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जम्मू-कश्मीर में आतंकियों का निशाना बने सहारनपुर के सगीर के बच्चों की सरकार से गुहार, लेना होगा पिता की मौत का बदला

दूसरे राज्यों के लोगों की जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही हैं हत्याएं। सराय हिसामुद्दीन मोहल्ले के हर व्यक्ति की जुबान पर सेना ले बदला। दो दिन पहले सहारनपुर के सराय हिसामुद्दीन मोहल्ले के लकड़ी कारीगर सगीर अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

By Taruna TayalEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 11:18 PM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 11:45 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों का निशाना बने सहारनपुर के सगीर के बच्चों की सरकार से गुहार, लेना होगा पिता की मौत का बदला
सराय हिसामुद्दीन मोहल्ले के हर व्यक्ति की जुबान पर सेना ले बदला।

सहारनपुर, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर में लगातार दूसरे राज्य के लोगों की हत्याएं हो रही हैं। इससे वहां रह रहे दूसरे राज्यों के लोगों में दहशत का माहौल है। दो दिन पहले सहारनपुर के सराय हिसामुद्दीन मोहल्ले के लकड़ी कारीगर सगीर अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी थी। सगीर का शव अभी तक सहारनपुर नहीं पहुंचा है। सोमवार दोपहर या फिर शाम तक उसका शव पहुंचने की उम्मीद है। सगीर के बच्चों का कहना है कि भारत को उनके पिता का बदला लेना होगा। साथ ही वहां रह रहे अन्य भारतीयों की सुरक्षा भी करना होगी। स्वजन ने आर्थिक मदद की मांग भी की है।

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यह है मामला

कुतुबशेर थानाक्षेत्र के मोहल्ला सराय हिसामुद्दीन निवासी 58 वर्षीय सगीर अहमद पुत्र बुंदू करीब एक साल पहले जम्मू-कश्मीर में नौकरी की तलाश में गए थे। वह लकड़ी के बेहतर कारीगर थे। उन्होंने पुलवामा में एजाज टिंबर ट्रेडर्स नाम की कंपनी में नौकरी की। जिसके मालिक एजाज अहमद है। एजाज अहमद की स्मार्ट ज्यूनियरी मिल के नाम से भी कंपनी है, जो लकड़ी का सामान बनाती है। सहारनपुर भी लकड़ी का सामान बनाने का हब है। दो दिन पहले सगीर की पुलवामा में उस समय आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी, जब वह एक दुकान से सामान खरीद रहे थे। सगीर को चार बेटी नफीसा, नजराना, आएशा, सोबी और एक बेटा जहांगीर है। सोबी को छोड़कर सभी की शादी हो चुकी है। जहांगीर भी लकड़ी के अच्छे कारीगर है और बाड़मेर (राजस्थान) में नौकरी करते हैं। वह रविवार दोपहर घर पहुंचे। उनके आने से पहले स्वजन जम्मू-कश्मीर से सगीर का शव लेने चले गए थे। जहांगीर और नजराना का कहना है कि आतंकी जम्मू-कश्मीर में अब जाति धर्म कुछ नहीं देख रहे हैं और दूसरे राज्यों के लोगों की हत्या कर रहे हैं। इसलिए सरकार को सख्त होना होगा। सेना को उनके पिता का बदला लेना होगा। सगीर की पत्नी नफीसा की छह माह पूर्व कोरोना से मौत हो चुकी है।

इनका कहना है...

परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है। प्रशासन ने उन्हें गाड़ी करके दी है, जिससे वह जम्मू गए हैं। मुआवजे के लिए उनका फार्म आदि भर दिया गया है। मैैं, एसडीएम व तहसीलदार स्वजन से मिले हैं। सरकार से मुआवजा दिलाया जाएगा।

-डा. अर्चना द्विवेदी, एडीएम प्रशासन।


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