छप्पर फाड़ टैक्स: देश की अर्थव्यवस्था को इस तरह मजबूत कर रहे हैं मेरठ के अमीर Meerut News
मेरठ सर्किल (मेरठ और बागपत जिले) में हर साल लखपतियों की संख्या बढ़ रही है तो करोड़पतियों की आमदनी में भी इजाफा हो रहा है।
मेरठ, जेएनएन। देश की तरक्की में मेरठ के अमीर सशक्त भूमिका निभा रहे हैं। मेरठ सर्किल (मेरठ और बागपत जिले) में हर साल लखपतियों की संख्या बढ़ रही है तो करोड़पतियों की आमदनी में भी इजाफा हो रहा है। मेरठ में टैक्स देने वाले भले ही कम हैं, लेकिन वह सरकार को भरपूर टैक्स दे रहे हैं। राष्ट्रीय औसत से ज्यादा। देश की आबादी के अनुपात में आयकर देने वालों की संख्या करीब 2.5 फीसद है, जबकि मेरठ का अनुपात 4.2 फीसद के करीब है। मेरठ सर्किल के आयकर के बही-खाता को पलट रहे विवेक राव...
2.51 लाख लोग देते हैं आयकर
मेरठ आयकर विभाग के सर्किल में मेरठ के अलावा बागपत जिला भी शामिल है। मेरठ जिले की जनसंख्या करीब 34 लाख और बागपत की 15 लाख है। इस तरह मेरठ सर्किल की आबादी 49 लाख हुई। इनमें 2.51 लाख ऐसे लोग हैं जिनकी सालाना आय पांच लाख रुपये या इससे अधिक है। ये हर साल टैक्स देते हैं। आबादी के अनुपात में आयकर देने वालों की संख्या बेशक कम लगे, लेकिन मेरठ सर्किल का औसत देश के औसत से कहीं अधिक है।
अमीरी बढ़ी तो टैक्स देने वाले बढ़े
मेरठ सर्किल में पिछले एक साल में 17 हजार तीन सौ नौ नए करदाता बढ़े हैं। नोटबंदी और अन्य प्रतिकूल स्थिति के बाद भी यह बढ़ोतरी देखने को मिली है। आयकर स्लैब में देखें तो 10 लाख रुपये वार्षिक आय वाले लोगों के टैक्स का अनुपात बढ़ा है। व्यक्तिगत कर के अलावा कंपनी में मेरठ सर्किल में मैनकाइंड कंपनी सबसे अधिक टैक्स देती है।
लक्ष्य से बढ़कर भुगतान
मेरठ सर्किल में करोड़पतियों के टैक्स देने की वजह से भारत सरकार से आयकर विभाग को जो लक्ष्य मिल रहा है, उससे भी अधिक टैक्स सरकार के खाते में पहुंच रहा है। मेरठ सर्किल में इस समय दो लाख 51 हजार आयकरदाता हैं। इन्होंने पिछले साल 766 करोड़ से अधिक का टैक्स जमा किया है।
आयकर एक सेवा प्रदाता संस्थान
आयकर विभाग एक सेवा प्रदाता संस्थान है। लोगों को एक बेहतर माहौल देने की कोशिश भी हो रही है कि वह स्वेच्छा से टैक्स जमा कराएं। इससे जनता में भी बदलाव आया है जिसकी वजह से टैक्स देने वालों की संख्या बढ़ रही है। करदाताओं की शिकायतों-समस्याओं का भी समय से निराकरण किया जा रहा है। लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए 24 जुलाई को आयकर दिवस पर सबसे अधिक आयकर देने वाले करदाताओं को सम्मानित भी किया जाएगा।
- आनंद शरण सिंह, प्रधान आयकर आयुक्त, मेरठ
देश की तस्वीर भी जान लीजिए
देश की 133 करोड़ की जनसंख्या में करीब तीन करोड़ 25 लाख लोग टैक्स देते हैं। करीब चार फीसद टैक्स रिटर्न भरते हैं। देश में सबसे अधिक टैक्स मुंबई से आता है। दूसरे नंबर पर दिल्ली, तीसरे पर बंगलूरू और चौथे नंबर पर चेन्नई है। इस बार वित्तीय वर्ष 2019-20 में वित्त मंत्रलय ने पूरे देश के आयकर विभाग को करीब साढ़े तेरह लाख करोड़ रुपये टैक्स का लक्ष्य निर्धारित किया है। मेरठ सर्किल का लक्ष्य इस बार भी बढ़ सकता है।
साल दर साल बढ़ा आयकर भुगतान
वर्ष आयकरदाता
2019 2,51,040
2018 2,33,731
2017 1,87,600