मेरठ बवाल : वाट्सएप पर धड़ाधड़ अपलोड होने लगे वीडियो, शहरियों के माथे पर बल पड़े
मछेरान में अतिक्रमण हटाने को लेकर हुए बवाल के बाद शहर में तेजी से अफवाहें फैलने लगीं। वाट्सएप पर वीडियो अपलोड होने लगे। इस पर लगाम के लिए ही प्रशासन ने इंटरनेट बंद किया।
By Ashu SinghEdited By: Published: Wed, 06 Mar 2019 10:26 PM (IST)Updated: Wed, 06 Mar 2019 10:26 PM (IST)
मेरठ, जेएनएन। मछेरान में बुधवार की शाम बवाल और आगजनी के बाद उठते काले धुएं ने शहर के अमन-चैन को भी अपनी जद में ले लिया। बेशक, आग तेज गति से झुग्गियों की तरफ बढ़ रही थीं लेकिन अफवाहों की रफ्तार लपटों से भी ज्यादा थी। दिल्ली और दूर-दराज शहरों से भी लोगों के फोन आने लगे। दुकानों के शटर धड़ाधड़ गिरे और मिनटों में बाजार खाली हो गए। शहरियों की पेशानी पर बल बढ़ गए।
शुरू हो गया अफवाहों का दौर
सूरज अभी छिपा भी नहीं था कि मछेरान में बवाल की सूचना आने लगी। रेलवे रोड से बेगमपुल की ओर जाने वाले रास्ते को बंद करते ही अफवाहों का दौर शुरू हो गया। जैसे-जैसे सूरज क्षितिज की ओर बढ़ता रहा, अंधेरे के साथ अफवाहों की गंभीरता भी बढ़ती रही। वाट्सएप पर दनादन आग की तस्वीरें और वीडियो अपलोड होने लगे। मारपीट-तोडफ़ोड की तस्वीरें जब सोशल मीडिया में तैरीं तो आम शहरियों की चिंताएं बढ़ गई। जो शहर के बाहर था, वह शहर की स्थिति जानना चाहता था। कैसे, किस रास्ते से आएं, ताकि सुरक्षित पहुंच सकें।
घर लौटने की दी सलाह
जिनके परिजन बाहर थे, वे उनसे संपर्क कर जल्द घर लौटने की सलाह देने लगे। कोई इस बात से चिंतित था कि कहीं मेरठ में नफरत की आग ने फैल जाए। वाट्सएप पर सूचनाओं का आदान-प्रदान बढऩे लगा। कोई मामले को गंभीर बताकर डराता रहा तो इसी बीच ऐसे भी लोग थे जो स्थिति के नियंत्रण में आने की सूचना देकर माहौल को तनावमुक्त करने में भी जुटे थे। घुप अंधेरे में कहीं असामाजिक तत्व मेरठ की फिजा को और जहरीली न बना दें, इसलिए प्रशासन ने एहतियातन गुरुवार सुबह 10 बजे तक के लिए इंटरनेट की सेवाएं बंद कर दीं।
10 मिनट में बाजार खाली
बवाल की सूचना का आलम यह रहा कि कुछ ही देर में पास के सबसे व्यस्ततम बाजारों में से एक सदर बाजार और आबूलेन की रौनक खत्म हो गई। ग्राहक तत्काल निकल गए। शाम के बाद कोई ग्राहक इस तरफ नहीं आया। बदले मौसम में शाम के समय बाजार चहकता था, लेकिन आज हर ओर सन्नाटा था। यही स्थिति सेंट्रल मार्केट और मॉल्स की भी रही।
स्कूल तो बंद नहीं है न
बोर्ड परीक्षाओं के साथ तमाम स्कूलों में भी वार्षिक परीक्षा चल रही हैं। रात को जब माहौल शांत हुआ तो लोग बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर चिंतित होने लगे। अभिभावक वाट्सएप ग्रुपों और अखबार के कार्यालयों में स्कूल खुलने या बंद होने के बारे में जानने की कोशिश करते रहे। इन सूचनाओं पर जब प्रशासन से बात की गई तो उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि सबकुछ सामान्य है। स्कूल-बाजार सब समय से खुलेंगे।
कर्फ्यू तो नहीं लगा, घंटाघर...नौचंदी में क्या हुआ
