शहर में आई मुसीबतों की बारिश, जगह-जगह जलभराव
नगर निगम प्रशासन भले ही शहर में जलभराव न होने देने के दावे करे, लेकिन सोमवार से लेकर मंगलवार दोपहर तक हुई बारिश ने दावों की पोल खोल दी। शहर के कई इलाकों में सड़क और नालियां एक हो गई। बाजार जलमग्न हुए तो घरों में भी पानी घुस गया।
मेरठ । नगर निगम प्रशासन भले ही शहर में जलभराव न होने देने के दावे करे, लेकिन सोमवार से लेकर मंगलवार दोपहर तक हुई बारिश ने दावों की पोल खोल दी। शहर के कई इलाकों में सड़क और नालियां एक हो गई। बाजार जलमग्न हुए तो घरों में भी पानी घुस गया।
जुलाई में बाढ़ जैसे हालात देखने के बाद भी नगर निगम प्रशासन ने सबक नहीं लिया। इसका खामियाजा शहरवासियों को एक बार फिर भुगतना पड़ा। करोड़ों रुपये खर्च कर नालों की सफाई करने और जलभराव न होने देने के दावे सोमवार की रात हुई बारिश में साफ हो गए। बागपत रोड और लालकुर्ती के हालात सबसे खराब रहे। बागपत रोड पर नालों का पानी सड़कों पर भर गया। मोहल्ला शेखपुरा, किशनपुरा आदि पानी-पानी हो गए। घरों तक में पानी घुस गया। मलियाना फ्लाईओवर और रेलवे लाइन पार कर दिल्ली बाईपास चौराहा तक मुख्य मार्ग जलमग्न हो गया। इसके चलते ही बागपत रोड के बाजार दोपहर तक बंद रहे। यही हालात नगर निगम परिसर के सामने बाजार में रहे। दुकानों में पानी घुसने के बाद दुकानदार पानी निकालते रहे। दोपहर एक बजे के बाद स्थिति सामान्य हो सकी। उधर, गोला कुआं में मौलाना अब्दुल कलाम आजाद रोड भी पानी में डूब गई।
लालकुर्ती में तालाब जैसा नजारा
कैंट स्थित लालकुर्ती बाउंड्री रोड का नजारा तालाब जैसा रहा। लोग दिनभर परेशान रहे। यहां भी पानी घरों में घुस गया। बाजार का भी बुरा हाल रहा। गनीमत रही कि मंगलवार दोपहर बाद बारिश थम गई, वरना लोगों को 27 जुलाई की याद आने लगी थी।
कूड़े से अटे नाले..कैसे हो जलनिकासी
बारिश में शहर के नालों की सफाई की पोल खुल गई। शहर के मोहल्लों के पानी का दबाव बढ़ा तो सभी प्रमुख नाले उफन गए। बच्चा पार्क और बागपत रोड से गुजरने वाले नालों के हालात भी ऐसे ही रहे। बागपत रोड पर तो नगर निगम की जेसीबी लेकर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी पहुंचे और जल निकासी सुचारु करने के लिए नाले से गंदगी हटाई गई। मालूम हो कि बागपत रोड पर कुछ दिन पहले ही लोगों ने नगर निगम के अधिकारियों से नाले की सफाई कराने की गुहार लगाई थी।
यहां भी हुआ जलभराव
बच्चा पार्क चौराहा, गढ़ रोड पर राजकीय इंटर कॉलेज के पास, खैरनगर चौराहा, दिल्ली रोड, दिल्ली चुंगी, जली कोठी, छतरी वाला पीर, घंटाघर, रेलवे रोड चौराहा, कोटला, मकबरा डिग्गी, लालकुर्ती, ब्रह्मपुरी, शारदा रोड, भगवतपुरा, लिसाड़ी गेट, नई बस्ती, माधवपुरम, मोहकमपुर गांव, फूलबाग कॉलोनी, पांडव नगर, मोहनपुरी, पूर्वा दीन दयाल, पूर्वा फैय्याज अली, लखीपुरा, तारापुरी आदि में आंशिक जलभराव हुआ।
निगम की टीमें दौड़ीं, पर नहीं मिली राहत
नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग से सफाई नायकों और सफाई निरीक्षकों का दल सूचना मिलने पर जलभराव वाले स्थानों पर पहुंचा जरूर, लेकिन मुख्य नालों और नालियों के चोक होने से वह राहत नहीं दे सके। स्थिति ये रही कि कुछ इलाकों से पानी दो चार घंटे में निकला तो कुछ इलाके अभी भी जलभराव से जूझ रहे हैं।
गड्ढों में फंसे वाहन, गिरे लोग
शहर में बागपत रोड, लालकुर्ती समेत अन्य इलाकों में मुख्य सड़कों पर गहरे गड्ढे हैं। जलभराव होने से ये गड्ढे पानी में छिप गए, जिससे लोग पूरे दिन इन गड्ढों मे फंसकर गिरते रहे। कई वाहन चालक घायल भी हो गए।
बारिश से उखड़ीं सड़कें
बारिश ने शहर की सड़कों की स्थिति भी दयनीय कर दी। बुढ़ाना गेट के पास सड़क पर पड़ी मिट्टी सामने आ गई तो कमिश्नरी चौक के पास सड़क उखड़ गई। नूरनगर में भी सड़क पर गड्ढे हो गए। जल निकासी के बाद बागपत रोड भी जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गई। लालकुर्ती में भी यही स्थिति देखने को मिली है। गोला कुआ की सड़क भी जर्जर हो गई।
वहीं, बारिश के चलते कचहरी में दोपहर तक जगह-जगह जलभराव रहा। कचहरी में जाम जैसी स्थिति रही।
वर्जन:--
जहां से भी जलभराव की सूचनाएं मिलीं। टीम भेजकर जलनिकासी सुचारु कराने की कोशिश की गई। जलनिकासी ठप होने का प्रमुख कारण मुख्य नालों पर अतिक्रमण है, जिसके कारण नालों की सफाई नहीं हो पा रही है। इस संबंध में नगर आयुक्त को लिखेंगे। बागपत रोड पर अतिक्रमण हटाने के बाद ही वहां जलभराव से राहत दिलाई जा सकती है।
डॉ गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी बारिश व ओलावृष्टि से जनजीवन प्रभावित
मोदीपुरम । सोमवार से शुरू हुआ बारिश का सिलसिला मंगलवार दोपहर तक चला। इससे कई कालोनियों में जलभराव हो गया। कंकरखेड़ा, दौराला और पल्लवपुरम थाने में भी जलभराव हो गया। बारिश की वजह से बाजारों में दुकान दोपहर में खुली।
गेहूं की फसल को फायदा
सोमवार रात को 17.5 मिमी और मंगलवार को 33.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। साथ ही ओलावृष्टि भी हुई। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक बारिश और ओलावृष्टि से जहां गेहूं की फसल को फायदा पहुंचेगा, वहीं सरसों और आलू की फसल के लिए नुकसानदेह है।