मेरठ में एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगा 29 गांवों के राजपूतों ने घेरी कमिश्नरी
एसएसपी के सामने प्रदर्शनकारियों ने दोनों प्रकरण में पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया। साथ ही निष्पक्ष कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
मेरठ (जेएनएन)। उल्देपुर व कपसाड़ गांव में हुए जातीय संघर्ष को लेकर मंगलवार को 29 गांवों के राजपूतों ने कमिश्नरी घेर ली। एसएसपी के सामने प्रदर्शनकारियों ने दोनों प्रकरण में पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया। साथ ही निष्पक्ष कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
उल्देपुर प्रकरण में ठाकुर पक्ष की तरफ से मृतक रोहित समेत अनुसूचित जाति के 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। राजपूत संघर्ष समिति और अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा की सोमवार को मोदीपुरम में हुई पंचायत के बाद सैकड़ों लोगों ने कमिश्नरी में डेरा जमा लिया और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की।
वक्ताओं का कहना था कि कपसाड़ में राजपूत समाज की एक बच्ची से दुष्कर्म हुआ और राजपूतों को ही जेल भेजा जा रहा है। उल्देपुर में पहले अनुसूचित जाति के लोगों ने राजपूतों के घरों पर हमला किया। इसके बाद संघर्ष हुआ। राजपूतों के बीच पहुंचे एसएसपी राजेश कुमार पांडेय के निष्पक्ष कार्रवाई के आश्वासन के बाद ग्रामीण लौटे।
भीम आर्मी पर भड़काने का आरोप : राजपूत समाज के लोगों ने आरोप लगाया कि भीम आर्मी के कुछ युवकों ने उल्देपुर में अनुसूचित जाति के लोगों को भड़काया था। अभी भी भीम आर्मी के युवक सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी डालकर राजपूतों को भड़काने का काम कर रहे हैं।
उल्देपुर और कपसाड़ की घटनाओं की हम गंभीरता से जांच कर रहे हैं। किसी निर्दोष को जेल नहीं भेजा जाएगा। राजपूत समाज को समझा दिया है।
-राजेश कुमार पांडेय, एसएसपी।