Saurabh Chaudhari Sport Shooter: मेरठ के लाल सौरभ को मिला अर्जुन अवार्ड, घर लौटते ही जोर-शोर से हुआ स्वागत
एशियाई खेल और आइएसएसएफ विश्व चैंपियनशिप के 10 मीटर एयर पीस्टल निशानेबाजी में स्वर्ड पदक जीतने वाले सौरभ चौधरी को अर्जुन अवार्ड से शनिवार को सम्मानित किया गया।
मेरठ, जेएनएन। अंतरराष्ट्रीय शूटर सौरभ चौधरी को खेल दिवस पर शनिवार को दिल्ली में आयोजित सम्मान समारोह में अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया। पिछले सात सालों की कठिन तपस्या और एकाग्र मेहनत का इतना बड़ा और सम्मान जनक फल पाकर सौरभ और उनका परिवार बेहद खुश हैं। कोरोना महामारी के कारण राष्ट्रपति रामनाथ कोङ्क्षवद के हाथ से यह सम्मान तो प्राप्त नहीं कर सके, लेकिन खेल मंत्री किरण रिजिजू ने सौरभ का हौसला बढ़ाया और देश के लिए पदक जीतते रहने के लिए प्रेरित किया। इसके साथ ही सौरभ अर्जुन अवार्ड पाने वाले मेरठ के तीसरे खिलाड़ी बन गए हैं।
12 साल बाद मेरठ को मिला अवार्ड
शूटर सौरभ चौधरी को अर्जुन अवार्ड मिलने के साथ ही मेरठ के नाम अर्जुन अवार्ड 12 सालों बाद दर्ज किया गया है। इससे पहले वर्ष 2008 में कुश्ती में शानदार प्रदर्शन के लिए पहलवान अलका तोमर को अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया। अलका तोमर को भी 20 साल बाद अर्जुन अवार्ड मिला था। अलका तोमर से पहले हॉकी में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए वर्ष 1988 में हॉकी के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी महेंद्र पाल ङ्क्षसह को अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
घर-समाज सब गदगद
अर्जुन अवार्ड प्राप्त करने के बाद घर पहुंचे सौरभ चौधरी का परिवार और क्षेत्र के लोगों ने खुली बाहों से स्वागत व सम्मान किया। आसपास के लोग परिवार को बधाई देने पहुंचे और सौरभ को गांव कलीना का इसी तरह नाम रोशन करते रहने के लिए प्रेरित किया। सौरभ के भाई नितिन उनके साथ दिल्ली के आयोजन में हिस्सा लेने पहुंचे थे। घर लौटने पर पिता जगमोहन सहित परिवार के अन्य सदस्यों के साथ ही आस-पास के बड़े-बुजुर्गों व स्थानीय लोगों ने सौरभ का स्वागत करते हुए बधाई दी।
क्या है सौरभ की उपलब्धियां
सूटिंग रेंज में 10 मीटर एयर पिस्टल में एशियाई खेल और आइएसएसएफ विश्व चैम्पियनशिप में भारत को दो बार स्वर्ण पदक दिलाया है। वहीं इन्होने दो बार विश्व चैंपियन का रिकार्ड बनाया है। देश के लिए इन्होंने 12 स्वर्ण पदक, चार रजत पदक व दो कांस्य पदक जीता है। इन्हे ओलंपिक कोटा भी मिला हुआ है। वर्तमान में इनका वर्ड रैंक चार है। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के मेरठ के कलीना में 11 मई 2002 को हुुुुआ था। इनका उम्र अभी 18 साल है।
निगाहें अब ओलंपिक पदक पर हैं
अवार्ड पाकर अपने लक्ष्य से भटकने की बजाय सौरभ इस सम्मान का मान बरकरार रखने के लिए और कड़ी मेहनत करना चाहते हैं। सौरभ के अनुसार उनका लक्ष्य अब देश के लिए ओलंपिक पदक जीतना ही है। इसलिए निगाहें भी उसी पर टिका रखी हैं। मेहनत में कोई कसर नहीं छोडऩा है। परिणाम की ङ्क्षचता छोड़ कर मुझे पूरा फोकस सटीक लक्ष्य साधने पर ही रखना है। सौरभ अपनी एकाग्रता और शांत स्वभाव के लिए ही जाने जाते हैं इसलिए उनका अधिक समय भी उनकी गन और टारगेट के साथ ही गुजरता है।