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Save Water : हैरान कर देंगे पानी की बर्बादी के ये आंकड़े, आज न चेते तो कल पछताना होगा

जल संरक्षण हर हाल में करना होगा। हालात यह है कि शहरी क्षेत्र में भूजल स्तर पिछले 10 सालों में 8 से 9 मीटर तक गिर गया है। इसके बाद भी पानी की बर्बादी अंधाधुंध जारी है।

By Ashu SinghEdited By: Published: Thu, 13 Jun 2019 10:20 AM (IST)Updated: Thu, 13 Jun 2019 10:20 AM (IST)
Save Water : हैरान कर देंगे पानी की बर्बादी के ये आंकड़े, आज न चेते तो कल पछताना होगा
Save Water : हैरान कर देंगे पानी की बर्बादी के ये आंकड़े, आज न चेते तो कल पछताना होगा
मेरठ, [जागरण स्पेशल]। जल ही जीवन है। यह सभी जानते हैं, लेकिन पानी की बर्बादी से परहेज नहीं करते। नतीजा, जलसंकट की स्थिति पैदा हो चुकी है। शहरी क्षेत्र में भूजल स्तर पिछले 10 सालों में 8 से 9 मीटर तक गिर गया है। इसके बाद भी पानी की बर्बादी अंधाधुंध जारी है। शहर में 157 नलकूपों से पानी की आपूर्ति होती है। नगर निगम ने स्काडा लगाकर पानी की बर्बादी रोकने का इंतजाम किया है, लेकिन शहर के धुलाई सेंटरों, खुली टोटियों और पाइप लाइनों के लीकेज के चलते लगभग 60 लाख लीटर पानी व्यर्थ में बहा दिया जाता है।
25 फीसद जल की बर्बादी
पानी आपूर्ति के सापेक्ष करीब 25 फीसद जल की बर्बादी है। यह आंकड़े जलकल विभाग के हैं। जरा सोचिए, यह पानी की बर्बादी किस हद तक हो रही है और पानी बर्बाद करने में हम कहां तक शामिल हैं। अगर यह पानी की बर्बादी रुक जाए तो प्रत्येक व्यक्ति को जरुरत के मुताबिक पानी मिल सकता है।
डिमांड के हिसाब से पर्याप्त है सप्लाई
जलकल विभाग के इंजीनियरों की मानें तो शहर की जितनी डिमांड है उतना ही उनके पास पानी है। हैंडपंप, नलकूप, सबमर्सिबल से पानी के दोहन और पानी की बर्बादी का हिसाब किसी के पास नहीं है। बात एक गिलास पानी की करें तो घर हो या फिर होटल, ढाबे हों या फिर रेस्टोरेंट। हर जगह पानी पूरा गिलास दिया जाता है। भले ही पूरे पानी का उपयोग न हो। यह बर्बादी हम आधा गिलास पानी लेकर भी रोक सकते हैं।

किचन का बूंद-बूंद बचाते हैं पानी
जल को सुरक्षित रखकर ही जीवन की परिकल्पना की जा सकती है। यह कहना है एच ब्लॉक शास्त्रीनगर निवासी अधिवक्ता अनुभव गुप्ता का। जो पिछले 22 साल से घर के किचन का बूंद-बूंद पानी बचाने का कार्य कर रहे हैं।अधिवक्ता अनुभव गुप्ता कहते हैं कि पानी बचाने की अब तो आदत सी पड़ गई है। एक बूंद पानी भी सहेज लेना दिल को बड़ा सुकून देता है। वह बताते हैं कि दो अप्रैल 1998 से किचन के पानी को बर्बाद होने से बचाने के लिए कार्य शुरू किया था। वह किचन में तीन बाल्टियां रखते हैं।
पौधों के काम आ रहा जल
सब्जी धोने, दाल, चावल धोने से लेकर अन्य तरह से उपयोग किया जाने वाला पानी इन्हीं बाल्टियों में एकत्र करते हैं। जब बाल्टियां भर जाती हैं तो बचाया हुआ पानी घर के गमलों में लगे पौधों की सिंचाई में उपयोग करते हैं। इससे पौधों को कई प्रकार के न्यूट्रीशन मिल जाते हैं। किचन में उपयोग हुए पानी का उपयोग करने से पीने का शुद्ध पानी बर्बाद नहीं होता है। इसी तरह कपड़े धोते समय उपयोग किया गया पानी गाड़ी धोने, फर्श धोने और पशुओं के रहने के स्थान की धुलाई कर लेते हैं। वह कहते हैं कि उनके इस कार्य में पत्नी शैलजा गुप्ता की अहम भूमिका है। रोजाना 40 लीटर पानी बचाने का दावा करते हैं। उनका कहना है कि आज पानी की बर्बादी रोकना बहुत जरूरी है। पानी की कीमत हमें तब पता चलती है जब प्यास लगी हो और पीने का पानी पास न हो।
हार्स पावर तक के सबमर्सिबल पंप लगे हैं गेस्ट हाउस आदि में
शहर में होटल, रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस, सर्विस धुलाई सेंटर, आरओ प्लांट में तीन से पांच हार्स पावर क्षमता के सबमर्सिबल पंप लगे हैं। इनसे अंधाधुंध जलदोहन किया जा रहा है, जिससे पानी की बर्बादी अधिक होती है। इसके अलावा वाटर पाइप में जगह-जगह लीकेज हैं। सार्वजनिक स्थानों पर नलों की टोटिंया या तो टूटी हैं या फिर खुली रहती हैं। इससे पानी की बर्बादी हो रही है। शहर में 2200 डेयरियां है। जहां पर सबमर्सिबल पंप के जरिए पानी बहाया जा रहा है।

पानी की बर्बादी रोकने को आए आगे
दैनिक जागरण के आधा गिलास पानी मुहिम के तहत होटल हाइफन में कार्यक्रम रखा गया। इसमें होटल के सेल्स हेड गौरव चौधरी ने स्टॉफ को शपथ दिलाई। कहा कि होटल में आधा गिलास पानी ही पर्स किया जाएगा। कोई पूछता है तो स्टॉफ उसे पानी की बर्बादी रोकने के लिए उठाया गया कदम बताकर उसे जागरूक करेगा। होटल की प्रत्येक टेबल पर टेंट कार्ड रखे गए हैं जिसमें दैनिक जागरण की मुहिम के बारे में सारी जानकारी है। जिसे पढ़कर लोग जागरूक बनेंगे और पानी बचाने व बर्बादी रोकने के लिए आगे आएंगे।
अवैध धुलाई सेंटरों पर बर्बाद होता पानी
पानी की बर्बादी सबसे अधिक शहर में सर्विस (धुलाई) सेंटर कर रहे हैं। शहर में इनकी संख्या 550 से अधिक हैं। नगर निगम प्रशासन इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। इससे पानी की बर्बादी नहीं रुक पा रही है। लगभग चार हजार से अधिक वाहनों की धुलाई प्रतिदिन होती है।
हस्ताक्षर कर पानी की बर्बादी रोकने का किया वादा
बुधवार शाम पांच बजे शॉपरिक्स मॉल में दैनिक जागरण के आधा गिलास पानी मुहिम के तहत हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। इसमें शॉपरिक्स मॉल आए शहर के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। हस्ताक्षर कर खुद से वादा किया कि आधा गिलास पानी पर्स करने की शुरुआत अपने घर से करेंगे। खुद को भी पानी की बर्बादी रोकने जागरूक करेंगे और दूसरों को भी समझाएंगे। 

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