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Fraction In BKU: राकेश टिकैत ने किया ट्वीट, बोले- सरकारों का काम किसान आंदोलन को तोड़ना

Another Fraction In Bhartiya Kisan Union रविवार को लखनऊ में भारतीय किसान यूनियन के एक प्रभावशाली धड़े ने नए संगठन की घोषणा की है। आज भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत ने ट्वीट किया है। इसमें उन्‍होंने कई बातें कही हैं।

By Parveen VashishtaEdited By: Published: Mon, 16 May 2022 09:15 PM (IST)Updated: Mon, 16 May 2022 09:15 PM (IST)
Fraction In BKU: राकेश टिकैत ने किया ट्वीट, बोले- सरकारों का काम किसान आंदोलन को तोड़ना
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत ने किया ट्वीट

मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। भारतीय किसान यूनियन में टूट के बाद संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत ने ट्वीट किया है।

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भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत ने ट्वीट में लिखा है कि सरकारों का काम होता है किसान आंदोलन को तोड़ना, फूट डालना या कमजोर करना। हमारा धर्म है किसानों की आवाज को और बुलंद करना। उनके अधिकारों की रक्षा करना। आखिरी सांस तक किसानों की लड़ाई जारी रहेगी। चौ. राकेश टिकैत के इस ट्वीट पर सकारात्मक और उन पर टिप्पणी करते दोनों तरह के कमेंट किए गए हैं।

भाकियू का नाम आते ही चौ. महेंद्र सिंह टिकैत की यादें हो जाती हैं ताजा

मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। भारतीय किसान यूनियन का नाम आते ही चौ. महेंद्र सिंह टिकैत की यादें ताजा हो जाती हैं। आंदोलनों का संचालन और संगठन के प्रंबधन में उनका कोई सानी नहीं था। यही वजह है कि उनके निधन के बाद भाकियू का कुनबा टूटता चला गया और देखते-देखते कई संगठन खड़े हो गए। अब फिर भाकियू में टूट हुई है।

नए संगठन के सामने हैं चुनौतियां

भाकियू अराजनैतिक संगठन के सामने अनेक चुनौतियां रहेंगी। भाकियू में समय-समय पर टूट हुई और संगठन बनते गए, लेकिन भाकियू का मुख्यालय सिसौली ही रहा। दबदबा इन्हीं की रहा। शासन-प्रशासन में चौ. नरेश टिकैत और चौ. राकेश टिकैत की गहरी छाप रही। अन्य संगठनों के पदाधिकारी इस प्रकार का मुकाम हासिल नहीं कर पाए। नए संगठन में राष्ट्रीय अध्यक्ष जिला फतेहपुर के हैं। उपाध्यक्ष मांगेराम त्यागी बुलंदशहर के हैं। संरक्षक और राष्ट्रीय प्रवक्ता जनपद से ही हैं। संरक्षक गठवाला खाप चौधरी राजेंद्र सिंह मलिक व प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक हैं। ऐसे में आपसी सामंस्य बैठाना आसान नहीं रहेगा। देखना होगा कि भाकियू से निकला यह संगठन टिकैत बंधुओं को कितनी चुनौती दे पाता है और किसान राजनीति में कितनी गहरी पैठ बना पाता है।

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