा संपदा कार्यालय में सीईओ और रक्षा संपदा अधिकारी का चार्ज लिए प्रसाद चव्हाण ने दैनिक जागरण की मुहिम से जुड़ते हुए रक्षा संपदा कार्यालय के सभी कर्मचारियों को शपथ दिलाई। रक्षा संपदा कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारियों ने जल संरक्षण करने की शपथ ली। सीईओ ने बताया कि हमें आवश्यकता से अधिक किसी भी चीज को इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। अगर पानी हमें मुफ्त मिल रहा है तो इसका मतलब यह नहीं है कि हम उसे बर्बाद करें। जल को हम किसी जगह नहीं बना सकते हैं। इसकी कीमत समझने की जरूरत है। छावनी क्षेत्र में लोग जल संरक्षण कर खुद मिसाल बनें और दूसरों को भी ऐसा करने का संदेश दें।
छावनी में वाटर हार्वेस्टिंग
छावनी परिषद के सीईओ ने बताया कि छावनी कार्यालय में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया गया है। इससे बारिश का पानी जमीन के अंदर चला जाता है। छावनी में सभी स्कूल और अस्पताल को वाटर हार्वेस्टिंग से जोड़ा गया है। नई बिल्डिंग बायलॉज में भी वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य किया गया है।
बचाएंगे रोजाना 200 लीटर शुद्ध पानी
बाईपास स्थित होटल ब्रावुरा गोल्ड रिसार्ट में स्टाफ को अतिथियों को आधा गिलास पानी सर्व करने की शपथ दिलाई गई। होटल संचालक अशोक भल्ला और शेखर भल्ला ने स्टाफ से पानी बचाने की अपील की। अशोक भल्ला ने कहा कि रेस्टोरेंट में शुद्धतम जल ग्राहकों को दिया जाता है। लंच और डिनर के दौरान देखा जाता है कि या तो लोग एक सिप लेने के बाद पूरा गिलास ऐसे ही छोड़ देते हैं जो फेंकना पड़ता है।
जरूरत के हिसाब से ही दें पानी
उन्होंने कहा कि अगर बेहतर हो पानी जग में रखा जाए जितना जरूरत हो उतना पानी अतिथि उसे गिलास में ले लें। दैनिक जागरण की मुहिम की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह हमें चेताने का काम है, अगर आज हम पानी बचाएंगे तभी हम अपनी अगली पीढ़ी को पीने योग्य पानी उपलब्ध करा पाएंगे। उन्होंने बताया कि दैनिक जागरण की आधा गिलास पानी की मुहिम से होटल में रोजाना 200 लीटर पानी बचेगा। शेखर भल्ला ने बताया कि होटल में तीन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट हैं। यही नहीं गंदे पानी को साफ करने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाया गया है। शोधित पानी का प्रयोग बागवानी, होटल की सफाई और वाहनों को धोने के लिए प्रयोग किया जाता है।
मुनाफे का पांच फीसद जल संरक्षण पर खर्च
पर्यावरण संरक्षण के प्रति समर्पित लोगों की कमी नहीं है। शास्त्रीनगर के एच ब्लाक निवासी अजीत सिंह भी उन्हीं में से एक हैं। वह मेटल कारोबारी हैं। अपने घर में लगी आरओ यूनिट का जल एकत्र कर वह उससे पेड़ों की सिंचाई और सफाई आदि कार्य करते हैं। उन्होंने बताया कि कारोबार में मुनाफे का पांच प्रतिशत पर्यावरण और जल संरक्षण जैसे कामों के लिए खर्च करने का प्रण लिया है।
एक करोड़ पौधे रोपने का लक्ष्य बनाया
आस-पड़ोस में अगर पानी का टैंक ओवरफ्लो होता देखते हैं तो उसे बंद करा देते हैं। अजीत ने बताया कि अब तक 111 पौधे लगा चुके हैं, जिसमें 80 के करीब सही हालत में हैं। उन्होंने जीवन में एक करोड़ पौधे रोपने का लक्ष्य बनाया हुआ है। टंकी वाले पार्क में उन्होंने रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाने के लिए 10 हजार रुपये का सबसे पहले सहयोग किया था, जिसका नतीजा यह है कि प्लांट लगाने का काम शुरू हो गया है। अपने साथ जुड़े व्यापारियों और दोस्तों को प्रेरित कर उन्होंने अलग-अलग पांच सौ हार्वेस्टिंग यूनिट लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
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