बारिश और ठंड की मार से बेहाल हुए जनपद वासी
कड़ाके की ठंड के बीच लगातार बारिश ने जनपद वासियों को हलकान कर दिया। 36 घंटे से लगातार बारिश जारी है और बीच-बीच में ओलावृष्टि से पूरा क्षेत्र ठंड की चपेट में है। सर्दी की बारिश में भीगना लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया।
मेरठ, जेएनएन। कड़ाके की ठंड के बीच लगातार बारिश ने जनपद वासियों को हलकान कर दिया। 36 घंटे से लगातार बारिश जारी है और बीच-बीच में ओलावृष्टि से पूरा क्षेत्र ठंड की चपेट में है। सर्दी की बारिश में भीगना लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया। स्कूली बच्चों को विशेष रूप से परेशानी रही। शुक्रवार शाम 5.30 बजे तक 25.1 मिमी बारिश हो चुकी थी। इसके बाद भी झड़ी लगी रही।
बारिश से हवा की सेहत जरूर सुधर गई है। प्रकृति धुली-धुली नजर नजर आ रही। एनसीआर में मेरठ का एयर क्वालिटी इंडेक्स सबसे अच्छा 172 रहा। पीएम-2.5 का स्तर सुबह आठ बजे 53 और दो बजे 45 सूचकांक रहा। दोपहर 12 और एक बजे, दो घंटे छोड़ दें तो सुबह आठ बजे से वायु की गुणवत्ता अच्छी रही।
बदलों की गर्जना और आकाशीय बिजली की चमक के साथ गुरुवार को शाम से आरंभ हुई बारिश ने अपने तेवरों के संकेत दे दिए थे। रातभर जारी रहने के बाद शनिवार को सुबह जब बारिश थमी और कुछ देर के लिए सूरज भी बादलों की ओट से झांका तो लगा कि मौसम साफ जाएगा। हालांकि दोपहर बाद 12.30 बजे से बारिश और ओलावृष्टि शुरू हो गई। इसके पहले सुबह के समय बच्चे कांपते हुए स्कूल पहुंचे। स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम रहा। यही हाल बस अड्डों और रेलवे स्टेशन पर रहा। ठंड के चलते लोग घरों में दुबके रहे। ठंड में रह-रह कर बरस रहे मेघों ने बाहर निकले लोगों का बुरा हाल कर दिया। बारिश में भीगना स्वास्थ्य की दृष्टि से लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया। मौसम विभाग ने शुक्रवार को सुबह साढ़े आठ बजे तक 16.8 मिमी और उसके बाद से शाम साढ़े पांच बजे तक बारिश 8.4 मिमी बारिश दर्ज की। लगातार बारिश से अधिकतम तापमान 19.3 डिग्री तक लुढ़क गया सामान्य से पांच डिग्री कम रहा। जबकि न्यूनतम तापमान 9.4 डिग्री पर स्थिर रहा।
मोदीपुरम में 41 मिमी बारिश
मौसम विभाग ने 36 घंटे के अंतराल में 25.1 मिमी बारिश दर्ज की है। पिछले 10 वर्षो के आंकडों पर नजर डालें तो इतनी बारिश कभी नहीं हुई है। मोदीपुरम में कृषि प्रणाली संस्थान की मौसम वेधशाला में 41 मिमी बारिश रिकार्ड की गई है। प्रधान मौसम कृषि वैज्ञानिक डा. एन सुभाष ने बताया कि इसके पहले 1997 में एक से 13 दिसंबर के मध्य 84 मिमी बारिश रिकार्ड की गई थी।
बारिश से आलू के खेतों में जलभराव होने से फसल खराब होने की आशंका है। सरदार पटेल कृषि विवि के मौसम केंद्र के प्रभारी डॉ. यूपी शाही ने बताया कि गेंहू की फसल जहां विलंब से बोई जाती है बारिश से उसमें और विलंब होगा। फूल गोभी, पत्ता गोभी जैसी सब्जियां भी बारिश की भेंट चढ़ गई हैं। उन्होंने बताया कि 14 को भी बारिश की संभावना है। रात के तापमान में भी गिरावट आएगी और इसके बाद कोहरे की संभावना बनेगी।
24 घंटे में दिसंबर में सर्वाधिक बारिश वाले दिन
वर्ष बारिश मिमी- तिथि
2019 16.8 - 13
2018 0.2 - 12
2017 9.4 - 12
2016 0
2015 0
2014 3.3 - 15
2013 3.5 - 31
2012 11 - 14
2011 1.3 - 09
2010 5.7 - 31
2009 2.2 - 16