रिटायर्ड ले. कर्नल पर किशोरी को बंधक बनाने का आरोप, किशोरी के पिता ने दी तहरीर Meerut News
नौकर ने ही आर्मी से रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल पर बेटी को बंधक बनाने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है। पीआरवी की टीम ने ताला तोड़कर किशोरी को मुक्त कराया।
मेरठ, जेएनएन। नौकर ने ही आर्मी से रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल पर बेटी को बंधक बनाने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है। पीआरवी की टीम ने ताला तोड़कर किशोरी को मुक्त कराया। पीआरवी पर तैनात पुलिसकर्मियों का आरोप है कि आरोपित रिटायर्ड ले. कर्नल ने उनसे भी अभद्रता की है।
ताला लगाकर किशोरी को बंधक बनाया
लालकुर्ती थाना क्षेत्र के क्लेमेंट स्ट्रीट में कोठी नंबर 300 में आर्मी से रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल देवेन्द्र सिंह मुल्तानी रहते हैं। देवेन्द्र सिंह ने कोठी में गुरुकुल के नाम से स्कूल संचालित कर रखा है। विवाह व अन्य कार्यक्रम के लिए भी देवेन्द्र कोठी को किराये पर देते हैं। कोठी के अंदर ही उनका नौकर किशन चंद अपने परिवार के साथ रहता है। गुरुवार दोपहर के समय किशन अपनी पत्नी और बेटे के साथ सब्जी लेने बाजार गया हुआ था। घर पर उनकी बेटी तनु अकेली सो रही थी। आरोप है कि देवेन्द्र सिंह ने कमरे के बाहर से ताला लगाकर किशोरी को बंधक बना लिया। तनु की आंख खुली तो उसने आवाज लगाई, लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला। कई घंटे बीत जाने के बाद तनु ने यूपी 112 पर सूचना दी। मौके पर पहुंची पीआरवी पर तैनात सिपाही परवेज त्यागी ने दरवाजा तोड़कर तनु को बाहर निकाला। सिपाही परवेज त्यागी का आरोप है कि रिटायर्ड ले. कर्नल देवेन्द्र सिंह ने उसके साथ भी अभद्रता की। किशन ने लालकुर्ती थाने पहुंचकर देवेन्द्र सिंह के खिलाफ तहरीर दी है।
मकान खाली करने का उठा थ विवाद
उधर, रिटायर्ड ले. कर्नल देवेन्द्र सिंह ने बताया कि किशन को उन्होंने कई साल पहले नौकरी पर रखा था। किशन की पत्नी को भी उन्होंने स्कूल में काम दिया। बच्चों की पढ़ाई का खर्चा भी वही उठा रहे हैं। ऐसे में मकान खाली करने को लेकर कुछ दिनों पहले विवाद हुआ था। रंजिशन किशन झूठे आरोप लगा रहा है। गलती से उनके नौकर अनीस ने कमरे के दरवाजे पर ताला लगा दिया था। बंधक बनाने का आरोप गलत है। बताया कि कुछ दिनों पहले एक मामले में लालकुर्ती एसएसआइ मनोज कुमार से उनकी बहस हो गई थी। इसी वजह से एसएसआइ उनसे बदला लेना चाहते हैं। मौके पर जांच करने पहुंचे एसएसआइ ने कहा कि पुराना मामला वह भी भूल गए हैं। आप भी भूल जाइए।