जैसे ही अफवाह की आग फैलने लगी, सूचनाएं कई फोल्ड में बदलकर आने लगीं। मछेरान की आग के बाद सांप्रदायिक तनाव को लेकर भी तमाम सवाल घूमने लगे। शहर में कफ्र्यू तो नहीं लगा? जान-माल की क्षति तो नहीं हुई है न? क्या घंटाघर पर भी नफरत की आग फैल गई हैं? नौचंदी में किसी का घर फूंक दिया है? अब तेजगढ़ी की ओर भी बावल हो गया है क्या? जितनी मुंह उतनी बातें...। कोई फोन पर, कोई वाट्सएप पर तो किसी और माध्यम से इन सवालों के जवाब तलाशता रहा।
शुरू हो गया अफवाहों का दौर
सूरज अभी छिपा भी नहीं था कि मछेरान में बवाल की सूचना आने लगी। रेलवे रोड से बेगमपुल की ओर जाने वाले रास्ते को बंद करते ही अफवाहों का दौर शुरू हो गया। जैसे-जैसे सूरज क्षितिज की ओर बढ़ता रहा, अंधेरे के साथ अफवाहों की गंभीरता भी बढ़ती रही। वाट्सएप पर दनादन आग की तस्वीरें और वीडियो अपलोड होने लगे। मारपीट-तोडफ़ोड की तस्वीरें जब सोशल मीडिया में तैरीं तो आम शहरियों की चिंताएं बढ़ गई। जो शहर के बाहर था, वह शहर की स्थिति जानना चाहता था। कैसे, किस रास्ते से आएं, ताकि सुरक्षित पहुंच सकें।
घर लौटने की दी सलाह
जिनके परिजन बाहर थे, वे उनसे संपर्क कर जल्द घर लौटने की सलाह देने लगे। कोई इस बात से चिंतित था कि कहीं मेरठ में नफरत की आग ने फैल जाए। वाट्सएप पर सूचनाओं का आदान-प्रदान बढऩे लगा। कोई मामले को गंभीर बताकर डराता रहा तो इसी बीच ऐसे भी लोग थे जो स्थिति के नियंत्रण में आने की सूचना देकर माहौल को तनावमुक्त करने में भी जुटे थे। घुप अंधेरे में कहीं असामाजिक तत्व मेरठ की फिजा को और जहरीली न बना दें, इसलिए प्रशासन ने एहतियातन गुरुवार सुबह 10 बजे तक के लिए इंटरनेट की सेवाएं बंद कर दीं।
10 मिनट में बाजार खाली
बवाल की सूचना का आलम यह रहा कि कुछ ही देर में पास के सबसे व्यस्ततम बाजारों में से एक सदर बाजार और आबूलेन की रौनक खत्म हो गई। ग्राहक तत्काल निकल गए। शाम के बाद कोई ग्राहक इस तरफ नहीं आया। बदले मौसम में शाम के समय बाजार चहकता था, लेकिन आज हर ओर सन्नाटा था। यही स्थिति सेंट्रल मार्केट और मॉल्स की भी रही।
स्कूल तो बंद नहीं है न
बोर्ड परीक्षाओं के साथ तमाम स्कूलों में भी वार्षिक परीक्षा चल रही हैं। रात को जब माहौल शांत हुआ तो लोग बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर चिंतित होने लगे। अभिभावक वाट्सएप ग्रुपों और अखबार के कार्यालयों में स्कूल खुलने या बंद होने के बारे में जानने की कोशिश करते रहे। इन सूचनाओं पर जब प्रशासन से बात की गई तो उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि सबकुछ सामान्य है। स्कूल-बाजार सब समय से खुलेंगे।
कर्फ्यू तो नहीं लगा, घंटाघर...नौचंदी में क्या हुआ
जैसे ही अफवाह की आग फैलने लगी, सूचनाएं कई फोल्ड में बदलकर आने लगीं। मछेरान की आग के बाद सांप्रदायिक तनाव को लेकर भी तमाम सवाल घूमने लगे। शहर में कफ्र्यू तो नहीं लगा? जान-माल की क्षति तो नहीं हुई है न? क्या घंटाघर पर भी नफरत की आग फैल गई हैं? नौचंदी में किसी का घर फूंक दिया है? अब तेजगढ़ी की ओर भी बावल हो गया है क्या? जितनी मुंह उतनी बातें...। कोई फोन पर, कोई वाट्सएप पर तो किसी और माध्यम से इन सवालों के जवाब तलाशता रहा।
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