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मेरठ में रालोद खाली हाथ, कार्यकर्ताओं को एक भी सीट नहीं

विधानसभा चुनाव में मेरठ में रालोद कार्यकर्ताओं को एक भी सीट नहीं मिलने से असंतोष पनप रहा है। यह हाल तब है जब दबथुवा में हुई पहली रैली में स्थानीय कार्यकर्ताओं ने पूरी ताकत झोंकी थी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 08:22 AM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 08:22 AM (IST)
मेरठ में रालोद खाली हाथ, कार्यकर्ताओं को एक भी सीट नहीं
मेरठ में रालोद खाली हाथ, कार्यकर्ताओं को एक भी सीट नहीं

ओम बाजपेयी, मेरठ : विधानसभा चुनाव में मेरठ में रालोद कार्यकर्ताओं को एक भी सीट नहीं मिलने से असंतोष पनप रहा है। यह हाल तब है जब दबथुवा में हुई पहली रैली में स्थानीय कार्यकर्ताओं ने पूरी ताकत झोंकी थी। मंगलवार को सपा के गुलाम मोहम्मद को रालोद के टिकट पर सिवालखास से चुनाव लड़ाने की घोषणा हुई तो तैयारी में जुटे दावेदारों को बड़ा झटका लगा। इंटरनेट मीडिया पर पार्टी आलाकमान के निर्णय के विरोध में जमकर संदेश वायरल हुए।

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कैंट विधानसभा सीट से रालोद ने बसपा के पूर्व विधायक चंद्रवीर सिंह की पुत्री मनीषा अहलावत जैन को टिकट देकर मैदान में उतारा है। मंगलवार देर शाम पूर्व विधायक चंद्रवीर बेटी मनीषा को लेकर रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह के बसंत कुंज स्थित आवास पहुंचे, जिसके बाद टिकट फाइनल हुआ। पंकज जौली का नाम हवा-हवाई साबित हुआ। राहुल देव ने दिया इस्तीफा

मेरठ में टिकट बंटवारे से असंतुष्ट मेरठ के पूर्व जिला अध्यक्ष राहुल देव ने पार्टी से त्याग पत्र दे दिया है। राहुल देव सरधना क्षेत्र में महीनों से सक्रिय थे। बताते हैं कि पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं को नजर अंदाज करने पर उन्होंने पार्टी छोड़ी। सिवालखास से पार्टी के किसी कार्यकर्ता को उम्मीदवार नहीं बनाने पर इंटरनेट मीडिया पर अखिलेश के दबाव में झुके जयंत और पार्टी में उपज रहे असंतोष का खामियाजा जैसे संदेश वायरल होते रहे।

अमेरिका की एटलांटा विवि से एमबीए हैं मनीषा

कैंट से रालोद प्रत्याशी मनीषा अहलावत जैन ने मेरठ कालेज से बीएससी जबकि अमेरिका की जार्जिया एस्टेट यूनिवर्सिटी आफ एटलांटा से मार्केटिग एंड इन्फार्मेशन सिस्टम में एमबीए किया है। उन्हें 25 साल का कार्य अनुभव है। पति अजय जैन दिल्ली में बिल्डर हैं। मनीषा ने बताया कि किसान आंदोलन में उन्होंने गाजीपुर बार्डर पर किसानों के साथ धरना दिया था। स्कूल आफ नेचर संस्था के जरिए वह ग्रामीण बालिकाओं की साक्षर बनाने पर काम कर रही हैं। बताया कि वह सरधना सीट से चुनाव लड़ना चाहती थीं। क्षेत्र में सक्रिय भी रही हैं। उनका कहना है, शिक्षित महिलाओं को राजनीति में आने की जरूरत है।


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