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जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव, 30 साल में घटी बारिश और बढ़ी फसलों की लागत Meerut News

जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव सामने आ रहे हैं। 30 साल में मेरठ में औसत बारिश के आंकड़े में 113 मिलीमीटर की कमी आ गई है।

By Prem BhattEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 01:35 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 01:35 PM (IST)
जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव, 30 साल में घटी बारिश और बढ़ी फसलों की लागत Meerut News
जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव, 30 साल में घटी बारिश और बढ़ी फसलों की लागत Meerut News

मेरठ, [ओम बाजपेयी]। जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव सामने आ रहे हैं। 30 साल में मेरठ में औसत बारिश के आंकड़े में 113 मिलीमीटर की कमी आ गई है। यह रिपोर्ट मौसम विभाग ने वर्ष 1981 से 2010 के बीच हुई बारिश का आकलन कर तैयार की है। इसके पहले 1971 से 2000 के बीच मौसम के आंकड़ों के विश्लेषण के बाद रिपोर्ट जारी की गई थी। हर पांच और 10 वर्षों के बाद यह रिपोर्ट तैयार होती है। इसके बाद सामान्य बारिश का पूर्वानुमान लगाया जाता है। यह रिपोर्ट इस वर्ष जुलाई में जारी की गई है।

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बारिश के आंकड़ों पर एक नजर

- 845 मिलीमीटर बारिश औसत के आधार पर 1971 से 2000 के बीच मेरठ में मानी जाती थी सामान्य

- 732 मिलीमीटर बारिश रह गई है 1981 से 2010 के आकलन में

- 04 माह जून से सितंबर में भी इसमें कमी दर्ज की गई है

- 700 मिलीमीटर बारिश होती थी जून से सितंबर में पहले

- 606 मिलीमीटर पर सिमट गई है अब मानसून के चार महीनों में बारिश

- 20 प्रतिशत लागत खेती में पिछले पांच सालों में पानी के मद में होने वाले खर्च में बढ़ गई है भूगर्भ जल के उपयोग के चलते

- 03 शुरुआती माह में बारिश का औसत घटा, लेकिन सितंबर में बढ़ा

- 95 मिलीमीटर बारिश होती थी पहले सितंबर में

- 136 मिलीमीटर हो गई सितंबर में बारिश

प्रदूषण का दीर्घकालिक प्रभाव

सरदार पटेल कृषि विश्वविद्यालय के मौसम केंद्र के प्रभारी डा. यूपी शाही ने बताया कि घटते वन क्षेत्र और बढ़ते प्रदूषण का यह दीर्घकालिक प्रभाव है जिसके चलते बारिश के आंकड़ों में कमी आ रही है। इससे न सिर्फ फसलों की उपज प्रभावित हो रही है, बल्कि लागत बढ़ रही है। गन्ने, धान, दलहन की जो प्रजातियां अभी बोई जा रही हैं उनकी नई किस्में तैयार करने की जरूरत बढ़ गई है जो कम पानी में तैयार हो सकें।  पश्चिम उत्तर प्रदेश में 26 फीसद कम हुई मानसूनी बारिश भादो बुधवार से आरंभ हो रहा है। सावन में बारिश तो हुई है लेकिन पश्चिम उत्तर प्रदेश में अब भी मानसून सीजन में जैसी बारिश अपेक्षित थी नहीं हुई है। मौसम विभाग ने अब तक हुई बारिश को सामान्य से 26 प्रतिशत कम आंका है। कृषि प्रणाली संस्थान के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डा. एन सुभाष ने बताया कि मेरठ में भी औसत बारिश 25 प्रतिशत से कम हुई है। अगले तीन दिनों में बहुत अच्छी बारिश की संभावना नहीं है।

औसत मानसूनी बारिश के आंकड़े

माह          1971-2000 के आधार पर        1981 से 2010 के आधार पर

जून                       71                                     59

जुलाई                  269                                    209

अगस्त                265                                       202

सितंबर                95                                         136

वर्ष में कुल बारिश  845                                       732

(वर्षा मिलीमीटर में)


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