बीमारी का खतरा, आबादी से दूर किए जाएंगे शूकर बाड़े
मेरठ,जेएनएन। सहारनपुर में गंभीर बीमारी से एक पखवाड़े में 40 शूकरों की मौत से शासन में खलबली मच गई है। अफ्रीकन स्वाइन फ्लू बीमारी की आशंका को देखते हुए मृत शूकरों के सैंपल जांच के लिए गए हैं। बीमारी फैलने से रोकने के लिए सहारनपुर समेत मेरठ में भी शहर और ग्रामीण आबादी से शूकर बाड़े दूर करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। यह कार्रवाई पशु पालन विभाग और नगर निगम को संयुक्त रूप से करनी है।
सोमवार को अपर मुख्य सचिव डा. रजनीश दुबे ने वीडियो कांफ्रेंसिंग की। पशुपालन विभाग के अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए कि यथा संभव शूकर बाड़े आबादी से दूर किए जाएं। इसके साथ ही शूकर पालकों को अन्य व्यवसाय जैसे पोल्ट्री उद्योग अपनाने के लिए जागरूक किया जाए। शूकर पालन स्थल पर वेक्टर नियंत्रण एवं सीरो सर्विलांस की व्यवस्था की जाए। शूकर बाड़े की साफ-सफाई, कीटनाशक छिड़काव एवं मच्छर रोधी जाली से ढकने के लिए व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। पशु पालन विभाग के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. एके कंसल ने कहा कि टीमें गठित कर दी गई हैं। शूकर बाड़े आबादी से दूर करने के लिए गांवों और शहरों के बाहर जगह चिह्नित की जाएगी। शहरी क्षेत्र में नगर निगम के पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी के साथ यह कार्रवाई की जाएगी। वहीं, एक जुलाई से संचारी रोग नियंत्रण अभियान भी शुरू होगा।
जिले में 8276 शूकर
पशु पालन विभाग के सर्वे की रिपोर्ट में जिले में कुल 8276 शूकर पाए गए हैं। इनमें 5848 शूकर ग्रामीण क्षेत्रों में और 2428 शूकर शहरी क्षेत्र में आबादी के बीच पल रहे हैं। इन शूकर पालकों से पशुपालन विभाग संपर्क कर शूकरों को आबादी से दूर करने की कार्रवाई करेगा।
क्या है अफ्रीकन स्वाइन फ्लू
यह एक संक्रामक पशु रोग है, जो घरेलू और जंगली शूकर इससे संक्रमित होते हैं। संक्रमण से शूकर तेज बुखार की चपेट में आ जाते हैं। इस बुखार का इलाज संभव नहीं है। संक्रमण फैलने से रोकने के लिए जानवरों को मारना पड़ता है। इस बीमारी से ग्रस्त शूकरों का मास खाने से लोग इसकी चपेट में आ सकते हैं। अफ्रीकन स्वाइन फ्लू के लक्षण शूकर को नाक बहना, बुखार, सांस लेने में दिक्कत आदि हैं।