Rupak Murder Case: रूपक की मां ने लगाया पुलिस पर उत्पीड़न करने का आरोप, जाने वायरल वीडियों क्या है सच Meerut News
इंस्पेक्टर क्राइम मौके पर गए तो उनसे भी धक्का मुक्की की गई। इसके बाद थाना प्रभारी ने सख्ती दिखाते हुए हमराज को बंधनमुक्त कराया और पशु हमराज को दिला दिए।
मेरठ, जेएनएन। फाजलपुर अनूपनगर निवासी रूपक की मां ने पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इस संबंध में बुधवार को एक वीडियो भी वायरल हुआ, हालांकि पुलिस ने इन आरोपों को निराधार बताया है। रूपक उर्फ भूरी की 26 जून को जिटौला के पास उसके दोस्तों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। आरोपित जिटौला रोहटा निवासी उसके दोस्त विकास, मनीष, मोनू और विशाल पुत्र हसन तथा फाजलपुर निवासी अमरदीप सागर ने कुल्हाड़ी से शव के टुकड़े कर बोरवेल में फेंक दिए थे।
पुलिस से पशुओं को छुड़ाने की मांग
पुलिस ने पांचों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित विकास उर्फ चौंसठ की अनूपनगर में पशु डेयरी है। नौ जुलाई को रूपक के स्वजन और पड़ोसी डेयरी से चार दुधारू पशु ले आए। आरोपित का रिश्तेदार सरधना के पौहल्ली गांव निवासी हमराज शनिवार को थाने पहुंचा और पुलिस से पशुओं को सुपुर्द कराने की मांग की। इसके बाद हमराज अनूपनगर पशु लेने पहुंचा। आरोप है कि रूपक के स्वजनों और पड़ोसियों ने हमराज को बंधक बनाकर उसकी पिटाई कर दी।
इंस्पेक्टर से की धक्का मुक्की
इंस्पेक्टर क्राइम मौके पर गए तो उनसे भी धक्का मुक्की की गई। इसके बाद थाना प्रभारी ने सख्ती दिखाते हुए हमराज को बंधनमुक्त कराया और पशु हमराज को दिला दिए। इसके बाद हमराज ने जयप्रकाश, राजेश, सुनील, टीटू, टेकराम, राजकुमारी और सुरेंद्री के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस ने पांच आरोपितों को जेल भेज दिया। बुधवार को मृतक रूपक की मां का पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एक वीडियो वायरल हुआ। इसमें पुलिस द्वारा उत्पीड़न की बात कही जा रही है। कंकरखेड़ा थाना प्रभारी बीएस राणा का कहना है कि हमराज को बंधक बनाने व पुलिस से बदसलूकी करने वाले लोगों को जेल भेजा जा चुका है। वीडियो में पुलिस पर लगाए आरोप बेबुनियाद हैं।
मां को कब मिलेगी बेटे की लाश
रूपक। एक लड़का, जिसकी निर्दयता पूर्वक हत्या कर उसके शव के टुकड़ों को बोरवेल में फेंक दिया गया। पुलिस आज तक उन टुकड़ों को बरामद न कर सकी। क्षेत्र में अब जोरदार चर्चा है कि एनडीआरएफ को पत्र लिखकर बोरवेल की खोदाई करवाने का दावा करने वाली पुलिस यह अब तक क्यों नहीं कर सकी, जवाब नदारद है। पशु बांध लेने और पुलिस से धक्कामुक्की का बदला तो आनन फानन ले लिया गया, लेकिन एक मां को उसके जिगर के टुकड़े के तमाम टुकड़े कब मिलेंगे, यह सवाल तनकर खड़ा है।